Type Here to Get Search Results !

GSP के तहत भारत से ड्यूटी फ्री आयात पर रोक लगाएगा US, जानिए क्या हैं इसके मायने और कितना होगा असर

नई दिल्ली
अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप ने जनरलाइज्ड सिस्टम ऑफ प्रेफरेंसेज (GSP) के तहत भारत और तुर्की को दिए गए तरजीही दर्जे को खत्म करने का संकेत दिया है। इसके लिए ट्रंप प्रशासन ने भारत के साथ व्यापार घाटे का हवाला दिया है। GSP के तहत अमेरिका को निर्यात होने वाले भारत के तमाम प्रॉडक्ट्स पर ड्यूटी नहीं लगती। आइए, जानते हैं कि GSP आखिर क्या है और इसके तहत भारत को दिए दर्जे को खत्म किए जाने का देश पर कितना असर पड़ेगा।
क्या है GSP? 
GSP यानी जनरलाइज्ड सिस्टम ऑफ प्रेफरेंसेज। अमेरिका ने GSP की शुरुआत 1976 में विकासशील में आर्थिक वृद्धि बढ़ाने के लिए की थी। इसके तहत चुनिंदा गुड्स के ड्यूटी-फ्री या मामूली टैरिफ पर इम्पोर्ट की अनुमति दी जाती है। अभी तक लगभग 129 देशों को करीब 4,800 गुड्स के लिए GSP के तहत फायदा मिला है। इसके तहत मुख्य तौर पर ऐनिमल हस्बैंड्री, मीट, मछली और हस्तशिल्प जैसे कृषि उत्पादों को शामिल किया गया है। इन उत्पादों को आम तौर पर विकासशील देशों के उत्पाद के तौर पर देखा जाता है।

अमेरिका और ब्रिटेन के साथ-साथ यूरोपियन यूनियन भी विकासशील देशों से GSP के तहत कुछ वस्तुओं का आयात करते हैं। यूएस ट्रेड रेप्रिजेंटटिव ऑफिस के मुताबिक GSP का उद्देश्य विकासशील देशों को अपने निर्यात को बढ़ाने में मदद करना है ताकि उनकी अर्थव्यवस्था बढ़ सके और गरीबी घटाने में मदद मिल सके।

क्या होगा असर?
GSP के तहत केमिकल्स और इंजिनियरिंग जैसे सेक्टरों के करीब 1900 भारतीय प्रॉडक्ट्स को अमेरिकी बाजार में ड्यूटी फ्री पहुंच हासिल है। अमेरिका द्वारा GSP के तहत लाभ बंद किया जाना भारत के लिए निश्चित तौर पर एक झटका है। हालांकि, वाणिज्य सचिव अनूप वधावन नहीं मानते कि इससे भारत को कोई खास नुकसान होगा। वधावन ने मंगलवार को कहा कि GSP के तहत तरजीही दर्जा वापस लेने का कोई अअसर नहीं पड़ेगा क्योंकि GSP के फायदे बहुत ज्यादा नहीं थे। भारत GSP के तहत 5.6 अरब डॉलर (करीब 39,645 करोड़ रुपये) मूल्य के सामानों का अमेरिका को निर्यात करता है। इससे भारत को सालाना 19 करोड़ डॉलर (करीब 1,345 करोड़ रुपये) का ड्यूटी बेनिफिट मिलता है। भारत मुख्य तौर पर कच्चे माल और ऑर्गैनिक केमिकल्स जैसे सामानों का अमेरिका को निर्यात करता है।

भारत ने 2017-18 में अमेरिका को 48 अरब डॉलर (3,39,811 करोड़ रुपये) मूल्य के उत्पादों का निर्यात किया था। इनमें से सिर्फ 5.6 अरब डॉलर यानी करीब 39,645 करोड़ रुपये का निर्यात GSP रूट के जरिए हुआ। इन आंकड़ों से भी जाहिर होता है कि भारत को बहुत ज्यादा नुकसान नहीं होगा। दरअसल, डॉनल्ड ट्रंप व्यापार घाटे को कम करने के लिए काफी आक्रामक हैं। चीन के साथ तो उन्होंने ट्रेड वॉर ही छेड़ दी है। बता दें कि भारत अमेरिका के साथ ट्रेड सरप्लस वाला ग्यारहवां सबसे बड़ा देश है यानी भारत का अमेरिका को निर्यात वहां से आयात से ज्यादा है। 2017-18 में भारत का अमेरिका के प्रति सालाना ट्रेड सरप्लस 21 अरब डॉलर (करीब 1,48,667 करोड़ रुपये) था। 
Tags

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ
* Please Don't Spam Here. All the Comments are Reviewed by Admin.