Type Here to Get Search Results !

शुल्क मुक्त निर्यात की सुविधा वापस लेने के जवाब में अमेरिकी वस्तुओं पर ड्यूटी नहीं बढ़ाएगा भारत

नई दिल्लीअमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप भारत से निर्यातित वस्तुओं के लिए दिया गया जेनरलाइज्ड सिस्टम ऑफ प्रेफरेंसेज (जीएसपी) का दर्जा वापस लेने का फैसला किया है। भारत ने जवाब में अमेरिकी वस्तुओं पर ड्यूटी नहीं बढ़ाने की बात कही है। भारत के वाणिज्य सचिव अनूप वधावन ने कहा कि जीएसपी के लाभ अपेक्षाकृत कम थे। उन्होंने कहा कि दोनों देश एक-दूसरे की चिंताएं दूर करने के लिए एक ट्रेड पैकेज पर काम कर रहे हैं। 



जीएसपी प्रोग्राम के तहत भारत से आयातित 5.6 अरब डॉलर (करीब 400 अरब रुपये) की वस्तुओं पर अमेरिका कोई शुल्क नहीं लेता है। अमेरिकी ट्रेड ऑफिसरों का कहना है कि अमेरिकी संसद और भारत सरकार को सूचना दिए जाने के कम-से-कम 60 दिनों बाद ही भारत से जीएसपी का दर्जा वापस लिया जा सकता है।

तुर्की से भी छीनी उपाधि 
दरअसल, ट्रंप ने अमेरिकी कांग्रेस को जीएसपी प्रोग्राम के तहत लाभकारी विकासशील देश के रूप में भारत और तुर्की को दी गई उपाधि को समाप्त करने के अपने इरादे से अवगत कराया। ट्रंप ने दलील दी कि भारत, अमेरिका को यह आश्वासन देने में विफल रहा है कि वह विभिन्न क्षेत्रों में अपने बाजारों को न्यायसंगत एवं उचित पहुंच प्रदान करेगा। 

ट्रंप का आरोप 
अमेरिकी प्रतिनिधिसभा की स्पीकर नैंसी पैलोसी को लिखे एक पत्र में ट्रंप ने कहा कि भारत ने अमेरिका को आश्वस्त नहीं किया कि वह भारत के बाजारों में न्यायसंगत एवं उचित पहुंच प्रदान करेगा। ट्रंप ने पत्र में कहा, 'मैं यह आकलन करना जारी रखूंगा कि भारत सरकार 'जीएसपी' पात्रता मानदंड के अनुसार, अपने बाजारों में समान एवं उचित पहुंच प्रदान करती है या नहीं।' पत्र की एक प्रति मीडिया को भी जारी की गई है। ट्रंप ने एक अन्य पत्र में तुर्की से भी यह उपाधी वापस लेने की जानकारी दी। 

व्यापार घाटा कम करने की कवायद 
गौरतलब है कि ट्रंप अमेरिका का व्यापार घाटा कम करने की जद्दोजहद कर रहे हैं और इसी क्रम में वह भारत पर अमेरिकी वस्तुओं पर ऊंची दर से शुल्क लगाने का आरोप लगता रहे हैं। उन्होंने अमेरिकी संसद के नेताओं को लिखे पत्र में कहा, 'मैं यह कदम अमेरिका और भारत सरकार के बीच गंभीर बातचीत के बाद उठा रहा हूं। बातचीत में मुझे लगा कि भारत ने अमेरिका को यह भरोसा नहीं दिलाया कि वह अमेरिका के लिए बाजार उतना ही सुलभ बनाएगा जितना अमेरिका ने उसके लिए बनाया है।' 
Tags

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ
* Please Don't Spam Here. All the Comments are Reviewed by Admin.