बेंगलुरु
कर्नाटक में सत्ताधारी गठबंधन सहयोगियों के बीच आगामी लोकसभा चुनावों
के लिए सीटों के बंटवारे पर बातचीत शुरू हो गई हैं और वरिष्ठ कांग्रेसी
नेता तथा पूर्व मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने सोमवार को कहा कि जीतने की
क्षमता टिकट बंटवारे का पैमाना होगी।
कांग्रेस विधायक दल के नेता सिद्धारमैया ने अपने लोकसभा चुनाव लड़ने की
संभावना को खारिज करते हुए कहा कि वह राज्य की राजनीति में बने रहना पसंद
करेंगे। सिद्धारमैया कांग्रेस-जेडीएस समन्वय समिति के प्रमुख भी हैं।
उन्होंने हुबली में कहा, 'उम्मीद है कि सीटों के बंटवारे पर समझौता हो
जाएगा, कोई अनुपात नहीं, कौन कहां से जीतेगा यह महत्वपूर्ण होगा।' गठबंधन
सहयोगियों के बीच सीटों के बंटवारे पर पहली बैठक को रेखांकित करते हुए
उन्होंने कहा कि कर्नाटक प्रदेश कांग्रेस समिति अध्यक्ष दिनेश गुंडू राव और
उप मुख्यमंत्री जी परमेश्वर कांग्रेस की तरफ से जबकि जेडीएस के प्रदेश अध्यक्ष एच विश्वनाथ और लोकनिर्माण मंत्री एच डी रेवन्ना क्षेत्रीय पार्टी की तरफ से सोमवार को बातचीत करेंगे।
सिद्धारमैया ने कहा, 'इसके बाद मैं समन्वय समिति की बैठक बुलाऊंगा जहां
हम फिर चर्चा करेंगे।' गठबंधन करार के तहत कांग्रेस और जेडीएस ने लोकसभा
चुनाव साथ मिलकर लड़ने का फैसला किया है। सीटों को लेकर समझौता हालांकि
दोनों दलों के लिए अहम परीक्षा साबित होगा क्योंकि मंत्रिपरिषद गठन और
बोर्डों व निगमों के आवंटन में अपनाए गए दो तिहाई, एक तिहाई के फ़ॉर्म्युले
को ही आधार मानते हुए जेडीएस ने कुल 28 में से 10 से 12 सीटों की मांग की
है। कांग्रेस इसके विरोध में है और उसके कहा है कि सीटों का बंटवारा
'गुणदोष' के आधार पर होगा। कांग्रेस पर पार्टी के अंदर से भी इस बात का
दबाव है कि वह जेडीएस को ज्यादा सीटें न दे, खासकर वे दस सीटें, जहां
पार्टी के मौजूदा सांसद हैं।