Type Here to Get Search Results !

आदिवासियों को जंगल से बेदखल करने के मामले में SC के आदेश पर सियासत का दखल

नई दिल्ली
आदिवासियों को जंगल से बाहर करने से संबंधित सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद यह अब आम चुनाव में बड़ा मुद्दा बनता नजर आ रहा है। कांग्रेस ने तुरंत इसके विरोध में पूरे देश में आंदोलन चलाने की घोषणा के साथ ही आदिवासियों के लिए कानूनी लड़ाई लड़ने की घोषणा की। पहले कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने छत्तीसगढ़ के सीएम भूपेश बघेल को इस फैसले के विरोध में सुप्रीम कोर्ट में रिव्यू याचिका डालने के लिए चिट्ठी लिखी और उसके बाद कांग्रेस के सीनियर नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया ने मध्य प्रदेश के सीएम कमलनाथ को सुप्रीम कोर्ट में रिव्यू याचिका डालने का आग्रह किया। इन दोनों राज्यों में ऐसी आबादी अधिक है जो इससे प्रभावित होगी।



उधर, झारखंड और ओडिशा में भी कांग्रेस और सहयोगी दल सड़क पर उतर गए। वहीं, इन घटनाक्रमों के बीच चिंतित मोदी सरकार और बीजेपी ने भी डैमेज कंट्रोल शुरू कर दिया है। सोमवार को यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ ने भी इस आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में रिव्यू याचिका डालने की घोषणा की। सूत्रों के अनुसार केंद्र सरकार भी आम चुनाव से ठीक पहले इस मुद्दे को सियासी रूप से आगे बढ़ने से पहले कुछ ठोस कदम उठाने पर विचार कर रही है। इसके लिए कानून मंत्रालय से तमाम विकल्प मांगे गए हैं।

सूत्रों के अनुसार, सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद संघ भी चिंतित है। संघ से जुड़ी वनवासी कल्याण आश्रम ने कहा कि 13 फरवरी को सुप्रीम कोर्ट के आए फैसले से लगभग 10 लाख परिवार सीधे ताैर पर प्रभावित होंगे। आश्रम ने मांग की है कि केंद्र सरकार अध्यादेश या पुनर्विचार याचिका के माध्यम से तुरंत हस्तक्षेप करे और इसपर अंतिम फैसला आने तक क उस आदेश पर रोक लगाए। सूत्राों के अनुसार लोकसभा की ऐसी लगभग 60 सीटें हैं जहां इनकी आबादी नतीजे प्रभावित कर सकती है। 2014 आम चुनाव में एससी की सुरक्षित 50 सीटों में बीजेपी ने 40 में जीत हासिल की थी जबकि कांग्रेस को मात्र एक सीट में जीत मिली थी। बाकी जगह क्षेत्रीय दल विजेता रहे थे।

13 साल पुराना है कानून

जिस आदेश के तहत सुप्रीम कोर्ट ने आदिवासियों को जंगल से बेदखल करने का आदेश जारी किया उससे जुड़ा कानून यूपीए -1 के समय बना था। 2006 में तत्कालीन यूपीए सरकार ने वनाधिकार कानून बनाया था। इस कानून में आदिवासियों को जंगल में रहने का कानूनी कवच दिया गया था। इस प्रावधान का पर्यावरणविदों ने विरोध करते हुए सुप्रीम कोर्ट में याचिका डाली जिसपर लगभग 10 साल तक की सुनवाई के बाद 13 जुलाई को फैसला आया कि देश के 16 राज्यों के 11 लाख 27 हजार 446 परिवारों को इस साल जुलाई से पहले जंगल छोड़ना होगा।
Tags

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ
* Please Don't Spam Here. All the Comments are Reviewed by Admin.