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मिलिए 'प्लास्टिक बाबा' से, इंजिनियरिंग के बाद छेड़ी अनूठी मुहिम

इलाहाबाद 
इंजिनियरिंग करने के बाद वह अच्छी नौकरी कर सकते थे लेकिन रोहितांश शर्मा ने लीक से हटकर एक नेक काम चुना। उन्होंने प्लास्टिक के खिलाफ सत्याग्रह चलाने की योजना बनाई और इसके लिए कुंभ से बेहतर प्लैटफॉर्म कोई और नहीं हो सकता था, जहां दुनियाभर से श्रद्धालु आकर इकट्ठा हुए थे। रोहितांश शर्मा को प्लास्टिक बाबा के नाम से भी जाना जाता है।



वह और उनके सात स्वयंसेवकों ने मिलकर कुंभ मेले के परिसर में प्लास्टिक प्रदूषण के खिलाफ बड़े पैमाने पर जागरूकता फैलाई। इस दौरान उन्होंने पूरे कुंभ इलाके और गंगा नदी से 250 किलो से ज्यादा प्लास्टिक इकट्ठा किया। फिलहाल प्लास्टिक बाबा और उनके फॉलोअर्स इनमें से रीसाइकल और नॉन- रीसाइकल मटीरियल को छांट रहे हैं। 

इसके बाद वह उन्हें स्थानीय कबाड़ीवाले को उचित निदान के लिए दे देंगे। नांदेड़ कॉलेज से इंजिनियरिंग में बैचलर डिग्री हासिल करने के बाद रोहितांश ने पहले थिअटर किया और फिर समाज सेवा के लिए समर्पित हो गए। अपना अनुभव साझा करते हुए रोहितांश ने बताया, 'हमने एक महीने पहले कुंभ मेले में जाने का फैसला किया था और यहां आकर प्लास्टिक के खिलाफ अभियान चलाया।' 

1994 से समाज सेवा की ओर आकर्षित
 
उन्होंने बताया, 'श्रद्धालुओं के मन में प्लास्टिक के खिलाफ जागरूकता फैलाने के लिए मुझे कुंभ मेला बेहतर जगह लगी।' वह बताते हैं, '1994 से मैं सामाजिक सेवा की तरफ आकर्षित हुआ था लेकिन मानव स्वास्थ्य पर प्लास्टिक के दुष्प्रभाव पर अध्ययन करने के बाद मैंने देश के अलग-अलग हिस्सों में जाकर लोगों को जागरूक किया।' 

प्लास्टिक बाबा की टीम में हैं 7 सदस्य
 
रोहितांश ने कहा कि वह और उनके स्वयंसेवक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के स्वच्छ भारत मिशन से प्रभावित हैं। उनकी टीम के एक सदस्य आदित्य सोबती ने बताया, 'मैं दो साल पहले मुंबई में प्लास्टिक बाबा से मिला और उनके अभियान में शामिल हो गया। हमारी टीम में सात लोग हैं जिसमें तीन प्रयागराज से हैं। हम सभी मिलकर पर्यावरण बचाने के लिए और लोगों को प्लास्टिक के बारे में जागरूक कर रहे हैं।' 

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