Type Here to Get Search Results !

नैनीताल के जिस होटेल में लगी थी आग, वहां हनीमून के लिए रुके थे मोहम्मद अली जिन्ना

नैनीताल 
उत्तराखंड के दक्षिणी नैनीताल के जिस मेट्रोपोल होटेल में सोमवार शाम भीषण आग लगी थी उसका जिक्र इतिहास में कई पन्नों में है। एक अंग्रेज द्वारा बनवाए इस होटेल में कई विवाहित जोड़े हनीमून के लिए आते हैं। पाकिस्तान के जनक मोहम्मद अली जिन्ना अपने हनीमून के लिए यहां आकर रुके थे। सोमवार शाम को होटेल में लगी आग में किसी के हताहत होने की खबर नहीं है। 



नैनीताल के मेट्रोपोल होटेल में भयंकर आग लगने से इसका एक मुख्य हिस्सा पूरी तरह जलकर खाक हो गया। गनीमत यह रही कि यह होटेल खाली था और कोई हताहत नहीं हुआ। प्रत्यक्षदर्शियों का कहना है कि होटेल की आग की लपटें दूर-दूर तक देखी गईं। घंटों की मशक्कत के बाद दमकल की गाड़ियों ने आग पर काबू पा लिया। नैनीताल की शान रह चुके मेट्रोपोल होटेल में पाकिस्तान के संस्थापक मोहम्मद अली जिन्ना के अलावा कई फिल्मी सितारे और नेता भी ठहर चुके हैं। 

अप्रैल 1919 में पत्नी के साथ होटेल आए थे जिन्ना 
मोहम्मद अली जिन्ना अपनी पत्नी रतनबाई के साथ अप्रैल 1919 में इस होटेल में रुके थे। जिन्ना दंपती नैनीताल झील में बोटिंग के लिए भी गए थे। ऐसा कहा जाता है कि जिन्ना नैनीताल की एक ही जगह पर बने मंदिर, मस्जिद, चर्च और गुरुद्वारे को देखकर काफी प्रभावित हुए थे। उन्होंने नैनीताल के सांप्रदायिक सौहार्द्र की तारीफ की थी। जिन्ना जब नैनीताल आए थे तब वह ज्यादा चर्चित नहीं थे। वह उस वक्त तक एक वकील और साधारण राजनेता थे। 

कौन थे मोहम्मद अली जिन्ना 
मोहम्मद अली जिन्ना को पाकिस्तान का जनक कहा जाता है। वह मुस्लिम लीग के नेता थे जो पाकिस्तान के पहले गवर्नर जनरल भी बने। जिन्ना पाकिस्तान को मुस्लिमों का देश बनाना चाहते थे, जो इस्लामी कानून से चले। पिछले दिनों अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी में उनकी तस्वीर को लेकर विवाद खड़ा हो गया था। कई ऐतिहासिक किताबों में भी इस होटेल का जिक्र आ चुका है। 

शत्रु संपत्ति है होटेल
 
होटेल के मूल मालिक महाराजा महमूदाबाद के पाकिस्तान चले जाने के बाद इसे शत्रु संपत्ति घोषित कर दिया गया था। इस संबंध में हालांकि अदालत के सामने एक याचिका विचाराधीन है। होटेल की जमीन का उपयोग फिलहाल कार पार्किंग के लिए किया जा रहा था। इससे लाखों रुपये की आय भी प्राप्त होती है। 

राजा महमूदाबाद के प्रतिनिधि अब्दुल सत्तार ने बताया कि पूर्व में प्रशासन की ओर से यहां पुलिसकर्मी गार्ड के रूप में तैनात रहता था लेकिन पिछले विधानसभा चुनाव के दौरान फोर्स की कमी होने पर गार्ड हटा तो उसके बाद तैनात ही नहीं किया गया। 
Tags

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ
* Please Don't Spam Here. All the Comments are Reviewed by Admin.