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करतारपुर कॉरिडोर पर पाकिस्‍तान के जवाब से भड़के सीएम कैप्‍टन अमरिंदर सिंह

चंडीगढ़ 
पंजाब के मुख्‍यमंत्री कैप्‍टन अमरिंदर सिंह ने करतारपुर कॉरिडोर पर भारत की मांगों पर पाकिस्‍तान के जवाब को खारिज कर दिया है। उन्‍होंने कहा कि सिख श्रद्धालुओं की संख्‍या सीमित करने से इस कॉरिडोर को बनाने के वास्‍तविक उद्देश्‍यों को हासिल नहीं किया जा सकेगा। उन्‍होंने कहा कि पिछले 70 साल से सिख श्रद्धालु करतारपुर गुरुद्वारे के दर्शन से वंचित रहे हैं, इसलिए उन्‍हें हर दिन दर्शन करने की अनुमति दी जानी चाहिए। 



सीएम कैप्‍टन अमरिंदर सिंह का यह बयान ऐसे समय पर आया है जब गुरुवार को भारत और पाकिस्तान के डेलिगेशन के बीच करतारपुर कॉरिडोर बनाने के तौर-तरीकों पर बातचीत हुई थी। यह बैठक वाघा-अटारी बॉर्डर पर हुई थी। करतारपुर कॉरिडोर पर भारत-पाकिस्तान के संयुक्त बयान में बताया गया कि पहली बैठक में करतारपुर कॉरिडोर से गुरुद्वारा करतारपुर साहिब जाने वाले तीर्थयात्रियों की सुविधा के तौर-तरीकों और प्रारूप समझौते पर चर्चा हुई। 

सूत्रों के मुताबिक इस बातचीत के दौरान भारत ने सप्‍ताह में सातों दिन 5 हजार सिख श्रद्धालुओं को दर्शन करने की सुविधा देने की मांग की। इसके अलावा विशेष मौकों पर यह संख्‍या 15 हजार हो सकती है। भारत की इस मांग पर पाकिस्‍तान राजी नहीं है। उसने प्रतिदिन मात्र 500 लोगों को अनुमति देने पर राजी है। यही नहीं उसने विशेष मौकों पर ज्‍यादा तीर्थ यात्रियों को अनुमति देने पर कुछ नहीं कहा है। 

यही नहीं पाकिस्‍तान यह भी चाहता है कि सप्‍ताह में मात्र 3 या 4 दिन ही सिख श्रद्धालुओं को दर्शन करने की अनुमति दी जाए। पाकिस्‍तान ने यह भी कहा कि वह शुरू में केवल सिख श्रद्धालुओं को ही अनुमति देगा। हालांकि बाद में वह भारतीय नागरिकों को इसकी अनुमति दे सकता है। पाकिस्‍तान की इन्‍हीं मांगों पर कैप्‍टन का बयान आया है। 

कैप्‍टन ने ट्वीट कर कहा, 'करतारपुर कॉरिडोर पर भारत की मांगों पर पाकिस्‍तान का जवाब अनुचित है। इस तरह की बाधाओं के साथ कॉरिडोर अपने मूल उद्देश्‍य को हासिल नहीं कर सकेगा। तीर्थ यात्रियों को करतारपुर कॉरिडोर के जरिए सप्‍ताह के सातों दिन खुला दर्शन की अनुमति दी जानी चाहिए। पहचान के लिए विशेष अनुमति अच्‍छा रहेगा। वीजा की जरूरत में छूट दी जानी चाहिए। पाकिस्‍तान को इस मुद्दे पर और ज्‍यादा खुलेमन से सोचना चाहिए।' 

बता दें कि इस कॉरिडोर के बन जाने के बाद भारतीय सिख श्रद्धालु आसानी से गुरुद्वारा दरबार साहिब के दर्शन कर सकेंगे। यह कॉरिडोर पाकिस्तानी शहर करतारपुर में स्थिति गुरुद्वारा दरबार साहिब को पंजाब के गुरदासपुर शहर से जोड़ेगा। भारत करतारपुर गलियारे के लिए 190 करोड़ रुपये की लागत से अत्याधुनिक यात्री टर्मिनल भवन का निर्माण करेगा। 
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