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पीएम मोदी पर एफआईआर दर्ज कराने के लिए थाने का किया घेराव, झंडा चौक पर सभा, जिपं में धरना

बड़वानी
नरेगा योजना के तहत काम करने के बाद मजदूरी का भुगतान न होना, आदिवासियों को जंगल से बेदखल करने के फैसले और समय पर राशन नहीं मिलने के विरोध में गुरुवार को जागृत दलित आदिवासी संगठन पदाधिकारियों के साथ समाज के लोगों ने रैली निकाली। कोतवाली का घेराव कर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर एफआईआर दर्ज कराने के लिए आवेदन दिया।
Police station encroach on FIR against PM Modi in badwani
झंडा चौक पर अामसभा करने के बाद जिला पंचायत कार्यालय पहुंचे। यहां करीब दो घंटे धरना प्रदर्शन कर मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा। इस दौरान संगठन पदाधिकारियों ने 15 दिन का समय दिया है। इस अवधि में तीनों समस्याओं का समाधान नहीं हुआ तो फिर से आंदोलन होगा। 

जागृत आदिवासी दलित संगठन प्रमुख माधुरीबेन ने बताया गरीबों ने नरेगा योजना के तहत जुलाई, अगस्त में काम किया था। लेकिन केंद्र सरकार ने नाममात्र का बजट दिया है। इसके चलते कई लोगों को मजदूरी का भुगतान नहीं किया है। ऐसे में भुखमरी फैल रही है। आदिवासी भाईयों को जंगल से बेदखल करने का फैसला सुप्रीम कोर्ट ने दिया है। लेकिन इस फैसले पर प्रधानमंत्री चुप रहे। इसके ये दोषी है। 

इसलिए इनके ऊपर एफआईआर होना चाहिए। साथ ही गरीबों को समय पर राशन नहीं मिल रहा है। मजदूरी के रुपए नहीं मिलने के कारण ही जिले से पलायन किया जा रहा है।
गरीबों को उठानी पड़ रही परेशानी के विरोध में ही रैली निकाली गई और प्रधानमंत्री के ऊपर एफआईआर दर्ज कराने के लिए कोतवाली में आवेदन दिया हैै। साथ ही उन्होंने चेतावनी दी है कि 15 दिन में गरीबों को मजदूरी का भुगतान नहीं हुआ तो फिर से आंदोलन होगा। 

इन धाराओं में दर्ज हो एफआईआर 
कोतवाली पहुंचे संगठन पदाधिकारियों ने आवेदन देकर प्रधानमंत्री पर धारा 166 लोकसेवक द्वारा कानून तोड़ने और हानि पहुंचाने, 374 बल पूर्वक श्रम करवाना, 420 धोखाधड़ी करना सहित अन्य धाराओं में एफआईआर दर्ज की जाए। 

ये भी जािनए... यह है केंद्र सरकार के खिलाफ नाराजगी का कारण 
सुप्रीम कोर्ट में जानबूझकर केंद्र सरकार ने पक्ष नहीं रखा। आदिवासियों को जंगलों से बेदखली के आदेश हो गए। आदिवासी देश के मूल निवासी हैं। वे सैकड़ों साल से जंगलों मे रह रहे हैं। उन्हें जंगल से बाहर कर सरकार कहां बसाएगी। उनके रोजगार के साधन क्या होंगे।
इसे लेकर सरकार ने कोई रणनीति नहीं बनाई। आदेश के मुताबिक 27 जुलाई तक जंगलों को खाली करना होगा। देशभर के एक करोड़ से ज्यादा लोग बेदखल होंगे। केंद्र सरकार ने कोई आपत्ति नहीं ली। 
आमसभा... 11 बजे से 3 बजे तक चला धरना-प्रदर्शन 
जागृत दलित आदिवासी संगठन के बैनर तले आदिवासी समाज के लोगों सुबह करीब 11 बजे राजघाट रोड स्थित कृषि उपज मंडी प्रांगण में एकत्रित हुए और सभा हुई। दोपहर एक बजे रैली की शुरुआत हुई। जो 30 मिनट बाद कोतवाली पहुंची। कोतवाली का घेराव कर नारेबाजी की। यहां एसपी के नाम प्रधानमंत्री पर एफआईआर दर्ज कराने के लिए एसडीएम अभयसिंह ओहरिया की उपस्थिति में आवेदन सौंपा गया।
यहां से रैली के रूप में सभी झंडा चौक पहुंचे। यहां करीब 30 मिनट सभा हुई। दोपहर करीब 3 बजे जिला पंचायत कार्यालय पहुंचे। यहां कार्यालय के सामने धरना प्रदर्शन किया और मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा।
अन्य मामले... संगठन ने एसडीएम को दिए 4 ज्ञापन 
जागृत आदिवासी दलित संगठन पदाधिकारियों ने जिला पंचायत में एसडीएम को अलग-अलग मामलों को लेकर चार ज्ञापन सौंपे है।
जिले में हो रहे अवैध शराब के कारोबार को लेकर 100 से ज्यादा कारोबारियों की नामजद ज्ञापन दिया है। नरेगा योजना के तहत बजट देने के लिए प्रधानमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा। जिले के लोगों को आ रही परेशानियों को लेकर मुख्यमंत्री के नाम एक ज्ञापन सौंपा गया है। 
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