सतना
चित्रकूट से अगवा किए गए बच्चों की हत्या के बाद
रीवा आईजी ने कहा है कि पूरे घटनाक्रम और कोई सुराग नहीं मिलने के बाद इस
बात का अंदाजा हो गया था कि अब बच्चे जिंदा नहीं मिल पाएंगे। उम्होंने कहा
कि आरोपियों का पहले कोई आपराधिक रिकॉर्ड नहीं रहा है। फिर भी हम यूपी
पुलिस से और जानकारी ले रहे हैं।
रीवा आईजी चंचल शेखर ने ये बात मध्य प्रदेश के एक न्यूज चैनल से बात
करते हुए कही। उन्होंने कहा कि घटना को जिस तरह से अंजाम दिया गया था वो
बिल्कुल नया था। इस तरह से किसी बच्चे का अपहरण पहले कभी नहीं हुआ। कई
लोगों से पूछताछ की गई पर सफलता नहीं मिली। इस तरह की कोई गैंग नहीं थी।
सभी छह आरोपी कम उम्र के और पढ़े लिखें हैं। इनमें एक आरोपी बीई(आईटी) है।
एक आरोपी बीई कर रहा है। अन्य आरोपी भी ग्रेजुएशन और पोस्ट ग्रेजुएशन कर
रहे हैं।
आईजी ने कहा कि बच्चो के पिता बृजेश कब फिरौती की रकम देकर आ गए पता नहीं
चला। ये रकम वो यूपी में देकर आए थे। आरोपियों से 17 लाख 67 हजार रुपए
बरामद किए गए हैं। गिरफ्तार किए गए किसी भी आरोपी का अबतक का कोई अपराधिक
रिकॉर्ड नहीं रहा है। अपहरण के इतने दिन बाद भी कोई सुराग नहीं मिलने के
बाद ये अंदाजा लग गया था कि अब बच्चे जिंदा नहीं मिल पाएंगे। आईजी ने कहा
कि बच्चों की उम्र पांच से छह साल के बीच थी। बच्चे किसी को भी अच्छे से
पहचान सकते थे। और और आरोपियों की गिरफ्तारी के बाद हत्या की वजह यही सामने
आई है।