पुलवामा आतंकी हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच जारी तनाव के माहौल के बीच नैशनल कॉन्फ्रेंस के नेता फारूक अब्दुल्ला ने दावा किया कि इमरान ने भारत में अपना दूत भेजकर जंग के माहौल को कम किया है। जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री ने सोमवार को कहा, 'मुझे खुशी है कि पाकिस्तानी पीएम इमरान खान ने कल अपने मुशीर (सलाहकार) को भेजा था, जिन्होंने पीएम और सुषमा स्वराजजी से भी बात की है। हमें उम्मीद है कि यह जो जंग का माहौल बन रहा था, उसमें कुछ कमी हुई है।'
फारूक अब्दुल्ला ने हालांकि इमरान के दूत का नाम नहीं लिया, लेकिन माना जा रहा है कि उनका इशारा पाकिस्तान की सत्ताधारी पार्टी पीटीआई के सांसद रमेश कुमार वंकवानी की तरफ था जो पिछले हफ्ते भारत के दौरे पर थे। रविवार को पाकिस्तानी अखबार एक्सप्रेस ट्रिब्यून ने भी दावा किया था कि पुलवामा आतंकी हमले के बाद उपजे हालात के मद्देनजर इमरान खान सरकार ने भारत के साथ परोक्ष रूप से संपर्क करना शुरू कर दिया है।
बता दें कि रमेश कुमार वंकवानी 185 देशों के उस 220 सदस्यीय शिष्टमंडल के हिस्से के तौर पर भारत आए थे, जिन्हें सरकार ने प्रयागराज कुंभ में हिस्सा लेने के लिए न्योता भेजा था। वंकवानी ने विदेश मंत्री सुषमा स्वराज और विदेश राज्यमंत्री वी. के. सिंह से भी मुलाकात की थी।
एक्सप्रेस ट्रिब्यून ने वंकवानी के हवाले से दावा किया है कि उनकी मुलाकात प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से भी हुई। अखबार की खबर के मुताबिक, वंकवानी ने कहा कि वह मोदी से एक कार्यक्रम में मिले और भारतीय प्रधानमंत्री ने उनसे गर्मजोशी से मुलाकात की। सांसद ने बताया कि उन्होंने मोदी से कहा कि वह सकारात्मक संदेश के साथ आए हैं और सकारात्मक संदेश के साथ लौटना चाहते हैं। इसके बाद मोदी के निर्देश पर, स्वराज ने उनके साथ 25 मिनट की बैठक की। वंकवानी पीएम मोदी के हालिया प्रयागराज दौरे के वक्त उनके साथ एक सामूहिक तस्वीर में भी दिख रहे हैं।
एक्सप्रेस ट्रिब्यून के मुताबिक बैठक के बाद वंकवानी को अहसास हुआ कि माहौल में गर्माहट आना शुरू हो गई। उन्होंने कहा, 'भारतीय प्रधानमंत्री ने राजस्थान में रैली के दौरान पाकिस्तान के साथ बातचीत का संकेत दिया है।'