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रात 2.30 बजे खुले महाकाल मंदिर के पट, एक किमी लंबी लाइन में लगकर भक्त कर रहे बाबा के दर्शन

उज्जैन
महाशिवरात्रि का पर्व सोमवार को देशभर में धूमधाम से मनाया जा रहा है। भक्तों की कतार अलसुबह से ही शिव मंदिरों में लग गई थी। अलसुबह अभिषेक पूजन के बाद दर्शन का सिलसिला शुरू हुआ। दूसरी ओर महाकाल मंदिर में शिव नवरात्रि के चलते भगवान का प्रतिदिन दूल्हे के रूप में विशेष शृंगार किया जा रहा है।
लोकसभा स्पीकर सुमित्रा महाजन ने सोमवार को उज्जैन पहुंच महाकाल के दर्शन किए
मंदिर तथा आसपास का क्षेत्र विवाह मंडप की तरह जगमगा रहा है। सोमवार तड़के 2.30 बजे से महाकाल बाबा के दर्शन के लिए पट खुले। भक्त 44 घंटे तक बाबा के दर्शन कर पाएंगे। बड़ी संख्या में पहुंचने वाले श्रद्धालुओं की सुरक्षा को लेकर विशेष व्यवस्था की गई है।
महाशिवरात्रि पर सोमवार को पहली बार महाकाल मंदिर में दर्शन के लिए नए इंतजाम किए गए हैं। श्रद्धालुओं को कतार में लगने के बाद डेढ़ किलोमीटर चलना पड़ रहा है। दर्शन की कतार त्रिवेणी संग्रहालय मार्ग से लगवाई गई है। रास्ते में तीन जगह होल्डअप हैं, जहां पानी और सुविधाघर की व्यवस्था की गई है। प्रशासन का दावा है कि आम कतार में 1 घंटा और 250 रुपए के टिकट से 30 मिनट में दर्शन हो रहे हैं।


बाबा महाकाल की भस्मआरती में हजारों लोग शामिल हुए।
महाकाल मंदिर में आज ये प्रमुख आयोजन : सोमवार तड़के 2-4.30 बजे भस्मआरती, सुबह 7.30 बजे दद्योदक आरती, 10.30 बजे भोग आरती, दोपहर 12 बजे- तहसील की ओर से अभिषेक पूजन-आरती, शाम 4 बजे होल्कर व सिंधिया अभिषेक पूजन, 5.30 बजे सांध्य आरती, रात 8 बजे कोटेश्वर महादेव पूजन, रात 11 बजे से महाशिवरात्रि महापूजा। मंगलवार तड़के 5 बजे सेहरा बंधन, सुबह 6 बजे मंगल आरती, दोपहर 12 बजे भस्मआरती, 2 बजे मध्यान्ह आरती, शाम 5 बजे शृंगार आरती, 6 बजे सांध्य आरती, रात 10.30 बजे शयन आरती।
लोस स्पीकर बाबा महाकाल से आशीर्वाद लेने पहुंची।

ओंकारेश्वर में भी उमड़ी भक्तों की भीड़ : देश के 12 ज्योतिर्लिंगों में प्रमुख ओंकारेश्वर में महा शिवरात्रि पर अलसुबह से ही भक्तों की भीड़ उमड़ी। यहां 24 घंटे बाब भक्तों को दर्शन देंगे- मंदिर के पट सुबह 3 बजे से दर्शनार्थ खोल दिए गए। हालांकि श्रद्धालु सुबह 7 बजे तक ही ज्योतिर्लिंग पर जल चढ़ा सके। इसके बाद बाबा का श्रृंगार दर्शन शुरू हुआ। तड़के ज्योतिर्लिंग का रुद्राभिषेक पूजन कर 251 किलो पेड़े का भोग लगाया गया। इसकी प्रसादी भक्तों में वितरित की गई।
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