नई दिल्ली.
कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने अपनी पार्टी के घोषणा पत्र में युवाओं को 24 लाख नौकरियां देने का वादा कर खूब वाहवाही लूटी है। उन्होंने यह भी बता दिया है कि केंद्र में कांग्रेस पार्टी की सरकार बनती है तो 31 मार्च 2020 तक ये नौकरियां दे दी जाएंगी।
बेरोजगारी और एसएससी की कथित भर्ती प्रक्रिया के खिलाफ युवा-हल्लाबोल जैसे आंदोलन के अग्रणी नेता अनुपम कहते हैं, यह अच्छी बात है कि राहुल गांधी ने रोजगार को लेकर एक इच्छा शक्ति दिखाई है। अच्छा होता कि वे घोषणा पत्र में यह भी बता देते कि नौकरियों की भर्ती प्रक्रिया क्या होगी और 10 महीने में ज्वानिंग कैसे मिलेगी। चूंकि एसएससी जैसी संस्था तो पहले से ही सवालों के घेरे में है, उसे कांग्रेस पार्टी कैसे बदलेगी। 24 लाख में से 20 लाख नौकरी तो राज्य सरकारों के हाथ में है। पांच राज्यों को छोड़ दें तो बाकी जगह दूसरे दलों की सरकारें हैं। वे 10 महीने की जगह दो साल भी ले सकती हैं। इस तरह 10 महीने में नौकरी देने का वादा कैसे पूरा होगा।
अनुपम का कहना है कि एसएससी की मौजूदा स्थिति किसी से छिपी नहीं है। नौकरी ज्वानिंग में ही तीन-चार साल लग जाते हैं। पेपर लीक होने की स्थिति की जानकारी भी सभी को है। एसएससी के चेयरमैन पर जो गंभीर आरोप लगे हैं, उसके बाद भी उन्हें सेवा विस्तार मिल जाता है।
एसएससी के सीजीएल (ग्रेजुएशन) 2017 का फाइनल रिजल्ट नहीं आया है। भर्ती प्रक्रिया को लेकर सुप्रीम कोर्ट में मामले चल रहे हैं। सीजीएल 2016 के तहत करीब 1800 उम्मीदवारों की ज्वानिंग एक साल तक पेंडिंग पड़ी रही है। अभी चार-पांच महीने पहले ही उन्हें ज्वानिंग मिली है।
कांग्रेस पार्टी के घोषणा पत्र में 24 लाख नौकरियों का जिक्र है। इसमें चार लाख नौकरियां केंद्र में और 20 लाख राज्य सरकारों के दायरे में आती हैं। इन नौकरियों में साढ़े 11 लाख अध्यापक और साढ़े पांच लाख पुलिस की भर्ती होनी हैं। अनुपम के मुताबिक एसएससी में सालाना दो करोड़ आवेदन आते हैं।
कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने अपनी पार्टी के घोषणा पत्र में युवाओं को 24 लाख नौकरियां देने का वादा कर खूब वाहवाही लूटी है। उन्होंने यह भी बता दिया है कि केंद्र में कांग्रेस पार्टी की सरकार बनती है तो 31 मार्च 2020 तक ये नौकरियां दे दी जाएंगी।
बेरोजगारी और एसएससी की कथित भर्ती प्रक्रिया के खिलाफ युवा-हल्लाबोल जैसे आंदोलन के अग्रणी नेता अनुपम कहते हैं, यह अच्छी बात है कि राहुल गांधी ने रोजगार को लेकर एक इच्छा शक्ति दिखाई है। अच्छा होता कि वे घोषणा पत्र में यह भी बता देते कि नौकरियों की भर्ती प्रक्रिया क्या होगी और 10 महीने में ज्वानिंग कैसे मिलेगी। चूंकि एसएससी जैसी संस्था तो पहले से ही सवालों के घेरे में है, उसे कांग्रेस पार्टी कैसे बदलेगी। 24 लाख में से 20 लाख नौकरी तो राज्य सरकारों के हाथ में है। पांच राज्यों को छोड़ दें तो बाकी जगह दूसरे दलों की सरकारें हैं। वे 10 महीने की जगह दो साल भी ले सकती हैं। इस तरह 10 महीने में नौकरी देने का वादा कैसे पूरा होगा।
अनुपम का कहना है कि एसएससी की मौजूदा स्थिति किसी से छिपी नहीं है। नौकरी ज्वानिंग में ही तीन-चार साल लग जाते हैं। पेपर लीक होने की स्थिति की जानकारी भी सभी को है। एसएससी के चेयरमैन पर जो गंभीर आरोप लगे हैं, उसके बाद भी उन्हें सेवा विस्तार मिल जाता है।
एसएससी के सीजीएल (ग्रेजुएशन) 2017 का फाइनल रिजल्ट नहीं आया है। भर्ती प्रक्रिया को लेकर सुप्रीम कोर्ट में मामले चल रहे हैं। सीजीएल 2016 के तहत करीब 1800 उम्मीदवारों की ज्वानिंग एक साल तक पेंडिंग पड़ी रही है। अभी चार-पांच महीने पहले ही उन्हें ज्वानिंग मिली है।
कांग्रेस पार्टी के घोषणा पत्र में 24 लाख नौकरियों का जिक्र है। इसमें चार लाख नौकरियां केंद्र में और 20 लाख राज्य सरकारों के दायरे में आती हैं। इन नौकरियों में साढ़े 11 लाख अध्यापक और साढ़े पांच लाख पुलिस की भर्ती होनी हैं। अनुपम के मुताबिक एसएससी में सालाना दो करोड़ आवेदन आते हैं।