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अफसरों से बोलीं मंत्री- आपके कारण सरकार और मंत्रियों को लातें और गालियां खानी पड़ती हैं

ग्वालियर
 चिकित्सा शिक्षा मंत्री डॉ. विजयलक्ष्मी साधौ ने गुरुवार को विधायक प्रवीण पाठक और विधायक मुन्नालाल गाेयल के साथ जेएएच का औचक निरीक्षण कर अव्यवस्थाओं पर अधीक्षक डॉ. अशोक मिश्रा, सहायक अधीक्षक डॉ. अमित जैन और डॉक्टर्स को लताड़ा। मंत्री ने 5 मार्च तक व्यवस्थाएं सुधारने का अल्टीमेटम अधीक्षक को दिया है। 
Minister to speak with officers You cause the government and the ministers to kick and abuse
करीब ढाई माह से लिफ्ट बंद होने पर मंत्री ने कहा पूछा- मान लो ऑर्थोपेडिक के मरीज के साथ कोई अटेंडेंट नहीं है। उस बेचारे का कोई माई-बाप नहीं तो वह कैसे जाएगा तीसरी मंजिल पर? अधीक्षक डॉ. मिश्रा बोले- सिक्योरिटी और सफाई कर्मचारी ले जाते हैं। इसी बीच मंत्री को एक अटेंडेंट स्ट्रेचर पर मरीज लाते हुए दिखाई दिया, तब मंत्री अधीक्षक से बोलीं- क्यों भाई आप तो कह रहे हैं आउट सोर्सिंग वाले ले जाते हैं। कितने आदमी हैं आउट सोर्सिंग वाले और पेशेंट को स्ट्रेचर पर अटेंडेंट क्यों ले जा रहा है? 

अधीक्षक बोले ये सहायक अधीक्षक बताएंगे। सुनकर मंत्री भड़क गईं। उन्होंने कहा- कैसी बात करते हैं, आप अधीक्षक हो भाई। मुझे यहां की व्यवस्थाएं बिल्कुल समझ में नहीं आ रही हैं। आप सिर्फ बोलने और देखने के लिए हैं? इस पर डॉ. जैन ने सॉरी कहा तो मंत्री बोलीं- सॉरी, कोई एक्सक्यूज नहीं है भाई.. सरकार और मंत्रियों को लातें पड़ती हैं, गालियां खानी पड़ती हैं। केआरएच में गैरहाजिरी पर मंत्री ने स्टीवर्ट ताम सिंह को निलंबित करने के निर्देश दिए।

मंत्री बोलीं- यह कुत्तों का अस्पताल है या इंसानों का.... 
मंत्री को केआरएच में एक अटेंडेंट के पास कुत्ते बैठे दिखे। अंदर भी कुत्ते घूम रहे थे। इससे खफा मंत्री अधीक्षक से बोलीं- यह कुत्तों का अस्पताल है या इंसान का, आप ऐसे व्यवस्थाएं देख रहे हैं। गैलरी में अंधेरा देख मंत्री सहायक अधीक्षक पर नाराज हुईं और सख्त लहजे में लाइट चालू कराने के निर्देश देते हुए कहा कि मरीज पर थोड़ी मेहरबानी करो।

ठेका किसने दिया मुझे मतलब नहीं
केआरएच में जगह-जगह गंदगी देख मंत्री ने सफाई सुपरवाइजर राहुल को जमकर फटकार लगाई। विधायक मुन्नालाल गाेयल ने बोले यहां सफाई पर हर माह 60 लाख रुपए खर्च हो रहे हैं। यह सुन मंत्री ने अधीक्षक डॉ. मिश्रा से पूछा क्या है यह सब। अधीक्षक बोले सफाई का काम आउटसोर्स कंपनी कर रही है, जिसका ठेका सरकार ने ही दिया है। मंत्री बोलीं- मुझे इससे कोई मतलब नहीं है, सफाई करवाना आपकी जिम्मेदारी है। आखिर पिछली सरकार क्या देख रही थी। 

ऑर्गन ट्रांसप्लांट की सुविधा छह माह में शुरू होगी
डॉ. साधौ ने संवाददाताओं से चर्चा में कहा कि प्रदेश में अगले 6 से 12 माह में ऑर्गन ट्रांसप्लांट की सुविधा शुरू करेंगे। इससे मरीजों का पैसा बचेगा और उन्हें प्रदेश से बाहर नहीं जाना पड़ेगा। यह सुविधा भोपाल, इंदौर में शुरू होगी। बाद में इसे ग्वालियर में भी शुरू किया जाएगा। 

डॉक्टर से कहा- अपने घर में भी ऐसी ही गंदगी रखती हैं आप? 
मंत्री ने केआरएच के लेबर रूम को देखकर सहायक अधीक्षक डॉ. रीता मिश्रा से कहा आप यह मैनेजमेंट देखती हैं। अपने घर में भी इसी तरह से गंदगी रखती हैं आप। जब आपकी जिम्मेदारी सफाई व्यवस्था देखने की है तो यह देख रही हैं, यहां मरीज भर्ती हैं। डॉ. रीता मिश्रा ने कहा- फर्श पुराना है, इसलिए साफ नहीं होता। मंत्री बोलीं- अभी मेरे सामने पोंछा लगवाओ।

विधायक बोले- अधीक्षक, डीन एक-दूसरे पर टालते हैं जिम्मेदारी 

विधायक प्रवीण पाठक ने मंत्री से कहा- मैडम मैं यहां की व्यवस्थाएं सुधारने के लिए काफी प्रयास कर रहा हूं। अधीक्षक कभी डीन तो कभी सहायक अधीक्षक जिम्मेदारी टालकर बच जाते हैं तो डीन अधीक्षक पर। इसलिए अस्पताल की व्यवस्थाएं नहीं सुधर रही हैं। विधायक ने केआरएच से मरीजों को एक्सरे-अल्ट्रासाउंड के लिए ओपीडी भेजने की शिकायत भी मंत्री से की। इस मंत्री ने सख्त लहजे में अधीक्षक से कहा यह नहीं चलेगा। 
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