नई दिल्ली
भारत की तरफ से पाकिस्तान में आतंकी ठिकानों पर की गई कार्रवाई के बाद यह सवाल उठने लगा है कि क्या लोक सभा चुनाव के मद्देनजर बीजेपी ने कांग्रेस पर पहले ही बढ़त बना ली है? 11 दिसंबर को तीन राज्यों (मध्य प्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़) में बीजेपी को हराने के लिए कांग्रेस ने रोजगार और किसानों को मुद्दा बनाया था। इसके बाद कांग्रेस ने 14 फरवरी को पुलवामा हमले के अगले दिन जनता के मूड पर चर्चा के लिए मीटिंग की। देश में चुनावी माहौल में ये 2 महीने कांग्रेस के लिए काफी लंबे साबित हुए। मंगलवार को भारत की तरफ से की गई एयर स्ट्राइक के बाद कांग्रेस पार्टी अब चुनाव मुद्दों को लेकर सकते में आ गई है।
पिछले साढ़े चार साल में कांग्रेस ने 'मोदी सरकार का रिपोर्ट कार्ड' को लेकर जिस तरह का माहौल बनाया था, अब वह बीजेपी के 'राष्ट्रवाद' के आगे फीका पड़ता हुआ दिख रहा है। बताया जा रहा है कि 14 फरवरी के पुलवामा हमले के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जिस तरह से प्रतिक्रिया दी, उसके बाद ही लोगों के मूड में बदलाव दिखने लगा था। जानकारों का कहना है कि यदि लोगों में भारत की एयर स्ट्राइक की छाप लंबे समय तक रहती है तो कांग्रेस को भी इसी मोर्चे पर रणनीति बनानी पड़ेगी।
कांग्रेस पार्टी के कोर ग्रुप ने सोमवार को बैठक की और 'राष्ट्रीय सुरक्षा' पर चर्चा की। पार्टी की इस बैठक से साफ संकेत मिलता है कि कांग्रेस इस बात को लेकर सक्रिय है कि यह घटना चुनाव की दिशा पूरी तरह बदल सकती है।
संकेत मिल रहा है कि कांग्रेस और अन्य विपक्षी पार्टियां अपने स्टैंड में बदलाव करेंगी। इसका पहला संकेत तब मिला, जब कांग्रेस पार्टी की तरफ से अपने नेताओं को सख्त संदेश दिया गया कि वे भारत की तरफ से पाक पर की गई कार्रवाई पर कोई भी राजनीतिक बयानबाजी न करें। कांग्रेस पार्टी के सूत्रों का कहना है कि आने वाले कुछ दिन काफी महत्वपूर्ण है, ऐसे में इन पर नजर रखनी पड़ेगी। पार्टी का प्रयास है कि बीजेपी भले ही इस मामले को जिंदा रखने की कोशिश करे, लेकिन यह स्थिति कुछ दिन में सामान्य हो जाएगी।