भोपाल। मध्यप्रदेश की मंडियों में होने वाली प्लाटों की नीलामी महज इसलिए नहीं हो पा रही है कि, प्लाट नीलामी के पुराने नियमों को संशोधित करके बनाए जाने वाले भूखंड आवंटन नियम-2018 साल-दर-साल बीतने के बाद भी फायनल नहीं हो पा रहे हैं। दूसरी ओर, मंडी कारोबारियों का दबाव बढ़ता जा रहा है कि दस साल पुराने नियमों के बजाय नए नियमों से ही नीलामी होनी चाहिए।
फायनल नहीं हो सके सूबे की मंडियों में प्लाट नीलामी के लिए बने नियम
व्यापारियों का बढ़ रहा है दबाव कि नए नियम लागू होने पर ही हो नीलामी
गौरतलब होगा कि मंडियों में प्लाटों की नीलामी भूखंड आवंटन नियम-2009 के अनुसार ही हो रही है। हालांकि इस नियम में कई विसंगतियों के साथ ही कारोबारियों को परेशानी होने से बदलाव की मांग के बाद तत्कालीन भाजपा सरकार ने एक विशेषज्ञ कमेटी का गठन किया था। इस विशेषज्ञ कमेटी में मंडी व्यापारी, किसानों के साथ ही विधि विशेषज्ञ और मंडी बोर्ड के अधिकारियों को शामिल किया गया था। इस कमेटी की सिफारिशों के बाद ही नवीन भूखंड आवंटन नियम-2018 प्रस्तावित किए गए थे। इसके बाद प्रस्तावित भूखंड आवंटन नियम-2018 को मंडी बोर्ड की ओर से प्रमुख सचिव, कृषि विभाग को भेजा गया, जहां से क्वेरी करते हुए कुछ आॅब्जेक्शन के साथ वापस कर दिए गए। इसके बाद बोर्ड की ओर से अपेक्षित संशोधन और जवाब के साथ प्रस्ताव फिर प्रमुख सचिव को भेजा गया, लेकिन फिर आपत्तियों और क्वेरी के साथ वापस हो गया। तब से ही भूखंड आवंटन नियम-2018 की फाइल मंडी बोर्ड के बस्ते में है।
किश्तों में जमा की खास सुविधा होगी नए नियम में
सूत्रों के अनुसार भूखंड आवंटन नियम-2009 में प्लाट की बोली लगाने वाले व्यापारियों को बोली फायनल होने पर अधिकतम एक महीने में प्लाट की सारी कीमत जमा करनी अनिवार्य है। अन्यथा प्लाट की बोली निरस्त करके अमानत राशि जब्त हो जाएगी। इसी मुश्किल हो दूर करने के लिए प्रस्तावित नए नियम-2018 में प्लाट की उच्चतम बोली लगाने वाले कारोबारी को राशि जमा करने के लिए तीन से चार किश्तों की सुविधा दी गई है।
व्यापारी नए नियमों पर अडेÞ, जिनसे मिलेगी सुविधा
कारोबार मंदा चल रहा है, जिससे एक बार में ही नीलामी का सारा पैसा जमा करना मुश्किल हो रहा है। अगर नए नियम आते हैं तो किश्तों में भुगतान की सुविधा मिल जाएगी।
मोहम्मद मुश्ताक, उपाध्यक्ष, मप्र थोक सब्जी विक्रेता संघ
हमारी मांग पर संशोधन, लेकिन लागू कब होंगे
कारोबारियों की मांग पर ही 2009 के पुराने नियमों को संशोधित करते 2018 नियम बनाए गए, लेकिन लागू नहीं हो पा रहे हैं। इससे कारोबारियों को प्लाट लेने में मुश्किल आ रही है।
मोहम्मद सलीम, सहसचिव, मप्र थोक सब्जी विक्रेता संघ
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क्वेरी का समाधान जल्द होकर फायनल हो जाएगा
नियम-2018 को लेकर प्रस्तावित ड्राफ्ट में शासन स्तर से क्वेरी की गई थी, जिससे फंडामेंटली चेंज किया जाना है। जल्द ही फाइनल ड्राफ्Þट भेज देंगे।
फैज अहमद किदवई, प्रबंध संचालक, मंडी बोर्ड
फायनल करने में कई इशू हैं, जिससे है पेंडिंग
भूखंड आवंटन नियम-2018 को फायनल करने में कई प्रॉब्लम्स हैं। कई इशू हैं, जिनका निराकरण होना जरुरी है। इसी कारण विलंब हो रहा है।
राजेश राजौरा, प्रमुख सचिव, कृषि विभाग
फायनल नहीं हो सके सूबे की मंडियों में प्लाट नीलामी के लिए बने नियम
व्यापारियों का बढ़ रहा है दबाव कि नए नियम लागू होने पर ही हो नीलामी
गौरतलब होगा कि मंडियों में प्लाटों की नीलामी भूखंड आवंटन नियम-2009 के अनुसार ही हो रही है। हालांकि इस नियम में कई विसंगतियों के साथ ही कारोबारियों को परेशानी होने से बदलाव की मांग के बाद तत्कालीन भाजपा सरकार ने एक विशेषज्ञ कमेटी का गठन किया था। इस विशेषज्ञ कमेटी में मंडी व्यापारी, किसानों के साथ ही विधि विशेषज्ञ और मंडी बोर्ड के अधिकारियों को शामिल किया गया था। इस कमेटी की सिफारिशों के बाद ही नवीन भूखंड आवंटन नियम-2018 प्रस्तावित किए गए थे। इसके बाद प्रस्तावित भूखंड आवंटन नियम-2018 को मंडी बोर्ड की ओर से प्रमुख सचिव, कृषि विभाग को भेजा गया, जहां से क्वेरी करते हुए कुछ आॅब्जेक्शन के साथ वापस कर दिए गए। इसके बाद बोर्ड की ओर से अपेक्षित संशोधन और जवाब के साथ प्रस्ताव फिर प्रमुख सचिव को भेजा गया, लेकिन फिर आपत्तियों और क्वेरी के साथ वापस हो गया। तब से ही भूखंड आवंटन नियम-2018 की फाइल मंडी बोर्ड के बस्ते में है।
किश्तों में जमा की खास सुविधा होगी नए नियम में
सूत्रों के अनुसार भूखंड आवंटन नियम-2009 में प्लाट की बोली लगाने वाले व्यापारियों को बोली फायनल होने पर अधिकतम एक महीने में प्लाट की सारी कीमत जमा करनी अनिवार्य है। अन्यथा प्लाट की बोली निरस्त करके अमानत राशि जब्त हो जाएगी। इसी मुश्किल हो दूर करने के लिए प्रस्तावित नए नियम-2018 में प्लाट की उच्चतम बोली लगाने वाले कारोबारी को राशि जमा करने के लिए तीन से चार किश्तों की सुविधा दी गई है।
व्यापारी नए नियमों पर अडेÞ, जिनसे मिलेगी सुविधा
कारोबार मंदा चल रहा है, जिससे एक बार में ही नीलामी का सारा पैसा जमा करना मुश्किल हो रहा है। अगर नए नियम आते हैं तो किश्तों में भुगतान की सुविधा मिल जाएगी।
मोहम्मद मुश्ताक, उपाध्यक्ष, मप्र थोक सब्जी विक्रेता संघ
हमारी मांग पर संशोधन, लेकिन लागू कब होंगे
कारोबारियों की मांग पर ही 2009 के पुराने नियमों को संशोधित करते 2018 नियम बनाए गए, लेकिन लागू नहीं हो पा रहे हैं। इससे कारोबारियों को प्लाट लेने में मुश्किल आ रही है।
मोहम्मद सलीम, सहसचिव, मप्र थोक सब्जी विक्रेता संघ
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क्वेरी का समाधान जल्द होकर फायनल हो जाएगा
नियम-2018 को लेकर प्रस्तावित ड्राफ्ट में शासन स्तर से क्वेरी की गई थी, जिससे फंडामेंटली चेंज किया जाना है। जल्द ही फाइनल ड्राफ्Þट भेज देंगे।
फैज अहमद किदवई, प्रबंध संचालक, मंडी बोर्ड
फायनल करने में कई इशू हैं, जिससे है पेंडिंग
भूखंड आवंटन नियम-2018 को फायनल करने में कई प्रॉब्लम्स हैं। कई इशू हैं, जिनका निराकरण होना जरुरी है। इसी कारण विलंब हो रहा है।
राजेश राजौरा, प्रमुख सचिव, कृषि विभाग