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भजिये वाले और ज्वैलर समेत 4 व्यापारियों ने सरेंडर किए 2 करोड़, 1.58 करोड़ टैक्स लगेगा

मंदसौर
 आयकर विभाग द्वारा मंदसौर व दलौदा में पांच जगह किए गए सर्वे के दौरान भजिये वाले और ज्वैलर सहित चार व्यापारियों ने 2.03 करोड़ रुपए सरेंडर किए हैं। इसके लिए उन्हें विभाग को 1.58 करोड़ रुपए से अधिक का टैक्स और पेनल्टी के रूप में चुकाने होंगे। इनमें भजिये वाले के 10, सराफा व्यवसायी के 70, एजेंट व केमिकल व्यापारी के 39-39 लाख रुपए पेनल्टी व टैक्स के शामिल हैं। दलौदा निवासी डॉक्टर पिता-पुत्र ने 6 साल में किसी प्रकार का निवेश नहीं करने का हवाला देते हुए कुछ भी सरेंडर करने से इनकर कर दिया है।
आयकर विभाग ने यहं मारा छापा।
मंगलवार को आयकर विभाग की टीमों ने मंदसौर व दलौदा में सर्वे शुरू किया था। टीमों ने जनकूपुरा निवासी कमीशन एजेंट विजय कुमार चौधरी, कालाखेत निवासी सराफा व्यापारी अनीश पोरवाल, गोल चौराहा निवासी भजिया व्यापारी लक्ष्मीनारायण राठौर उनकी पत्नी आशा राठौर, कैमिकल व्यापारी उज्जवल मेहता व दलौदा निवासी डॉ. सुरेंद्रकुमार जैन व उनके बेटे नीलेश जैन के निवास पर जांच की।
कार्रवाई बुधवार सुबह 7.00 बजे तक चली। इस दौरान भजिये वाले लक्ष्मीनारायण राठौर ने 13 लाख रुपए, केमिकल व्यापारी मेहता ने 50 लाख, सराफा व्यवसायी पोरवाल ने 90 लाख व एजेंट चौधरी ने 50 लाख रुपए निवेश करने की जानकारी दी।


डॉ. जैन का दावा- 6 साल में नहीं किया कोई निवेश, अफसर बोले- 3 साल पहले कपड़े की दुकान व बाइक शोरूम खुला, सालभर पहले ऑडी कार ली : आयकर सर्वे में दलौदा निवासी आरएमपी डॉ. जैन ने विभाग को सरेंडर करने से इनकार कर दिया है। उनका कहना है कि उन्होंने 6 साल में कुछ भी निवेश नहीं किया। विभाग जिसकी जांच कर रहा है वह 6 साल पुराना निवेश है। विभागीय अधिकारियों की मानें तो डॉ. जैन ने तीन साल पहले अंकुर स्कूल के पास होटल व शोरूम खोला।
दो साल पहले कपड़े की दुकान खोली। करीब साल भर पहले ऑडी कार खरीदी। हाल ही में तस्करी के मामले में भी पुलिस अधिकारियों को 40 लाख रुपए देकर तोड़ करने के मामले में भी डॉ. जैन का नाम सामने आया था। इसके बाद ही विभाग का ध्यान इन पर गया और कार्रवाई हुई। आयकर अधिकारी अजीतकुमार पिल्लै ने बताया दस्तावेजों की जांच की जा रही है। इसके बाद ही स्थिति स्पष्ट होगी।

जानिए, किस व्यापारी को कितनी राशि चुकाना होगी टैक्स, सरचार्ज और एजुकेशन सेस के रूप में :विभागीय अधिकारियों की मानें तो अघोषित संपत्ति पर निवेश व अघोषित खर्च पर लगने वाले टैक्स की दर 60 प्रतिशत होती है। उस पर 25 प्रतिशत सर्च चार्ज भी लगता है। कुल टैक्स पर 4 प्रतिशत सेस भी देना होता है। इस हिसाब से भजिये वाले को 13 लाख रु. सरेंडर करने पर 10 लाख 14 हजार रुपए देने होंगे। इसमें 7.80 लाख रुपए टैक्स, 1.95 लाख सरचार्ज व 39 हजार रुपए एजुकेशन सेस शामिल है।
केमिकल व्यापारी व सराफा व्यापारी को 50-50 लाख सरेंडर करने पर 39-39 लाख रुपए चुकाना होंगे। इसमें 30-30 लाख लाख रु. टैक्स, 7.50-7.50 लाख सरचार्ज, 1.50-1.50 लाख रुपए एजुकेशन सेस शामिल है। सराफा व्यापारी को 90 लाख रुपए सरेंडर करने पर 54 लाख रुपए टैक्स, 13.50 लाख सरचार्ज व 2.70 लाख एजुकेशन सेस सहित कुल 70 लाख रुपए चुकाना होंगे।

चार जगह कार्रवाई से ही मिल गया 8 प्रतिशत टैक्स : आयकर विभाग द्वारा की गई कार्रवाई में उसे चार स्थानों से ही वार्षिक टार्गेट का 8 प्रतिशत टैक्स जमा हो जाएगा। विभागीय अधिकारियों की मानें तो विभाग का वार्षिक लक्ष्य 19 करोड़ रुपए है। मंदसौर में चार स्थानों पर हुई कार्रवाई से ही 1 करोड़ 58 लाख रुपए टैक्स के रूप में टैक्स जमा हो जाएगा।

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