शहर की सड़कों पर लगे केंटीलीवर, गेंट्री और बटरफ्लाई पोल से जुड़ी जांच के लिए नगर निगम के अफसर लोकायुक्त पुलिस को गुमराह कर रहे हैं। लोकायुक्त पुलिस अब तक निगम को सात दिन में रिकॉर्ड जमा कराने के नोटिस के साथ ही रिमाइंडर भी जारी कर चुकी है। इसके बावजूद निगम ने अब तक रिकॉर्ड नहीं दिया है।
नगर निगम ने दो साल पहले यूनीकॉर्प कंपनी को दस साल के लिए 156 पोल लगाने का ठेका दिया है। टेंडर में कंपनी को फायदा पहुंचाने की शिकायत लोकायुक्त पुलिस में दर्ज की गई है। कंपनी को फायदा देने के आरोप इसलिए लगे, क्योंकि कंपनी के डायरेक्टरों में पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के रिश्तेदार रोहित सिंह चौहान शामिल हैं।
लोकायुक्त को रिकॉर्ड नहीं सौंपा: लोकायुक्त ने 20 फरवरी को केंटीलीवर पोल से जुड़े रिकॉर्ड देने के लिए निगम को नोटिस दिया था। इसके बाद लोकायुक्त ने रिमाइंडर भी भेजा। लोकायुक्त पुलिस ने रिक्वेस्ट फॉर प्रपोजल (आरपीएफ) और एग्रीमेंट की प्रति मांगी है। इसके टेंडर प्रस्तावों में किन कंपनियों ने भाग लिया और उनकी दरों से जुड़ी जानकारी जांच में है। 26 फरवरी को नगर निगम ने जवाब भेजा है कि अपर आयुक्त को इसकी जिम्मेदारी सौंपी गई है। निगम आयुक्त बी. विजय दत्ता ने भी अपने स्तर पर अब तक कोई फाइल तलब नहीं की है।