नई दिल्ली
केंद्र सरकार ने संवेदनशील और जम्मू-कश्मीर जैसे ऊंचाई वाले इलाकों व नक्सल प्रभावित इलाकों में तैनात सेन्ट्रल आर्म्ड पुलिस फोर्स के जवानों और अफसरों के रिस्क अलाउंस को बढ़ाने का फैसला किया है। इन इलाकों में तैनात इंस्पेक्टर रैंक तक के जवानों के रिस्क और हार्डशिप अलाउंस को प्रति महीने 7600 रुपये बढ़ा दिया गया है, वहीं इंस्पेक्टर रैंक से ऊपर के अफसरों का ये भत्ता प्रति महीने 8100 रुपये प्रति महीना बढ़ाने का फैसला किया गया है।
पहले, इन इलाकों में तैनात इंस्पेक्टर रैंक तक के सुरक्षाकर्मियों को प्रति
महीने 9,700 रुपये और इंस्पेक्टर रैंक से ऊपर के अफसरों को प्रति महीने
16,900 रुपये प्रति महीने रिस्क और हार्डशिप अलाउंस मिलते थे। इस तरह, अब
इंस्पेक्टर रैंक तक के सुरक्षाकर्मियों को 17,300 रुपये प्रति महीने और
इंस्पेक्टर रैंक से ऊपर तक के अफसरों को 25,000 रुपये प्रति महीने रिस्क और
हार्डशिप अलाउंस मिलेगा। 2 साल बाद इसमें बढ़ोतरी हुई है। गृह मंत्रालय ने शुक्रवार को इसकी मंजूरी दी।
सेन्ट्रल रिजर्व पुलिस फोर्स (CRPF) ने केंद्र सरकार के इस फैसले का स्वागत
करते हुए इसे केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों का मनोबल बढ़ाने वाला बताया है।
सीआरपीएफ
ने अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल से ट्वीट कर बताया कि इससे नक्सल प्रभावित
राज्यों और जम्मू-कश्मीर में तैनात सीआरपीएफ के 88,000 से अधिक पर्सनेल को
फायदा मिलेगा।
इससे पहले, गृह मंत्रालय ने केन्द्रीय सशस्त्र पुलिस बलों के सभी
जवानों को दिल्ली-श्रीनगर, श्रीनगर-दिल्ली, जम्मू– श्रीनगर और श्रीनगर
से जम्मू तक जाने के लिए विमान से सफर की मंजूरी दी थी। केंद्र सरकार के
ये फैसले पुलवामा में सीआरपीएफ के काफिले पर आत्मघाती हमले के बाद लिए गए
हैं। 14 फरवरी को जैश-ए-मोहम्मद के एक आत्मघाती आतंकी ने विस्फोटकों से भरी
कार को सीआरपीएफ काफिले की एक बस से भिड़ा दिया था। उस हमले में सीआरपीएफ
के 40 जवान शहीद हुए थे।