नई दिल्लीचीन के शंघाई में रियल एस्टेट डिवेलपर के
रूप में काम करने वाले चन तियनयॉन्ग पिछले महीने फ्लाइट में सवार हुए और
माल्टा चले गए। निकट भविष्य में लौटने का उनका कोई प्लान नहीं है। लैंडिंग
के बाद पूर्व जज और वकील चन ने सोशल मीडिया पर 28 पेज का एक आर्टिकल लिखा
और विस्तार से बताया कि उन्होंने चीन क्यों छोड़ दिया।
न्यू यॉर्क टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक उन्होंने लिखा, 'चीन की अर्थव्यवस्था
उस बड़े जहाज की तरह है जो डूबने जा रहा है। आधारभूत बदलावों के बिना जहाज
का डूबना तय है और पैसेंजर मारे जाएंगे।' उन्होंने आगे लिखा, 'मेरे
दोस्तों, यदि आप इसे छोड़ सकते हैं तो कृपया जितनी जल्दी संभव हो व्यवस्था
कर लें।'
यह स्पष्ट नहीं है कि चीन के सेंसर्ड इंटरनेट से गायब होने से पहले
कितने लोगों ने इसे देखा, लेकिन चन तियनयॉन्ग ने सार्वजनिक रूप से वही
बातें कहीं, जो बहुत से कारोबारी चीन में निजी रूप से कहते हैं। चीन के
नेतृत्व ने दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था को गलत तरीके से चलाया
और चीन के उद्यमी देश के भविष्य में भरोसा खो रहे हैं।
ट्रेड वॉर का भी बड़ा असर
चीन की अर्थव्यवस्था धीमी पड़ रही है और अमेरिका के साथ ट्रेड वॉर ने
विकास को बाधित किया है, लेकिन उद्यमी मुख्यतौर पर इस बात से चिंतित हैं कि
चीन आवश्यक आर्थिक और राजनीतिक सुधारों को लागू नहीं करेगा। इसके विपरीत,
शी चिनपिंग के 2012 में कम्युनिस्ट पार्टी पर नियंत्रण हासिल करने के बाद,
पार्टी ने चीनी समाज के हर पहलू में प्रभुत्व को बढ़ाया है।
अमीरों ने खोया विश्वास
एक ताजा सर्वे के मुताबिक, चीन के केवल एक तिहाई अमीर ही कहते हैं कि
वे चीन के आर्थिक परिदृश्यों को लेकर बहुत आशावादी हैं। दो साल पहले करीब
दो तिहाई लोगों ने कहा था कि उनमें बहुत विश्वास है। पूरी तरह विश्वास खो
चुके लोगों की संख्या भी 2018 की तुलना में दोगुनी हो गई है और अब करीब 14
फीसदी लोग इस श्रेणी में हैं। करीब आधे लोगों ने कहा कि वे किसी दूसरे देश
में जाने की सोच रहे हैं या प्रक्रिया की शुरुआत कर दी है।
इन्वेस्टमेंट फर्म प्रिमावेरा कैपिटल ग्रुप के फाउंडर फ्रेड हू कहते
हैं, 'चीन बहुत सी आंतरिक और बाहरी चुनौतियों का सामना कर रहा है। हमें यह
महसूस करने की आवश्यकता है कि पिछले 40 सालों में हमारी सफलता आर्थिक
सुधारों की वजह से हुई ना कि किसी विशेष चाइना डिवेलपमेंट मॉडल से।'
आर्थिक मुद्दों पर बात करना भी खतरनाक
न्यू यॉर्क टाइम्स की रिपोर्ट में कहा गया है कि हू का कॉमेंट
डिप्लोमैटिक है। निजी बातचीत में कोई कारोबारी अधिक गुस्से और डर के साथ
बोलते हैं। वे गोपनीयता की गुजारिश करते हैं, क्योंकि चीन के इस माहौल में
आर्थिक मुद्दों पर बात करना भी खतरनाक हो गया है। बहुत से कारोबारी इस
स्थिति के लिए खराब नीतियों और नेतृत्व को जिम्मेदार बताते हैं।
28 सालों में सबसे बुरी स्थिति
चीन की आर्थिक विकास दर साल 2018 में 6.6 फीसदी रही, जो 28 वर्षों का
निचला स्तर है। अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष ने कहा है कि 2019 और 2020 में चीन
की अर्थव्यवस्था की वृद्धि दर 6.2 प्रतिशत रहने का अनुमान है।