भोपाल। गेहूं बेचने करोद मंडी आए किसान उस वक्त भड़क गए, जब नीलामी करवाने वाले मंडी कर्मचारी ने समर्थन मूल्य के बजाय बोली लगाने वाले व्यापारी की कम बोली पर नीलामी रोक दी और उससे भी कम मूल्य की पर्ची बनाने लगा। भड़के किसानों ने मंडी कर्मचारियों को दौड़ा-दौड़ाकर पीटा और जबर्दस्त हंगामा किया। हालात इतने बिगड़ गए कि प्रशासनिक अधिकारियों को पुलिस के साथ मोर्चा संभालना पड़ा। किसी तरह किसानों को मनाया जा सके, जिसके बाद ही नीलामी फिर से शुुरु हो सकी।
करोद मंडी में गेहूं की नीलामी में बोली कम करने पर विवाद
गेहूं को रिजेक्ट करने और व्यापारियों से सांठगांठ के आरोप
मंडी प्रशासन की मिलीभगत से किसानों को मिल रहे कम दाम करोद मंडी में भोपाल जिले के अलावा रायसेन, विदिशा, सीहोर आदि जिलों से गेहूं की बंपर आवक शुरु हो गई है। मंगलवार को रायसेन जिले के किसान भारत सिंह ट्राली में गेहंू लेकर पहुंचे। मंडी उद्घोषक सुरेश शाक्यवार ने नीलामी शुरु करवाते समर्थन मूल्य 1860 रुपए प्रति क्विंटल के हिसाब से बोली शुरु की, लेकिन महेश फर्म ने 1680 रुपए की बोली लगाई। इसके बाद बोली बढ़ी और 1750 पर खत्म हो गई। इसके बाद पर्ची बनी तो 1680 की थी, जिस पर आपत्ति करने पर सुरेश शाक्यवार से कहासुनी हो गई। किसानों के अनुसार मंडी कर्मचारी ने अपशब्दों का इस्तेमाल करते धमकाया कि बेचना हो तो बेच नहीं तो गेहूं ले जा। इससे किसान भड़क गए। तब तक शाक्यवार ने फोन करके डंडाधारी गार्ड बुला लिए, जिन्होंने किसानों को मारने के लिए धमकाया। इससे किसान और भड़क गए और मंडी कर्मचारियों सुरेश शाक्यवार के साथ ही राहुल राजपूत, शिवराज लोधी सहित गार्डों को घेर लिया। हालात बिगड़ते देख जिस कर्मचारी को जिधर रास्ता मिला उधर ही भाग निकला, जिनको किसानों ने दौड़ा-दौड़ाकर पीटा। इसमें एक गार्ड के हाथ में चोट भी आई।
रुकी नीलामी, पहुंचे अफसर
कर्मचारियों की पिटाई करते हुए किसानों ने मंडी प्रांगण में हंगामा मचाना शुरु कर दिया। हालात बिगड़ने की सूचना मिलते ही एसडीएम राजकुमार खत्री और तहसीलदार सुरेश सिंह मय फोर्स के पहुंचे। किसानों ने नीलामी करवाने वाले शाक्यवार के गलत पर्ची बनाने और गालियां देने की शिकायत की। तब अधिकारियों ने किसी तरह समझाकर शांत किया। इसके बाद डंडा लेकर किसानों को मारने आने की शिकायत पर तलाश की तो तीन गार्ड पकड़ में आए। एसडीएम खत्री ने नीलामी से तत्काल मंडी कर्मी शाक्यवार को हटाने के साथ ही तहसीलदार सुरेश सिंह की देखरेख में दोबारा नीलामी शुरु करवाई गई।
5 बजे रोक दी नीलामी
शाम 5:00 बजे अचानक ही मंडी कर्मचारियों ने नीलामी रोक दी, जबकि दो दर्जन से ज्यादा गेहूं भरी ट्रालियां खड़ी थी। इस पर तहसीलदार सिंह ने तत्काल मंडी सचिव प्रदीप मलिक से कारण पूछा तो जवाब नहीं दे सके। इस पर फटकारते हुए फिर से नीलामी शुरु करवाई गई।
किसान नेताओं ने खोली पोल
भारतीय किसान यूनियन के अध्यक्ष सुरेश पाटीदार और इमलिया गांव के महेश मीना ने बताया कि मंडी में व्यापारियों के साथ कर्मचारियों की मिलीभगत है। किसानों के साथ बदसलूकी की जाती है। कर्मचारियों के साथ ही मंडी के गार्ड भी गेट पर चौथ वसूली करते हैं।
समझाइश से शांत हो गया मामला
समर्थन मूल्य पर बोली 1850 रुपए थी, लेकिन व्यापारी ने 1720 लगाई। ऐसे में नीलामी यहीं से आगे बढ़ाने पर किसानों को भ्रम हो गया कि कम बोली की गई है। इससे स्थिति बिगड़ी थी, लेकिन बाद में समझाइश से सब शांत होकर दोबारा नीलामी शुरु हो गई।
प्रदीप मलिक, सचिव, कृषि मंडी करोद
करोद मंडी में गेहूं की नीलामी में बोली कम करने पर विवाद
गेहूं को रिजेक्ट करने और व्यापारियों से सांठगांठ के आरोप
मंडी प्रशासन की मिलीभगत से किसानों को मिल रहे कम दाम करोद मंडी में भोपाल जिले के अलावा रायसेन, विदिशा, सीहोर आदि जिलों से गेहूं की बंपर आवक शुरु हो गई है। मंगलवार को रायसेन जिले के किसान भारत सिंह ट्राली में गेहंू लेकर पहुंचे। मंडी उद्घोषक सुरेश शाक्यवार ने नीलामी शुरु करवाते समर्थन मूल्य 1860 रुपए प्रति क्विंटल के हिसाब से बोली शुरु की, लेकिन महेश फर्म ने 1680 रुपए की बोली लगाई। इसके बाद बोली बढ़ी और 1750 पर खत्म हो गई। इसके बाद पर्ची बनी तो 1680 की थी, जिस पर आपत्ति करने पर सुरेश शाक्यवार से कहासुनी हो गई। किसानों के अनुसार मंडी कर्मचारी ने अपशब्दों का इस्तेमाल करते धमकाया कि बेचना हो तो बेच नहीं तो गेहूं ले जा। इससे किसान भड़क गए। तब तक शाक्यवार ने फोन करके डंडाधारी गार्ड बुला लिए, जिन्होंने किसानों को मारने के लिए धमकाया। इससे किसान और भड़क गए और मंडी कर्मचारियों सुरेश शाक्यवार के साथ ही राहुल राजपूत, शिवराज लोधी सहित गार्डों को घेर लिया। हालात बिगड़ते देख जिस कर्मचारी को जिधर रास्ता मिला उधर ही भाग निकला, जिनको किसानों ने दौड़ा-दौड़ाकर पीटा। इसमें एक गार्ड के हाथ में चोट भी आई।
रुकी नीलामी, पहुंचे अफसर
कर्मचारियों की पिटाई करते हुए किसानों ने मंडी प्रांगण में हंगामा मचाना शुरु कर दिया। हालात बिगड़ने की सूचना मिलते ही एसडीएम राजकुमार खत्री और तहसीलदार सुरेश सिंह मय फोर्स के पहुंचे। किसानों ने नीलामी करवाने वाले शाक्यवार के गलत पर्ची बनाने और गालियां देने की शिकायत की। तब अधिकारियों ने किसी तरह समझाकर शांत किया। इसके बाद डंडा लेकर किसानों को मारने आने की शिकायत पर तलाश की तो तीन गार्ड पकड़ में आए। एसडीएम खत्री ने नीलामी से तत्काल मंडी कर्मी शाक्यवार को हटाने के साथ ही तहसीलदार सुरेश सिंह की देखरेख में दोबारा नीलामी शुरु करवाई गई।
5 बजे रोक दी नीलामी
शाम 5:00 बजे अचानक ही मंडी कर्मचारियों ने नीलामी रोक दी, जबकि दो दर्जन से ज्यादा गेहूं भरी ट्रालियां खड़ी थी। इस पर तहसीलदार सिंह ने तत्काल मंडी सचिव प्रदीप मलिक से कारण पूछा तो जवाब नहीं दे सके। इस पर फटकारते हुए फिर से नीलामी शुरु करवाई गई।
किसान नेताओं ने खोली पोल
भारतीय किसान यूनियन के अध्यक्ष सुरेश पाटीदार और इमलिया गांव के महेश मीना ने बताया कि मंडी में व्यापारियों के साथ कर्मचारियों की मिलीभगत है। किसानों के साथ बदसलूकी की जाती है। कर्मचारियों के साथ ही मंडी के गार्ड भी गेट पर चौथ वसूली करते हैं।
समझाइश से शांत हो गया मामला
समर्थन मूल्य पर बोली 1850 रुपए थी, लेकिन व्यापारी ने 1720 लगाई। ऐसे में नीलामी यहीं से आगे बढ़ाने पर किसानों को भ्रम हो गया कि कम बोली की गई है। इससे स्थिति बिगड़ी थी, लेकिन बाद में समझाइश से सब शांत होकर दोबारा नीलामी शुरु हो गई।
प्रदीप मलिक, सचिव, कृषि मंडी करोद