लोक अदालत के तहत फैमिली कोर्ट में शनिवार को एक अनूठा मामला आया। जिंसी क्षेत्र में रहने वाले 85 बरस के एक वृद्ध ने अपने पांच बेटों से एक-एक हजार रुपए का गुजारा भत्ता दिए जाने की मांग की थी। वहीं उनकी 80 वर्षीय दूसरी पत्नी ने भी पति से गुजारा भत्ता देने के लिए अर्जी लगाई थी।
लोक अदालत से पहले पूरे परिवार को साथ बैठाकर कई बार समझाइश दी। जज ने कहा कि बूढ़े माता-पिता की सेवा करना बच्चों का धर्म है। इबादत से बड़ा काम माता-पिता का ख्याल रखना है। जिन्होंने पाल-पोस कर इतना बड़ा किया उन्हें अपने हाल पर छोड़ना अच्छी बात नहीं है।
भविष्य में यदि आपके बच्चे आपके साथ ऐसा करेंगे तो क्या करोेगे? समझाइश के बाद पांचों बेटों ने कहा कि वे अब अपने माता-पिता का ख्याल रखेंगे। इस वादे के साथ वे अपने पिता और दोनों मां को साथ लेकर खुशी-खुशी रवाना हो गए।