नई दिल्ली
पुलवामा में सीआरपीएफ के काफिले पर आत्मघाती हमले के बाद आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद का सरगना मसूद अजहर और हिज्बुल मुजाहिद्दीन के आका सैयद सलाउद्दीन
की दो बार मुलाकात हो चुकी है। इंटेलिजेंस सूत्रों के मुताबिक, दोनों बार
पाकिस्तान की राजधानी इस्लामाबाद के आसपास मीटिंग हुई। माना जा रहा है कि
इस दौरान दोनों ने अपने मंसूबों को अंजाम देने के लिए आगे की रणनीति पर
चर्चा की है। पुलवामा अटैक के बाद पाकिस्तानी इंटेलिजेंस एजेंसी ने मसूद अजहर को सुरक्षित जगह पर शिफ्ट भी कर दिया है।
सूत्रों के मुताबिक, ये बैठकें 16 और 21 फरवरी को हुई हैं। भारतीय सेना ने
ऑपरेशन 'ऑल आउट' में दोनों आतंकी संगठनों के कई कमांडरों को मार गिराया है।
इसके बाद से दोनों ग्रुप अपने मंसूबों का अंजाम देने के लिए संसाधन साझा
कर रहे हैं। पहले इन दोनों संगठनों के इलाके लगभग बंटे हुए थे। हिज्बुल
ज्यादातर दक्षिण कश्मीर पर फोकस करता रहा है। लेकिन पिछले कुछ महीनों से
उसने खुद को उत्तरी कश्मीर में भी खड़ा करने की कोशिश शुरू की है। हिज्बुल
में स्थानीय आतंकी ज्यादा होते हैं, जबकि जैश में विदेशी यानी पाकिस्तानी
आतंकवादी। सूत्रों की मानें तो पाकिस्तान से ज्यादातर आतंकी उत्तरी कश्मीर
से घुसपैठ करते हैं और वहीं अपना बेस बनाते हैं। हिज्बुल की कोशिश है कि वह
पाकिस्तानी आतंकियों को लोकल सपॉर्ट भी मुहैया कराए। इंटेलिजेंस सूत्रों
का मानना है कि दोनों आतंकी लीडर के बीच हुई इस मीटिंग में एक-दूसरे को मदद
देकर फिर से मजबूत होने की साजिश पर बात हुई होगी।
आतंक के आका को किया शिफ्टइंटेलिजेंस सूत्रों ने
बताया कि जैश के आतंकी मसूद अजहर को पुलावामा अटैक के बाद सुरक्षित जगह पर
शिफ्ट किया गया है। 17-18 फरवरी को मसूद को रावलपिंडी से बहावलपुर के पास
किसी एरिया में भेज दिया गया। पाकिस्तानी एजेंसियों को डर है कि भारत कोई
कार्रवाई कर सकता है और मसूद अजहर सीधे निशाने पर है। एलओसी के पार बने
आतंकी लॉन्च पैड को भी शिफ्ट किया गया है। उत्तरी कश्मीर के दूसरी तरफ
पीओके में आतंकियों के लॉन्च पैड नीलम वैली में थे, जिन्हें अब ज्यादा अंदर
की तरफ आबादी वाले एरिया में शिफ्ट किया गया है। जब भारत ने आतंकियों पर
सर्जिकल स्ट्राइक की थी, तो नीलम वैली के आसपास के आतंकी लॉन्च पैड को ही
नष्ट किया था। इसी तरह बाकी लॉन्च पैड को भी शिफ्ट किया गया है। इंटेलिजेंस
सूत्रों का कहना है कि आबादी वाले एरिया में इन्हें शिफ्ट करने के पीछे
वजह यह है कि उन्हें भारत की कार्रवाई का डर है। अगर आबादी के बीच कोई
कार्रवाई होती है तो कोलेटरल डैमेज (जिसे निशाना नहीं बनाया जा रहा है उसे
भी नुकसान) का डर रहेगा और भारत कोई ऐक्शन लेने से पहले सोचेगा।