नई दिल्ली
असम में बीजेपी जहां अपना कुनबा बढ़ाने के लिए असम गण परिषद से एक बार फिर हाथ मिलाने में कामयाब रही. वहीं, कांग्रेस और ऑल इंडिया यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट (AIUDF) के बीच गठबंधन के कयासों पर ब्रेक लग गया है. AIUDF ने साफ कर दिया है कि चुनाव से पूर्व वह किसी भी पार्टी के साथ कोई गठबंधन नहीं करेगी. लेकिन पीछे के दरवाजे से अब भी बातचीत चल रही है.
दरअसल माना जा रहा था कि बीजेपी के खिलाफ AIUDF और कांग्रेस गठबंधन कर चुनावी मैदान में उतरेंगे. सूत्रों की मानें तो सूबे की 14 लोकसभा सीटों में से AIUDF 7 सीटें मांग रही थी, लेकिन कांग्रेस उसे महज चार सीटें ही देना चाहती थी. ऐसे में दोनों पार्टियों के बीच गठबंधन नहीं हो सका है.
AIUDF असम की धुबरी, बारपेटा, मंगलदोई, कलियाबोर, नागांव, सिलचर और करीमगंज सीट से चुनावी मैदान में उतरने का फैसला किया है. इन्हीं सातों सीटों पर वो दावा कर रही थी. मौजूदा समय में AIUDF के पास तीन सांसद थे.
असम के पूर्व सीएम तरुण गोगोई ने राज्य में एआईयूडीएफ के साथ इस गठबंधन को रोकने का क्रेडिट पहले ही क्लेम कर चुके हैं. गोगोई ने कभी भी अजमल के महत्व को सार्वजनिक रूप से स्वीकार नहीं किया और वह अभी भी अपने उस फेमस डायलॉग को दोहराते नजर आते हैं कि 'अजमल कौन है.' इसी बात को लेकर एआईयूडीएफ के तेवर सख्त हैं.
हालांकि अभी पीछे दरवाजे से अभी भी गठबंध की कवायद चल रही है. बदरुद्दीन अजमल ने दिल्ली में अहमद पटेल और अन्य राज्य के नेताओं के साथ महत्वपूर्ण बैठकें की हैं. लेकिन कुछ सीटें है जिन पर पेच फंसा हुआ है.
कलियाबोर लोकसभा सीट से तरुण गोगोई के बेटे और सांसद गौरव गोगोई के खिलाफ एआईयूडीएफ अपने मजबूत नेता को उतारने की बात कर रही है.