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ऐमजॉन, फ्लिपकार्ट से टकराने की राह में डेटा शेयरिंग बनी मुकेश अंबानी के समक्ष बड़ी बाधा

नई दिल्ली
एशिया के सबसे अमीर शख्स और दुनिया के शीर्ष 10 सबसे अमीर लोगों की सूची में शुमार दिग्गज उद्योगपति मुकेश अंबानी का दिग्गज ई-कॉमर्स कंपनियों ऐमजॉन और फ्लिपकार्ट को रीटेल क्षेत्र में भारत में धूल चटाने के लिए हाल में एक प्लान सामने आया था। लेकिन इस प्लान के समक्ष एक बहुत बड़ी अड़चन आ गई है। दरअसल, रिलायंस टेलिकॉम और रिलायंस रीटेल बिजनस अपने डेटा को शेयर नहीं कर सकते हैं।
 
रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड (RIL) के चेयरमैन अरबपति मुकेश अंबानी ने बताया था कि वह अपने ई-कॉमर्स वेंचर को मजबूती देने के लिए किस तरह समूह के 9,900 से अधिक रीटेल स्टोर और 28 करोड़ के मजबूत यूजर बेस वाले अपने टेलिकॉम कारोबार की मदद लेंगे। रिलायंस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि दोनों कारोबारों के ग्राहकों के डेटा को शेयर करने से कानूनी अड़चनें पैदा हो सकती हैं।

ब्लूमबर्ग की एक रिपोर्ट के मुताबिक, रिलायंस रीटेल लिमिटेड के चीफ फाइनैंशल ऑफिसर अश्विन खासगीवाला ने मुंबई में मंगलवार को कहा, 'दोनों कंपनियां अलग-अलग हैं और इसलिए डेटा प्राइवेसी के कुछ नियम हैं। इस मुद्दे से समूह किस प्रकार निपटेगा, इस सवाल का जवाब देने से इनकार करते हुए उन्होंने कहा, 'दोनों अलग-अलग प्लेटफॉर्म हैं।'

समूह का रीटेल बिजनस रिलायंस रिटेल के अंतर्गत आता है, जबकि दूरसंचार कारोबार रिलायंस जियो इन्फोकॉम लिमिटेड के रूप में एक अलग लीगल इकाई है।

डेटा को 'न्यू ऑइल' बताने वाले और भारत में विदेशी कंपनियों द्वारा डेटा कोलोनाइजेशन के प्रति चेताने वाले अंबानी इस कानूनी अड़चन की काट ढूंढ सकते हैं। इसका एक विकल्प रिलायंस की दोनों कंपनियों का आपस में विलय करना होगा। भारत में बॉस्टन कंसल्टिंग ग्रुप के कंज्यूमर प्रैक्टिस के हेड अभिक सिंघी ने कहा, 'दोनों कंपनियों के बीच डेटा की शेयरिंग बेहद मु्श्किल होगी।' 
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