मध्य प्रदेश के चित्रकूट से अगवा हुए जुड़वा बच्चों की हत्या के बाद से पूरे राज्य में आक्रोश है। 12 दिन तक अगवा बच्चों का कोई सुराग न मिलने पर मध्य प्रदेश पुलिस पर लापरवाही के आरोप लग रहे हैं। इसके बाद सोमवार को पुलिस प्रशासन के खिलाफ कार्रवाई करते हुए 2 अधिकारियों समेत 4 पुलिसवालों को सस्पेंड कर दिया गया। उधर, मुख्यमंत्री कमलनाथ ने भी मामले में डीजीपी से 12 दिन तक पुलिस की कार्रवाई की रिपोर्ट मांगी है।
अब तक चार पुलिसवालों को सस्पेंड किया जा चुका है। ये सभी अगवा बच्चों की ढूंढने के लिए ड्यूटी पर तैनात थे। सतना के एसपी संतोष सिंह गौड़ ने बताया कि चित्रकूट पुलिस स्टेशन इनचार्ज केपी त्रिपाठी, सब इंस्पेक्टर सुधांशु तिवारी, हेड कॉन्स्टेबल शिव प्रसाद बागरी और कॉन्स्टेबल चंद्रकांत को अगवा बच्चों की जांच-पड़ताल में लापरवाही बरतने के चलते सस्पेंड किया गया है।
जांट के लिए नई एसटीएफ यूनिट गठित
मध्य प्रदेश के डीजीपी वीके सिंह ने बताया, 'सतना और रीवा के लिए नई एसटीएफ यूनिट गठित की गई है। इनकी मदद से अपराध से जुड़ा डेटा-जैसे लोकेशन का पता वगैरह स्थानीय स्तर पर लगाया जा सकेगा।' डीजीपी ने बताया कि फिरौती की पहली कॉल आते ही हमें सुराग मिलने शुरू हो गए थे। जब बच्चों के पिता ने उनसे बात की तो चीजें और साफ हो गईं लेकिन हम बच्चों की सुरक्षा की मद्देनजर सावधानी से कदम रख रहे थे। लेकिन जब बच्चे नहीं लौटे तो हमने कार्रवाई शुरू की।
वहीं मुख्यमंत्री कमलनाथ ने डीजीपी को बच्चों को अगवा करने वाले दिन से पुलिस की कार्रवाई का अवलोकन करने को कहा है और साथ ही पुलिस की तरफ से किसी तरह की लापरवाही के मिलने पर कड़े से कड़े ऐक्शन लेने का आदेश भी दिया है।
CM ने दिया परिवार को इंसाफ का भरोसा
कमलनाथ ने कहा, 'मैंने डीजीपी को 12 दिन तक पुलिस की अपहरण मामले में जांच पड़ताल की रिपोर्ट की जांच करने को कहा है। अधिकारियों को पता होना चाहिए कि पुलिस ने 12 दिन तक क्या किया? साथ ही अधिकारियों की इसमें क्या भूमिका थी और अगर जांच पड़ताल में किसी तरह की लापरवाही हुई है तो दंड सुनिश्चित किया जाए।
उन्होंने कहा कि वह गिरफ्तार किए गए आरोपियों की विशेष राजनीति पार्टी की विचारधारा से जुड़े होने पर विवाद खड़ा करना नहीं चाहते हैं। उन्होंने कहा, 'बच्चों के पिता से बात करने के बाद मैं रात भर बेचैन रहा। मुझे इसकी चिंता नहीं है कि आरोपी कौन थे या किससे जुड़े थे, या उनकी कार में किस पार्टी का झंडा लगा था, या उनकी गाड़ी पर क्या लिखा था, वो कहां से रहने वाले थे, पड़ोसी राज्य की क्या भूमिका थी, किस जगह उन्होंने घटना को अंजाम दिया था।'
उन्होंने कहा कि उन्होंने जुड़वा बच्चों के परिवार को न्याय दिलाने का वादा किया है। कमलनाथ ने कहा, 'मैं घटना पर राजनीति कर नहीं चाहता हूं और निष्पक्ष जांच के लिए एक फास्ट ट्रैक सुनवाई चाहता हूं कि ताकि दोषिय़ों को मृत्युदंड की सजा हो। बच्चों को मध्य प्रदेश सीमा के अंदर अगवा किया गया था इसलिए पुलिस ने बच्चों को सुरक्षित वापस लाने की बेहतर कोशिश की। यह हमारी पुलिस की जिम्मेदारी थी कि बच्चों को सुरक्षित बचाया जा सके और मैंने उन्हें कड़े निर्देश दिए हैं। मैं किसी तरह की लापरवाही बर्दाश्त नहीं करूंगा।' सीएम ने डीजीपी को स्कूल प्रशासन की तरफ से किसी तरह की लापरवाही पर भी कड़ी कार्रवाई के निर्देश दिए हैं।