प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज यहां के इस्कॉन मंदिर में दुनिया की सबसे वजनी भगवद्गीता का अनावरण किया। इस दौरान मोदी ने कहा कि मानवता के दुश्मनों से धरती को बचाने के लिए प्रभु की शक्ति हमेशा हमारे साथ रहती है। 12 फीट लंबी और 9 फीट चौड़ी इस पुस्तक का वजन 800 किलोग्राम है। इसे छापने में ढाई साल लगे और लागत डेढ़ करोड़ रुपए आई है। मोदी मेट्रो से इस्कॉन मंदिर पहुंचे थे। यहां उन्होंने लोगों से मुलाकात भी की। लोगों और बच्चों ने मोदी के साथ सेल्फी भी ली।
गीता प्रचार के 50 साल पूरा होने पर तैयार करवाया गया
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यह गीता इटली के मिलान शहर में तैयार की गई।
यहां से इसे समुद्र मार्ग से गुजरात के मुंद्रा पोर्ट लाया गया। इसे भारत
लाने में एक महीने का समय लगा। 20 जनवरी को इसे दिल्ली के इस्कॉन मंदिर में
लाया गया।
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इस्कॉन के संस्थापक आचार्य श्रीमद् एसी भक्ति
वेदांत स्वामी श्रील प्रभुपाद ने गीता प्रचार के 50 साल पूरा करने के
उपलक्ष्य में इसे तैयार किया गया है। इसे छापने के लिए इस्कॉन के सभी
केंद्रों से धनराशि जुटाई गई। 11 नवंबर को इसे इटली के मिलान शहर में
प्रदर्शित किया गया था।
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सोना, चांदी और प्लेटिनम का भी इस्तेमाल हुआ
इस गीता में कुल 670 पेज हैं। इसे सिंथेटिक के मजबूत कागज पर तैयार किया गया है। इसमें सोना, चांदी और प्लेटिनम का भी इस्तेमाल हुआ है। इसके पन्ने को पलटने के लिए चार व्यक्तियों की जरूरत होती है।