सतना
मध्य प्रदेश के सतना जिले से अपहृत जुड़वा भाइयों को पुलिस जीवित तो नहीं बरामद कर सकी, लेकिन आरोपियों तक पहुंचने में उसके लिए एक राहगीर मददगार बना। राहगीर ने शंका होने पर आरोपियों की मोटरसाइकल की तस्वीर खींच ली थी और उसी के सहारे पुलिस आरोपियों तक पहुंची। इस मामले में 6 लोगों को अरेस्ट किया गया है।
रीवा परिक्षेत्र के पुलिस महानिरीक्षक चंचल शेखर ने रविवार को संवाददाताओं को आरोपियों द्वारा अपनाई गई रणनीति का खुलासा किया। उन्होंने बताया कि आरोपियों ने श्रेयांश और प्रियांश के पिता ब्रजेश रावत से फिरौती मांगने के लिए हर बार राहगीरों से फोन मांगकर बात की। शेखर के अनुसार, जब एक राहगीर को इन मोटरसाइकल सवारों की बातचीत पर शक हुआ तो उसने मोटरसाइकिल की ही तस्वीर उतार ली।
पुलिस ने जब फोन पर संपर्क किया तो संबंधित व्यक्ति ने आरोपियों की मोटरसाइकल की तस्वीर उपलब्ध करा दी। इस मोटरसाइकल का नंबर यू.पी. 90 एल. 5707 पाया गया। जब पुलिस ने तहकीकात की तो बाइक रोहित द्विवेदी की निकली। रोहित उत्तर प्रदेश जिले के बबेरु थाना क्षेत्र का निवासी निकला और पुलिस एक-एक कर छह आरोपियों को गिरफ्तार करने में सफल रही। हालांकि आरोपी तब तक फिरौती के 20 लाख रुपये लेने के बाद दोनों बच्चों को यमुना नदी में फेंक चुके थे।
पुलिस के अनुसार, आरोपियों को डर था कि बच्चों ने उन्हें पहचान लिया है और बच्चे राज खोल देंगे, जिससे उनकी गिरफ्तारी तय है। आरोपियों ने दोनों बच्चों के हाथ लोहे की जंजीरों से बांधे और नदी में फेंक दिया।
गौरतलब है कि मध्य प्रदेश के चित्रकूट जिले में 12 फरवरी को पांच वर्षीय जुड़वा भाइयों का स्कूल बस के अंदर से ही बंदूक की नोक पर अपहरण हुआ था। अपहरणकर्ताओं ने बच्चों के पिता से 50 लाख रुपये की फिरौती मांगी थी। बच्चों के पिता उन्हें 20 लाख रुपये दे भी चुके थे, लेकिन शनिवार रात बच्चों के शव उत्तर प्रदेश के बांदा में बबेरू इलाके के पास यमुना नदी में मिले।
इस वारदात ने हर किसी को हिलाकर रख दिया है। खासकर चित्रकूट में लोगों का गुस्सा फूट पड़ा है और वहां अभी धारा-144 लागू कर दी गई है। एमपी पुलिस ने इस मामले में छह लोगों को गिरफ्तार किया है और साथ में वारदात में इस्तेमाल किए गए बाइक भी बरामद कर लिए हैं। इस बीच इस घटना से दोनों राज्यों की राजनीति गरमा गई है।
रीवा के आईजी चंचल शेखर ने घटना में प्रेस कॉन्फ्रेंस करके कहा कि मुख्य आरोपी पद्म शुक्ला है। अन्य आरोपी रामकेश, पिंटा यादव, राकेश द्विवेदी, आलोक सिंह और विक्रमजीत सिंह। आईजी ने कहा कि पद्म शुक्ला का छोटा भाई विष्णुकांत बजरंग दल का एरिया-कोऑर्डिनेटर है, हालांकि उन्होंने कहा कि इस केस में विष्णुकांत का कोई रोल नहीं है। इस वारदात में कार और बाइक का इस्तेमाल किया गया। बाइक में लगी नंबर प्लेट में नंबर की जगह राम राज्य लिखा था और कार में बीजेपी का झंडा लगा था।
मध्य प्रदेश के सतना जिले से अपहृत जुड़वा भाइयों को पुलिस जीवित तो नहीं बरामद कर सकी, लेकिन आरोपियों तक पहुंचने में उसके लिए एक राहगीर मददगार बना। राहगीर ने शंका होने पर आरोपियों की मोटरसाइकल की तस्वीर खींच ली थी और उसी के सहारे पुलिस आरोपियों तक पहुंची। इस मामले में 6 लोगों को अरेस्ट किया गया है।
रीवा परिक्षेत्र के पुलिस महानिरीक्षक चंचल शेखर ने रविवार को संवाददाताओं को आरोपियों द्वारा अपनाई गई रणनीति का खुलासा किया। उन्होंने बताया कि आरोपियों ने श्रेयांश और प्रियांश के पिता ब्रजेश रावत से फिरौती मांगने के लिए हर बार राहगीरों से फोन मांगकर बात की। शेखर के अनुसार, जब एक राहगीर को इन मोटरसाइकल सवारों की बातचीत पर शक हुआ तो उसने मोटरसाइकिल की ही तस्वीर उतार ली।
पुलिस ने जब फोन पर संपर्क किया तो संबंधित व्यक्ति ने आरोपियों की मोटरसाइकल की तस्वीर उपलब्ध करा दी। इस मोटरसाइकल का नंबर यू.पी. 90 एल. 5707 पाया गया। जब पुलिस ने तहकीकात की तो बाइक रोहित द्विवेदी की निकली। रोहित उत्तर प्रदेश जिले के बबेरु थाना क्षेत्र का निवासी निकला और पुलिस एक-एक कर छह आरोपियों को गिरफ्तार करने में सफल रही। हालांकि आरोपी तब तक फिरौती के 20 लाख रुपये लेने के बाद दोनों बच्चों को यमुना नदी में फेंक चुके थे।
पुलिस के अनुसार, आरोपियों को डर था कि बच्चों ने उन्हें पहचान लिया है और बच्चे राज खोल देंगे, जिससे उनकी गिरफ्तारी तय है। आरोपियों ने दोनों बच्चों के हाथ लोहे की जंजीरों से बांधे और नदी में फेंक दिया।
गौरतलब है कि मध्य प्रदेश के चित्रकूट जिले में 12 फरवरी को पांच वर्षीय जुड़वा भाइयों का स्कूल बस के अंदर से ही बंदूक की नोक पर अपहरण हुआ था। अपहरणकर्ताओं ने बच्चों के पिता से 50 लाख रुपये की फिरौती मांगी थी। बच्चों के पिता उन्हें 20 लाख रुपये दे भी चुके थे, लेकिन शनिवार रात बच्चों के शव उत्तर प्रदेश के बांदा में बबेरू इलाके के पास यमुना नदी में मिले।
इस वारदात ने हर किसी को हिलाकर रख दिया है। खासकर चित्रकूट में लोगों का गुस्सा फूट पड़ा है और वहां अभी धारा-144 लागू कर दी गई है। एमपी पुलिस ने इस मामले में छह लोगों को गिरफ्तार किया है और साथ में वारदात में इस्तेमाल किए गए बाइक भी बरामद कर लिए हैं। इस बीच इस घटना से दोनों राज्यों की राजनीति गरमा गई है।
रीवा के आईजी चंचल शेखर ने घटना में प्रेस कॉन्फ्रेंस करके कहा कि मुख्य आरोपी पद्म शुक्ला है। अन्य आरोपी रामकेश, पिंटा यादव, राकेश द्विवेदी, आलोक सिंह और विक्रमजीत सिंह। आईजी ने कहा कि पद्म शुक्ला का छोटा भाई विष्णुकांत बजरंग दल का एरिया-कोऑर्डिनेटर है, हालांकि उन्होंने कहा कि इस केस में विष्णुकांत का कोई रोल नहीं है। इस वारदात में कार और बाइक का इस्तेमाल किया गया। बाइक में लगी नंबर प्लेट में नंबर की जगह राम राज्य लिखा था और कार में बीजेपी का झंडा लगा था।