4 मार्च, 2019। भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उत्तर प्रदेश के कोरवा में 200 सीरीज की कलाश्निकोव असॉल्ट राइफलों के उत्पादन के लिए प्लांट का शुभारंभ किया। भारत में कलाश्निकोव असॉल्ट राइफल्स के उत्पादन करने वाले जेवी इंडो-रशियन राइफल्स प्राइवेट लिमिटेड के संस्थापकों में भारत के आॅर्डनेंस फैक्ट्री बोर्ड (ओएफबी) और रूस के रोस्टेक के रोसबोरोन एक्सपोर्ट और कलाश्निकोव समूह शामिल हैं।
रोसबोरोन एक्सपोर्ट के सीईओ अलेक्जेंडर मिखेव ने बताया कि एके-203 के उत्पादन के लिए जेवी को सक्रिय करना हर तरह से मेक इन इंडिया पहल के अंतर्गत की गई हमारी साझेदारी में मील का पत्थर है। कोरवा स्थित प्लांट सबसे उन्नत ओएफबी के छोटे हथियारों के उद्यमों में से एक है, जहां पहले से ही काम कर रहा है। स्वीकृत 750 हजार राइफलों के उत्पादन के लिए प्रमुख पुर्जे अधिकतर भारत से मिलेंगे। भारत को इतने अधिक उत्पादन की मात्रा के साथ इतने गहरे और गहन स्थानीयकरण के अवसर की पेशकश किसी कंपनी ने नहीं की है और निकट भविष्य में इसकी कोई संभावना भी नहीं है। प्लांट की क्षमता भारत की सभी सुरक्षा एजेंसियों के कर्मियों की जरूरत को पूरा करने के लिए पर्याप्त है। आवश्यकता पड़ने पर कंपनियां उत्पादन को बेहतर बनाने में सक्षम होंगी और कलाश्निकोव के अद्वितीय डिजाइन के आधार पर भविष्य के मॉडल के निर्माण की सुविधा को अपग्रेड करेंगी।
रोसबोरोन एक्सपोर्ट के सीईओ अलेक्जेंडर मिखेव ने बताया कि एके-203 के उत्पादन के लिए जेवी को सक्रिय करना हर तरह से मेक इन इंडिया पहल के अंतर्गत की गई हमारी साझेदारी में मील का पत्थर है। कोरवा स्थित प्लांट सबसे उन्नत ओएफबी के छोटे हथियारों के उद्यमों में से एक है, जहां पहले से ही काम कर रहा है। स्वीकृत 750 हजार राइफलों के उत्पादन के लिए प्रमुख पुर्जे अधिकतर भारत से मिलेंगे। भारत को इतने अधिक उत्पादन की मात्रा के साथ इतने गहरे और गहन स्थानीयकरण के अवसर की पेशकश किसी कंपनी ने नहीं की है और निकट भविष्य में इसकी कोई संभावना भी नहीं है। प्लांट की क्षमता भारत की सभी सुरक्षा एजेंसियों के कर्मियों की जरूरत को पूरा करने के लिए पर्याप्त है। आवश्यकता पड़ने पर कंपनियां उत्पादन को बेहतर बनाने में सक्षम होंगी और कलाश्निकोव के अद्वितीय डिजाइन के आधार पर भविष्य के मॉडल के निर्माण की सुविधा को अपग्रेड करेंगी।