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कतार में डेढ़ किमी पैदल चलने के बाद होंगे महाकाल दर्शन, सोमवार को उज्जैन पहुंचेंगे लाखों श्रद्धालु

उज्जैन
महाशिवरात्रि (4 मार्च) को महाकालेश्वर के दर्शन करने आने वाले सामान्य दर्शनार्थियों को दो किमी पैदल चलना होगा। उन्हें त्रिवेणी संग्रहालय की ओर से आने वाले बेगमबाग के पीछे वाले रास्ते से बेरिकेड्स में कतार से मंदिर पहुंचाया जाएगा। प्रशासन का दावा है कि श्रद्धालुओं को दर्शन में एक घंटा लगेगा।

After walking one and a half km in the queue will be Mahakal Darshan, ujjain

प्रशासन ने सामान्य दर्शनार्थियों की कतार की शुरुआत करीब डेढ़ किमी दूर से की है। यह दूरी होल्डअप सहित है। वे त्रिवेणी संग्रहालय वाले मार्ग से कतार में लग कर माधवसेवा न्यास, सरस्वती शिशु मंदिर, महाकाल बेरिकेड्स से होकर मंदिर में प्रवेश करेंगे। 

श्रद्धालुओं के वाहन पार्किंग की व्यवस्था यहां से आधा किमी दूर होगी। तीन जगह पार्किंग तैयार की गई है। इसके पहले इसी मार्ग पर 250 सशुल्क दर्शन और शीघ्र दर्शन पास वालों की कतार भी लगेंगी।

वृद्ध, दिव्यांग और मीडिया को गेट नंबर चार से प्रवेश दिया जाएगा। सशुल्क दर्शन की रसीद के लिए महाराजवाड़ा स्कूल, विक्रम टीला, माधव सेवा न्यास पर भी काउंटर रहेंगे। बेरिकेड्स और होल्डअप में पेयजल व सुविधाघर की व्यवस्था भी की गई है। 

यह रहेंगे नो व्हीकल जोन, वाहन नहीं ले जाए 
डीएसपी ट्रैफिक एचएन बाथम ने बताया महाकाल घाटी से महाकाल थाना मार्ग, गरीब नवाज कॉलोनी से माधव सेवा न्यास, हरसिद्धि से महाकाल मंदिर और बेगमबाग से मंदिर की तरफ जाने वाले मार्ग पर वाहनों का प्रवेश निषेध रहेगा। 

भगवान का सुबह व्रत रहा
रविवार को प्रदोष होने से दोपहर में महाकाल के रुद्राभिषेक के पहले कोटेश्वर महादेव का पूजन होगा। रुद्राभिषेक के बाद लगने वाला भोग शाम 6.30 बजे सांध्य आरती में लगेगा। भगवान का सुबह व्रत रहा। 
त्रिवेणी में महाशिवरात्रि पर्व 
त्रिवेणी संग्रहालय में शनिवार से तीन दिनी महाशिवरात्रि पर्व की शुरुआत हुई। जिसमें उज्जैन और मुंबई के कलाकारों ने अपनी-अपनी कलाओं के जरिए शिव स्तुति की। उज्जैन के सुधीर सांखला एवं उनके साथियों ने मालवा की लोक नाट्य शैली माच में समकाल के दृष्टिगत नाट्य तत्वों का समावेश करते हुए माच शिव-प्रसंग किया। लेखन एवं निर्देशन सुधीर सांखला ने किया। इनके बाद मुंबई की पायल येवले के नृत्य निर्देशन में कलाकारों के समूह ने भरतनाट्यम शैली में शिव-शक्ति स्वरूप आधारित अर्द्धनारीश्वर स्वरूप को दिखाया। 

प्रस्तुतियों से पहले पर्व का शुभारंभ इतिहासकार डॉ. भगवतीलाल राजपुरोहित, प्रतिभा दवे, प्रेमचंद सृजन पीठ के डॉ. जीवन सिंह ठाकुर एवं अवधेश श्रीवास्तव ने किया। रविवार शाम 7.30 बजे से देवास के प्रफुल्ल सिंह गेहलोत एवं साथियों द्वारा कथक समूह नृत्य में शंकर त्रिलोचन किया जाएगा।
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