राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की अखिल भारतीय प्रतिनिधि सभा के लिए केदारपुर में जुटे संघ के शीर्ष नेतृत्व ने सोमवार को संघ की तीन दिवसीय बैठक में रखे जाने वाले प्रस्तावों को लेकर चर्चा की। चर्चा में संघ प्रमुख मोहन भागवत, सर कार्यवाह भय्याजी जोशी सहित ब-मुश्किल आठ से दस वरिष्ठ लोग ही शामिल रहे।
संघ के अनुषांगिक संगठनों के प्रतिनिधि आैर अन्य को चर्चा से अलग रखा गया। उल्लेखनीय है कि तीन दिवसीय बैठक 8 मार्च से शुरू होना है। दस मार्च तक चलने वाली बैठक में संघ पिछले साल की गतिविधियों की समीक्षा के साथ ही अपनी आगामी कार्ययोजना तय करने के साथ ही अनुषांगिक संगठनों को उसके क्रियान्वयन के लिए मार्गदर्शन भी देगा।
तीन दिवसीय बैठक में रखे जाने वाले प्रस्तावों में कौन-कौन से मुद्दे शामिल होंगे, इनका अंतिम प्रारूप एक-दो दिन बाद ही तय हो पाएगा। इसके लिए अलग-अलग चर्चा होगी। उसके बाद जो निष्कर्ष निकलेगा, उसके आधार पर बैठक में रखे जाने वाले प्रस्ताव तय होंगे।
बैठक में इन प्रस्तावों को रखे जाने के बाद उन पर चर्चा होगी आैर फिर उन्हें पारित कर दिया जाएगा। जानकारी के मुताबिक बैठक में रखे जाने वाले कुछ मुख्य प्रस्तावों में आतंकवाद, धर्म आैर राष्ट्र जागरण अभियान के माध्यम से हिंदुत्व के एजेंडा को मजबूत करना, हो सकता है। इसके साथ ही अयोध्या में राम मंदिर के मुद्दे पर भी चर्चा हो सकती है।