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आईआईटी गुवाहाटी की रैंकिंग में जबर्दस्त उछाला, मिला क्यूएस रैंकिंग में 491वां स्थान

गुवाहाटी।
केंद्रीय मानव संसाधन मंत्री डॉ. रमेश पोखरियाल 'निशंक' ने आईआईटी गुवाहाटी को क्यूएस रैंकिंग में 491वां स्थान प्राप्त करने पर बधाई दी। केंद्रीय मंत्री ने युवा संस्थानों की क्यूएस रैंकिंग में आईआईटी गुवाहाटी को 79 वां स्थान प्राप्त करने के लिए भी फैकल्टी, विद्याथिर्यों और शोधकर्ताओं का अभिनंदन किया। केंद्रीय मंत्री ने ये बधाई अपनी आईआईटी गुवाहाटी की संक्षिप्त यात्रा के दौरान दी। डॉ. निशंक ने अपनी यात्रा के दौरान संस्थान परिसर में पौधरोपण भी किया।

डॉ.निशंक ने विश्वास जताया कि आने वाले वर्षों में आईआईटी गुवाहाटी की रैंकिंग में और अधिक सुधार होगा। उन्होंने विश्वास दिलाया की संस्था को ढांचागत स्थापना के लिए जो भी संसाधन चाहिए, वह संसाधन उनको उपलब्ध कराए जाएंगे। मंत्री ने कहा कि इस संस्थान के ऊपर पूरे उत्तर-पूर्व की जिम्मेदारी है और उत्तर पूर्व के राज्यों का विकास सरकार की प्राथमिकता है।

केंद्रीय मानव संसाधन मंत्री डॉ. रमेश पोखरियाल 'निशंक' ने आईआईटी गुवाहाटी को को दी बधाई
 केंद्रीय मंत्री ने कहा कि हमें आईआईटी गुवाहाटी को एक शीर्ष क्षेत्रीय संस्थान के रूप में विकसित करके उत्तर पूर्व के दुर्गम व कठिन भौगोलिक क्षेत्र का उत्कृष्ट विकास का प्रयास करना चाहिए। डॉ. निशंक ने आईआईटी गुवाहाटी को बताया कि मंत्रालय ने क्यूएस अंतरराष्टय रैंकिंग संस्था के क्षेत्रीय अध्यक्ष के साथ भेंट की और उनसे आग्रह किया कि रैंकिंग प्रणाली में भारतीय परिस्थितियों के हिसाब से मांगो का चयन होना चाहिए। उन्होंने कहा कि कई मानकों पर भारतीय संस्थान इसीलिए अच्छा नहीं कर पाते क्योंकि हमारी प्रस्तुतियां विदेशियों से बिल्कुल अलग है।

मंत्री ने कहा कि यहां पर जीव विज्ञान, भौतिकी और रासायनिक का विभाग है और इन विभागों ने पिछले कुछ सालों में बहुत अच्छा शोध किया है और 25 सालों में गुणवत्तापूर्ण वैश्विक संस्थाओं में अपना स्थान बनाया है। उन्होंने आगे कहा कि संस्थान ने साढ़े 400 करोड़ के करीब शोध के क्षेत्र में राशि आवंटित की है और करीब 94 संस्थानों से भी अधिक विभिन्न संस्थाओं से फंडिंग प्राप्त की है जो अपने आप में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है।

मंत्री ने कहा कि यहां पर जीव विज्ञान, भौतिकी और रासायनिक का विभाग है और इन विभागों ने पिछले कुछ सालों में बहुत अच्छा शोध किया है और 25 सालों में गुणवत्तापूर्ण वैश्विक संस्थाओं में अपना स्थान बनाया है। उन्होंने आगे कहा कि संस्थान ने साढ़े 400 करोड़ के करीब शोध के क्षेत्र में राशि आवंटित की है और करीब 94 संस्थानों से भी अधिक विभिन्न संस्थाओं से फंडिंग प्राप्त की है जो अपने आप में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है।

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