गुमलाझारखंड
के गुमला में माओवादियों के खिलाफ सुरक्षाबलों को बड़ी कामयाबी मिली है।
रविवार तड़के केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) और स्थानीय पुलिस ने
संयुक्त कार्रवाई में पीपल्स लिबरेशन फ्रंट ऑफ इंडिया के तीन कट्टर
माओवादियों को मार गिराया। घटनास्थल से दो एके-47 राइफल और भारी मात्रा में
गोला बारूद मिले हैं।
झारखंड पुलिस के प्रवक्ता एवं अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक एमएल मीणा ने बताया कि एक सूचना के आधार पर सुरक्षाबलों ने गुमला के कामडारा में नक्सलियों को घेर लिया और उन्हें सरेंडर करने को कहा। इसके बाद नक्सलियों ने गोलीबारी शुरू कर दी, जिसके बाद सुरक्षा बलों ने जवाबी कार्रवाई की। इस फायरिंग में तीन माओवादी मारे गए।
मारे गए माओवादी पीएलएफआई समूह के हैं और उनके पास से दो एके 47 राइफलें, एक 315 बोर की राइफल, नक्सली साहित्य और बड़ी मात्रा में गोला बारूद बरामद किया गया है। पुलिस मुठभेड़ स्थल की जांच कर रही है और मारे गए माओवादियों की पहचान की जा रही है। पुलिस अधिकारियों का कहना है उनके पास से एके 47 राइफलें मिलने से यह साफ है कि वे बड़े खतरनाक माओवादी होंगे।
पिछले महीने ही नक्सल प्रभावित झारखंड के पश्चिमी सिंहभूम जिले में सुरक्षा बलों ने एक एनकाउंटर में 5 नक्सलियों को मार गिराया था। घटनास्थल से पुलिस को बड़ी मात्रा में हथियार और अन्य सामान मिले थे। बता दें कि झारखंड के 19 जिले उग्रवाद प्रभावित हैं और अति उग्रवाद प्रभावित जिलों की संख्या 13 है।
झारखंड पुलिस के प्रवक्ता एवं अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक एमएल मीणा ने बताया कि एक सूचना के आधार पर सुरक्षाबलों ने गुमला के कामडारा में नक्सलियों को घेर लिया और उन्हें सरेंडर करने को कहा। इसके बाद नक्सलियों ने गोलीबारी शुरू कर दी, जिसके बाद सुरक्षा बलों ने जवाबी कार्रवाई की। इस फायरिंग में तीन माओवादी मारे गए।
मारे गए माओवादी पीएलएफआई समूह के हैं और उनके पास से दो एके 47 राइफलें, एक 315 बोर की राइफल, नक्सली साहित्य और बड़ी मात्रा में गोला बारूद बरामद किया गया है। पुलिस मुठभेड़ स्थल की जांच कर रही है और मारे गए माओवादियों की पहचान की जा रही है। पुलिस अधिकारियों का कहना है उनके पास से एके 47 राइफलें मिलने से यह साफ है कि वे बड़े खतरनाक माओवादी होंगे।
पिछले महीने ही नक्सल प्रभावित झारखंड के पश्चिमी सिंहभूम जिले में सुरक्षा बलों ने एक एनकाउंटर में 5 नक्सलियों को मार गिराया था। घटनास्थल से पुलिस को बड़ी मात्रा में हथियार और अन्य सामान मिले थे। बता दें कि झारखंड के 19 जिले उग्रवाद प्रभावित हैं और अति उग्रवाद प्रभावित जिलों की संख्या 13 है।