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अश्विन और जडेजा को बाहर नहीं किया, बस मिले हुए मौकों का फायदा उठाया: कुलदीप

नागपुरभारत के युवा चाइनामैन गेंदबाज कुलदीप यादव ने कहा है कि उन्होंने किसी खिलाड़ी को टीम से बाहर नहीं किया लेकिन उन मौकों का पूरा फायदा उठाया जो उन्हें मिले। कुलदीप से पूछा गया था कि क्या उनके और युजवेंद्र चहल के प्रदर्शन के कारण एकदिवसीय टीम में अनुभवी स्पिनर रविचंद्रन अश्विन की जगह खत्म हो गई। चहल और कुलदीप की कलाई के स्पिनरों की जोड़ी भारत की एकदिवसीय अंतरराष्ट्रीय टीम का नियमित हिस्सा है जिससे अंगुली के स्पिनर अश्विन को इस प्रारूप में मौका नहीं मिल पा रहा है जबकि रविंद्र जडेजा तीसरे विशेषज्ञ स्पिनर बन गए हैं। 



कुलदीप ने कहा, ‘नहीं, नहीं, ऐसा बिलकुल भी नहीं है। हमने किसी को भी बाहर नहीं किया। बात सिर्फ इतनी सी है कि हमें मौके मिले और हमने अच्छा प्रदर्शन किया। उन्होंने (अश्विन और जडेजा) हमेशा भारत के लिए अच्छा प्रदर्शन किया है। टेस्ट मैचों में अश्विन और जडेजा अब भी खेल रहे हैं।’ उन्होंने कहा, ‘और हम उनसे काफी कुछ सीखते हैं। उनके पास काफी अनुभव है। जब मैं टेस्ट टीम में था तो मैंने उनसे काफी कुछ सीखा। मुझे और चहल को जब भी मौका मिला हमने टीम के लिए प्रदर्शन किया और इससे टीम को जीत मिली, इसलिए इससे खुश हूं। ’ 

कुलदीप ने पहले मैच में अच्छी गेंदबाजी की और उन्हें दो विकेट मिले। जडेजा को पहले वनडे में कोई विकेट नहीं मिला लेकिन उन्होंने काफी किफायती गेंदबाजी की। कुलदीप खुश हैं कि सभी स्पिनर अच्छी गेंदबाजी कर रहे हैं। इस स्पिनर ने कहा, ‘ईमानदारी से कहूं तो मैं, चहल और जडेजा काफी अच्छा खेल रहे हैं इसलिए चिंता की कोई बात नहीं है और हम प्रत्येक मैच पर ध्यान दे रहे हैं।’ कुलदीप से जब यह पूछा गया कि क्या किसी बल्लेबाज को गेंदबाजी करते हुए उन्होंने दबाव महसूस किया तो उन्होंने कहा, ‘ईमानदारी से कहूं तो ऐसा कोई नहीं है। कुछ ऐसे खिलाड़ी हैं जो मुझे अच्छी तरह खेलते हैं और मुझे अपने खिलाफ बड़े शाट खेले जाने का डर नहीं है।’ 

कुलदीप के अनुसार शान मार्श उन्हें काफी अच्छी तरह खेलते हैं। उन्होंने कहा, ‘शान मार्श स्पिन गेंदबाजी का काफी अच्छा खिलाड़ी है। आस्ट्रेलिया में शान मार्श काफी अच्छा खेल रहा था और वे (टीम प्रबंधन) मुझे कुछ मैचों में ब्रेक देना चाहते थे।’’ इस स्पिनर ने कहा, ‘‘इसके बाद मैंने मार्श की बल्लेबाजी का अध्ययन किया और उसे फ्रंट फुट पर काफी गेंद खेलते हुए देखा और इसका फायदा मिला। लेकिन महत्वपूर्ण यह है कि अगर वह खेलता है तो मैं अगले मैच में उसे कैसी गेंदबाजी करती हूं।’ 

ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ 12 एकदिवसीय अंतरराष्ट्रीय मैच खेल चुके कुलदीप अब इस टीम के बल्लेबाजों के खेलने के तरीके को पहचानने लगे हैं। साथ ही कुलदीप ने सहायक कोच संजय बांगड़ के मार्गदर्शन में अपनी बल्लेबाजी पर अतिरिक्त समय लगाना शुरू कर दिया है। उन्होंने कहा, ‘बेशक, बल्लेबाजी महत्वपूर्ण है, फिर यह एकदिवसीय क्रिकेट हो या टेस्ट क्रिकेट। मैं बल्लेबाजी पर अधिक ध्यान दे रहा हूं, प्रत्येक सत्र में मैं 20 मिनट के आसपास बल्लेबाजी करता हूं। कुछ करीबी मैचों में बल्लेबाजी अहम हो जाती है और मैं बांगड़ के साथ इस पर काम कर रहा हूं।’ 

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