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गडकरी ने इंदौर के लिए बनवाया रोप-वे प्रोजेक्ट, 23 किमी के 5 रूट, हर घंटे गुजरेंगे 60 हजार यात्री

इंदौर
 शहर की सबसे बड़ी समस्या ट्रैफिक के समाधान के लिए अब रोप-वे का विकल्प सामने आया है। भास्कर द्वारा ट्रैफिक पर शुरू की गई मुहिम के बाद लोकसभा स्पीकर सुमित्रा महाजन ने केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी से पिछले दिनों चर्चा की थी। इस दौरान महाजन ने उन्हें रोप-वे के बारे में बताया। इस पर गडकरी ने यह काम करने वाली कंपनी वाप्कोस लिमिटेड से इंदौर के लिए प्रोजेक्ट तैयार करवाया। यह कंपनी गडकरी के ही मंत्रालय के तहत आती है।
Gadkari planned -ropeway project for Indore
रविवार को एआईसीटीएसएल दफ्तर में महाजन की मौजूदगी में रोप-वे प्रोजेक्ट का प्रेजेंटेशन दिया गया। इसके अलावा आवागमन का बेहतर विकल्प बनाए जाने पर भी चर्चा हुई। महाजन ने कहा कि इंदौर में बढ़ते ट्रैफिक और जाम की समस्या से राहत पाने के लिए कई विकल्पों पर चर्चा हो रही है।
जब इस बारे में गडकरी से चर्चा हुई तो उन्होंने एक सुझाव रोप-वे को लेकर भी दिया। बैठक में महापौर मालिनी गौड़, शंकर लालवानी, रामस्वरूप मूंदड़ा, निगम सभापति अजयसिंह नरूका सहित एमआईसी सदस्य और जनप्रतिनिधि मौजूद थे। 
एक रोप-वे बनाने में लगते हैं चार से पांच साल : कंपनी के अधिकारी प्रदीप कुमार ने रोप-वे तकनीक को लेकर प्रजेंटेशन दिया। उन्होंने बताया कि एक रोप-वे बनाने में चार-पांच साल लगते हैं। मेट्रो की तुलना में लागत महज 11% है। एक रूट पर प्रति घंटे 12 हजार यात्री आ-जा सकेंगे। यानी इंदौर के 5 रूट पर 60 हजार यात्री सफर कर सकेंगे।
  • एक ट्रॉली में 18 लोग बैठ सकते हैं। ट्रैफिक के अनुपात में ट्रॉली बढ़ाई जा सकती है। 
  • रोप-वे का संचालन बिजली से होगा। इससे प्रदूषण भी नहीं होगा।
  • दुनियाभर में इसे विमान सेवा के बाद सबसे सुरक्षित माना जाता है।
  • जमीन अधिग्रहण की जरूरत नहीं के बराबर, पोल 5 फीट ही जगह लेगा।
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