प्रदेश में 100 यूनिट की खपत तक 100 रुपए बिजली बिल करने के बाद नए टैरिफ से लोकसभा चुनाव तक आम बिजली उपभोक्तओं को राहत मिलेगी। चुनाव तक प्रदेश में बिजली के दाम बढ़ने के आसार नहीं है। इधर, मोशन हियरिंग इस सप्ताह के अंत में होगी। मप्र विद्युत नियामक आयोग आमतौर पर अप्रैल में नई टैरिफ घोषित करता है। लेकिन इस बार इसका निर्धारण देर से होगा।
ऊर्जा विभाग के अधिकारियों के मुताबिक राज्य की तीनों विद्युत वितरण कंपनियां बढ़े हुए खर्चों के मुताबिक टैरिफ बढ़ाने के लिए आवेदन करती हैं। इसका परीक्षण होने के बाद दावे-आपत्ति आते हैं। उसके बाद ही आयोग बिजली की दर तय करता है। लाेकसभा चुनाव के मद्देनजर अगले सप्ताह तक आचार संहिता लगने की संभावना है। ऐसी दशा में लोकसभा चुनाव होने तक बिजली के दाम नहीं बढ़ेंगे। पिछले साल भाजपा शासन के दौरान भी विधानसभा चुनाव होने की वजह से टैरिफ प्लान में ज्यादा फेरबदल नहीं किया गया था। इस बार भी लोकसभा चुनाव बाद ही टैरिफ में फेरबदल के आसार हैं।
मामूली बढ़ोतरी का प्रपोजल: जानकारी के मुताबिक बिजली कंंपनियों ने आयोग को मामूली बढ़ोतरी करने का प्रपोजल दिया है। लेकिन, अब तक इस दिशा में कार्रवाई शुरू नहीं हुई है। आयोग के अधिकारियों की दलील है कि अगर टैरिफ में बढ़ोतरी भी होती है ताे इसके चुनाव बाद होने की ही संभावना है क्योंकि इतनी जल्दी प्रक्रिया पूरी नहीं की जा सकती। इसी के साथ चुनाव के बाद जब नया टैरिफ प्लान लागू किया जाएगा उसमें भी आम उपभोक्ताओं पर बोझ नहीं बढ़ाया जाएगा। गौरतलब है कि किसानों का बिजली बिल भी हाल में आधा कर दिया गया है। नए टैरिफ प्लान में घरेलू उपभोक्ताओं के लिए भी स्लैब में ज्यादा फेरबदल नहीं किया जाएगा। वर्तमान में महीने की 300 यूनिट व इससे अधिक बिजली खपत करने वाले घरेलू उपभोक्ताओं को करीब आठ रुपए प्रति यूनिट की दर से बिल अदा करना पड़ता है।