नई दिल्ली
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आजादी के बाद देश के लिए अपने प्राणों की आहूति देने वाले शहीदों की याद में राष्ट्रीय समर स्मारक
को राष्ट्र को समर्पित किया। इस दौरान उन्होंने जहां देश की सेना और
शहीदों के परिवारों के लिए अपनी सरकार द्वारा उठाए गए कदमों का जिक्र किया,
वहीं कांग्रेस खासकर नेहरू-गांधी परिवार पर तीखे हमले बोले। उन्होंने कहा कि बोफोर्स
से लेकर हेलिकॉप्टर तक सारी जांच का एक ही परिवार तक पहुंच जाना बहुत कुछ
कह जाता है। कांग्रेस पर देश की राष्ट्रीय सुरक्षा के साथ खिलवाड़ का आरोप
लगाते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि कुछ लोगों के लिए देश पहले नहीं, बल्कि
परिवार और परिवार के हित पहले हैं।
राफेल को लेकर कांग्रेस पर लगाए गंभीर आरोप
कांग्रेस पर हमला बोलते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि उन्होंने सेना
और देश के साधनों को अपनी कमाई का साधन बना लिया था। उन्होंने कहा,
'बोफोर्स से लेकर हेलिकॉप्टर तक सारी जांच का एक ही परिवार तक पहुंचना बहुत
कुछ कह जाता है। अब यही लोग पूरी ताकत लगा रहे हैं कि भारत में राफेल
विमान आ ही न सके। अगले कुछ महीनों में जब देश का पहला राफेल भारत के आसमान
में उड़ान भरेगा तो इनकी सारी कोशिशों, सारी साजिशों को खुद की ध्वस्त कर
देगा।'
हमारे लिए देश पहले: मोदी
प्रधानमंत्री ने अपने भाषण में वन रैंक वन पेंशन को मंजूरी, सेना के
लिए बुलेटप्रूफ जैकेटों और आधुनिक सैन्य साजो-सामानों, हथियारों की खरीदारी
समेत अपनी सरकार द्वारा सेना और शहीदों के परिवारों के हित में लिए गए
फैसलों का खास जिक्र किया। उन्होंने कहा, 'देश की सेना को मजबूत करने के
लिए हमारी सरकार आधुनिक सैन्य साजो-सामानों और हथियारों से लैस कर रही है।
दशकों से रूके हुए सौदों को प्राथमिकता दी जा रही है। हाल ही में सरकार ने
72 हजार आधुनिक राइफलों की खरीदी का ऑर्डर दिया है। 25 हजार करोड़ रुपये के
गोले-बारूद को मिशन मोड में खरीदा है।'
प्रधानमंत्री ने कहा, 'देश की सुरक्षा के साथ कितना बड़ा खिलवाड़ किया
गया, साल 2009 में सेना ने 1 लाख 86 हजार बुलेट प्रूफ जैकेट की मांग की थी।
2009 से लेकर 2014 तक पांच साल बीत गए, लेकिन सेना के लिए बुलेटप्रूफ
जैकेट नहीं खरीदी गई। यह हमारी ही सरकार है जिसने बीते साढ़े चार वर्षों
में 2 लाख 30 हजार से ज्यादा बुलेट प्रूफ जैकेट खरीदी है।
कांग्रेस पर वार- उनके लिए देश नहीं, परिवार पहले
प्रधानमंत्री मोदी ने कांग्रेस पर हमला करते हुए कहा कि कुछ लोगों के
लिए देश से भी बड़ा उनका परिवार है। पीएम मोदी ने कहा, 'सेना को मजबूत करने
की बात हो या शहीदों के सम्मान की, कुछ लोगों को देश से भी बड़ा अपना
परिवार है, परिवार के हित हैं। आज देश को राष्ट्रीय समर स्मारक मिलने जा
रहा है, लेकिन राष्ट्रीय पुलिस मेमोरियल की भी तो यही कहानी थी। इस स्मारक
को भी बनाने का सौभाग्य हमारी सरकार को मिला। अटलजी की सरकार के जाने के
बाद पुलिस मेमोरियल की फाइल अटक गई।'
नैशनल वॉर मेमोरियल: सदा के लिए पत्थरों पर दर्ज हुए 26000 सैनिकों के नाम
पीएम ने आगे कहा, 'शहीदों के साथ, हमारे नायकों के साथ यह बर्ताव क्यों
किया गया। शहीदों के परिवारों के साथ, देश के लिए खुद को समर्पित करने
वाले महानायकों के साथ इस तरह का अन्याय क्यों किया गया। इंडिया फर्स्ट या
फैमिली फर्स्ट? इंडिया फर्स्ट और फैमिली फर्स्ट का जो अंतर है, वही इसका
जवाब है। स्कूल से लेकर अस्पताल तक, हाइवे से लेकर एयरपोर्ट तक, स्टेडियम
से लेकर हर जगह एक ही परिवार का नाम लिखा देखते आ रहे हैं। इसलिए सरकार में
आने के बाद हम स्थिति को बदलने में जुट गए। चाहे नेताजी सुभाषचंद्र बोस
हों, चाहे सरदार पटेल या फिर बाबा साहेब आंबेडकर...हमने उन्हें सम्मान देना
शुरू किया।'
'मोदी याद रहे न रहे, वीरों की शौर्यगाथा अमर रहनी चाहिए'
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि देश के लिए वह महत्वपूर्ण नहीं हैं, बल्कि
देश की सभ्यता और उसका इतिहास अहम है। उन्होंने कहा, 'मेरा यह स्पष्ट
मानना है कि मोदी महत्वपूर्ण नहीं है, बल्कि इस देश की सभ्यता, संस्कृति और
इतिहास सबसे ऊपर है। मोदी याद रहे न रहे, परंतु इस देश के करोड़ों लोगों
के त्याग, तपस्या, समर्पण, वीरता और उनकी शौर्यगाथा अजर-अमर रहनी ही
चाहिए।'
'हमें नामुमकिन को मुमकिन बनाना आता है'
प्रधानमंत्री मोदी ने युद्ध स्मारक और पुलिस मेमोरियल बनाने में दशकों
की देरी का हवाला देते हुए कहा कि उनकी सरकार को नामुमकिन को मुमकिन बनाना
आता है। उन्होंने कहा, 'पूर्व सैनिकों और शहीदों के परिवारों का जीवन आसान
बनाने के लिए अनेक कदम साढ़े 4 सालों में उठाए गए हैं। एक ऐसी सरकार आपके
सामने है जिसे नामुमकिन को मुमकिन बनाना आता है। देश की सुरक्षा, देश की
प्रगति, देश का विकास मेरे लिए ये लक्ष्य इतने पवित्र हैं कि मैं हर
मुश्किल, हर साजिश, मेरी राह में आए हर रोड़े से लड़ने के लिए तैयार हूं।'
शहीदों को नमन करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, 'जीये तो भी देश के
लिए, मरे भी तो देश के लिए, जीए भी तो तिरंगे के लिए और मरे भी तो तिरंगा
ओढ़कर, ऐसे वीर सपूतों को मैं नमन करता हूं।'