नई दिल्ली. एयरसेल मैक्सिस सौदे में पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम की अग्रिम जमानत याचिका पर जिरह के लिए प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने तीन सप्ताह की मोहलत ली है। एजेंसी ने कोर्ट को बताया कि विदेशों से कार्ति चिदंबरम की कंपनी में पैसा आया था और इस संबंध में ब्रिटेन व सिंगापुर से दस्तावेज मिलने का इंतजार है। इस पर अदालत ने सुनवाई के लिए 26 अप्रैल की तारीख तय कर दी, साथ ही चिदंबरम व उनके बेटे कार्ति की गिरफ्तारी पर रोक भी अगली तारीख तक बढ़ा दी।
पटियाला हाउस कोर्ट के विशेष सीबीआई जज ओपी सैनी के समक्ष ईडी व सीबीआई की ओर से पेश एसजी तुषार मेहता ने कहा कि ब्रिटेन व सिंगापुर को कानूनी सहायतार्थ पत्र (एलआर) भेजे गए हैं, जिनका जवाब आना बाकी है। उन दस्तावेज से इस मामले में नए तथ्य सामने आएंगे और पैसे के स्रोत का पता चलेगा। इसके बाद ही पी. चिदंबरम की याचिका पर जिरह की जा सकती है।
इस पर चिदंबरम के वकील कपिल सिब्बल और अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि एजेंसी जान-बूझकर सुनवाई को लटका रही है। इस मामले में चिंदबरम को 31 अगस्त, 2018 के बाद से पूछताछ के लिए नहीं बुलाया गया है। अत: उनके मुवक्किल को अग्रिम जमानत दी जाए। चिदंबरम पिता-पुत्र के 3500 करोड़ के एयरसेल मैक्सिस तथा 305 करोड़ के आईएनएक्स मीडिया सौदे में सीबीआई ने 19 जुलाई को चार्जशीट दाखिल की थी।
पटियाला हाउस कोर्ट के विशेष सीबीआई जज ओपी सैनी के समक्ष ईडी व सीबीआई की ओर से पेश एसजी तुषार मेहता ने कहा कि ब्रिटेन व सिंगापुर को कानूनी सहायतार्थ पत्र (एलआर) भेजे गए हैं, जिनका जवाब आना बाकी है। उन दस्तावेज से इस मामले में नए तथ्य सामने आएंगे और पैसे के स्रोत का पता चलेगा। इसके बाद ही पी. चिदंबरम की याचिका पर जिरह की जा सकती है।
इस पर चिदंबरम के वकील कपिल सिब्बल और अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि एजेंसी जान-बूझकर सुनवाई को लटका रही है। इस मामले में चिंदबरम को 31 अगस्त, 2018 के बाद से पूछताछ के लिए नहीं बुलाया गया है। अत: उनके मुवक्किल को अग्रिम जमानत दी जाए। चिदंबरम पिता-पुत्र के 3500 करोड़ के एयरसेल मैक्सिस तथा 305 करोड़ के आईएनएक्स मीडिया सौदे में सीबीआई ने 19 जुलाई को चार्जशीट दाखिल की थी।