स्कूल फीस बाकी होने पर परीक्षा में नहीं बैठाने की शिकायत एक सप्ताह में बढ़ गई है। डीईओ के पास रोज दो से तीन शिकायतें आ रही है। डीईओ अमर वरधानी ने स्पष्ट कर दिया है कि कोई स्कूल किसी स्टूडेंट का प्रवेश-पत्र नहीं रोक सकता है वहीं फीस जमा नहीं करने पर परीक्षा से वंचित भी नहीं कर सकता।
अभिभावक फीस तो परीक्षा के बाद भी जमा करा सकते हैं। यदि कोई अभिभावक बोल रहा है कि वो फीस जमा करा देगा तो स्कूल संचालक बच्चे को परीक्षा में बैठने दें।
अभिभावकों को समय पर फीस भरना चाहिए
इधर, मप्र प्रांतीय अशासकीय शिक्षण संस्था संघ के संयोजक दीपेश ओझा का कहना है कि स्कूल संचालकों की गलती नहीं है। अभिभावकों को समय पर बच्चों की फीस भरना चाहिए।
आश्वासन के बाद भी बच्चे को परीक्षा में नहीं बैठाया
मोहन खेर ने शिकायत की कि उनका बेटा चिंटू खैर बरबड़ रोड स्थित सेफायर स्कूल में केजी वन में पढ़ता है। 7800 रुपए फीस बाकी थी। 16 फरवरी को 5000 रुपए फीस जमा कर दी। बावजूद उस दिन के पेपर में बच्चे को शामिल नहीं किया। स्कूल की तृप्ति सिंह का कहना है कि जो भी आरोप लगाए जा रहे हैं गलत है। क्योंकि हमारे यहां और भी बच्चे पढ़ते हैं जिनकी फीस बाकी है। वो भी तो परीक्षा दे रहे हैं।
दसवीं की परीक्षा आज से, 19 हजार से ज्यादा स्टूडेंट होंगे शामिल
माध्यमिक शिक्षा मंडल की दसवीं बोर्ड की परीक्षा शुक्रवार से शुरू होगी। 19,018 परीक्षार्थी शामिल होंगे। परीक्षा जिले के 65 केंद्रों पर एक साथ होगी। इसमें से 13 केंद्र संवेदनशील रहेंगे। पहला पेपर संस्कृत का होगा। बारहवीं की परीक्षा 2 मार्च से शुरू होगी। इसमें 12,774 परीक्षार्थी शामिल होंंगे।
अभिभावक डीईओ के मोबाइल नंबर पर कर सकते हैं काॅल-यदि कोई निजी स्कूल संचालक फीस की मांग कर रहा है और बच्चों को परीक्षा में नहीं बैठने दे रहा है तो अभिभावक शिकायत डीईओ के मोबाइल नंबर 8989422770 पर कर सकते हैं।