माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय का नया कैंपस बिसनखेड़ी में तैयार हो रहा है। उम्मीद थी कि नए सत्र में विवि यहां शिफ्ट हो जाएगा। हाल ही में कुलपति दीपक तिवारी ने यहां का निरीक्षण किया तो कई खामियां मिलीं।
इससे छात्र-छात्राओं को सबसे अधिक दिक्कत हो सकती है। 150 सीट का गर्ल्स हॉस्टल बनाया गया है। इतनी ही सीट का ब्वॉयज हॉस्टल। यहां 300 छात्र-छात्राओं को हॉस्टल सुविधा मिल सकेगी। हॉस्टल में सभी के लिए कॉमन लैट-बाथ बनाई गई है। जबकि, कुलपति का मनाना है कि लेट-बाथ कमरे के साथ अटैच होने चाहिए। वहीं, कमरे भी इतने छोटे हैं कि बड़ी मुश्किल से दो बिस्तर और स्टडी टेबल लगने के बाद जगह खाली नहीं बचेगी।
एक ओर हॉस्टल में बने कमरों में रहने के लिए ठीक इंतजाम नहीं हैं। वहीं लगभग 4 हजार वर्गफीट में कुलपति का दफ्तर भव्य बनाया गया है। इस तरह की अन्य खामियां मिली हैं। इसलिए विश्वविद्यालय यहां शिफ्ट होने से पहले थर्ड पार्टी समीक्षा कराने की तैयारी में है। ताकि, खामियाें को शिफ्टिंग से पहले दूर किया जा सके। यहां पर कैंपस का निर्माण लगभग 190 करोड़ की लागत से हाउसिंग बोर्ड से कराया जा रहा है।
नए कैंपस में शिफ्टिंग के बाद आवाजाही में होगी परेशानी : वर्तमान में पत्रकारिता विवि शहर के बीचो-बीच संचालित हो रहा है। ऐसे में हॉस्टल नहीं होने के बाद भी छात्रों को परेशानी नहीं होती। लेकिन, बिसनखेड़ी में शिफ्ट होते ही छात्रों को परेशानी होगी। क्योंकि, सभी छात्रों को हॉस्टल की सुविधा नहीं मिल सकेगी। यहां हर साल 800 से अधिक छात्र-छात्राएं एडमिशन लेते हैं। इसमें भी अधिकतर बाहरी शहरों के रहते हैं। ऐसे में बिसनखेड़ी कैंपस के लिए शहर से आवाजाही में परेशानी उठानी पड़ सकती है। इसलिए हाॅस्टल की सुविधा बढ़ानी पड़ सकती है। एक कारण यह भी है कि विवि प्रशासन अगले सत्र को जीरो ईयर घोषित करना चाहता है।