ईटानगर
स्थायी निवास प्रमाण पत्र (पीआरसी) के मुद्दे पर अरुणाचल प्रदेश सुलग
उठा है। प्रदेश के 18 छात्र और नागरिक संगठनों के समूह द्वारा जारी 48
दिनों की हड़ताल के दौरान ईटानगर में हिंसा फैल गई, जिससे वहां कर्फ्यू लगा
दिया गया है। प्रदर्शनकारियों ने रविवार को कर्फ्यू को धता बताते हुए
डेप्युटी सीएम चाउना मीन के निजी आवास को कथित तौर पर आग के हवाले कर दिया
जबकि उपायुक्त के दफ्तर में भी तोड़फोड़ की। प्रदर्शनों के बीच कथित पुलिस
फायरिंग में 2 प्रदर्शनकारियों की मौत हो गई जबकि 3 जख्मी हो गए।
प्रदर्शनकारी पीआरसी मुद्दे के स्थायी समाधान, मुख्यमंत्री के तत्काल
इस्तीफे, प्रदर्शनकारियों (करीब 40) की बिना शर्त रिहाई और मुख्य सचिव एवं
अन्य के तत्काल तबादले की मांग कर रहे हैं।
पुलिस ने उस वक्त फायरिंग की जब दोपहर के वक्त यहां ईएसएस सेक्टर में
प्रदर्शनकारियों ने सीएम पेमा खांडू के निजी आवास पर हमला करने की कोशिश
की। सुरक्षाकर्मियों ने प्रदर्शनकारियों से लौट जाने की अपील की, लेकिन
अपील को अनसुना करते हुए वे लोग सीएम आवास की तरफ बढ़े और पत्थरबाजी करने
लगे। सूत्रों ने बताया कि हालात को काबू में करने के लिए पुलिस को फायरिंग
करनी पड़ी जिसमें 20 और 24 साल के बीच की उम्र का एक युवक मारा गया। पुलिस
ने बताया कि शुक्रवार की रात कथित पुलिस फायरिंग में मारे गए एक अन्य
व्यक्ति का शव प्रदर्शनकारियों ने यहां आईजी पार्क में रख दिया और कहा कि
मृतकों के शव को तब तक नहीं दफनाया जाएगा जब तक उनकी मांगें पूरी नहीं हो
जातीं।
आगे कोई कदम नहीं उठाने का हुआ फैसला
अरुणाचल प्रदेश के मुख्य सचिव सत्य गोपाल ने यहां एक बयान में कहा,
‘नामसाई और चांगलांग जिलों के गैर-एपीएसटी (अरुणाचल प्रदेश अनुसूचित
जनजातियों) को पीआरसी दिए जाने से जुड़े मौजूदा हालात को देखते हुए राज्य
सरकार ने फैसला किया है कि पीआरसी दिए जाने को लेकर आगे कोई कदम नहीं उठाया
जाएगा।’ प्रदर्शनकारी पीआरसी मुद्दे के स्थायी समाधान, मुख्यमंत्री के
तत्काल इस्तीफे, प्रदर्शनकारियों (करीब 40) की बिना शर्त रिहाई और मुख्य
सचिव एवं अन्य के तत्काल तबादले की मांग कर रहे हैं।
इससे पहले प्रदर्शनकारियों ने दिन में डेप्युटी सीएम चाउना मीन के निजी
आवास को कथित तौर पर आग के हवाले कर दिया जबकि उपायुक्त के दफ्तर में
तोड़फोड़ की। बड़ी संख्या में लोगों ने सड़कों पर मार्च किया और सार्वजनिक
संपत्ति को नुकसान पहुंचाया। उन्होंने उपायुक्त कार्यालय परिसर में खड़ी कई
गाड़ियों में भी आग लगा दी। प्रदर्शनकारियों ने ईटानगर पुलिस थाने और
राजधानी की कई सार्वजनिक संपत्तियों पर भी हमला किया। उन्होंने सोहम शॉपिंग
मॉल को भी नुकसान पहुंचाया और नागरलगुन के एक मार्केट कॉम्प्लेक्स में आग
लगाने के अलावा कीमती सामान भी लूट लिए।
इंटरनेट सेवाएं बंद, सेना ने फ्लैग मार्च किया
प्रदर्शनकारियों ने नाहरलगुन रेलवे स्टेशन की तरफ जाने वाली सड़क को भी
जाम कर दिया जिसके कारण मरीजों सहित कई यात्री वहां फंसे हुए हैं। शनिवार
को प्रदर्शनकारियों की ओर से की गई पत्थरबाजी में 24 पुलिसकर्मियों सहित 35
लोगों के जख्मी होने के बाद ईटानगर और नाहरलगुन में बेमियादी कर्फ्यू लगा
दिया गया था। सेना ने शनिवार को ईटानगर और नाहरलगुन में फ्लैग मार्च किया।
दोनों जगहों पर इंटरनेट सेवाएं रोक दी गई हैं।
आईटीबीपी की 10 और कंपनियां दिल्ली से रवाना
दिल्ली में एक अधिकारी ने बताया कि केंद्रीय गृह मंत्रालय ने ईटानगर और
अन्य हिंसा प्रभावित क्षेत्रों में तैनाती के लिए आईटीबीपी की 10 अतिरिक्त
कंपनियां भेजी हैं। अधिकारी ने कहा कि राज्य सरकार स्थानीय प्रशासन की
आवश्यकता के अनुसार इन अर्द्धसैनिकों की तैनाती करेगी। राज्य में आईटीबीपी
की पांच कंपनियां पहले ही तैनात की जा चुकी हैं।
150 से अधिक गाड़ियां क्षतिग्रस्त
पुलिस ने बताया कि सारे बाजार, पेट्रोल पंप और दुकानें बंद हैं और
ईटानगर की ज्यादातर एटीएम में नगद नहीं है। शुक्रवार से अब तक
प्रदर्शनकारियों ने कई पुलिस वाहनों सहित 60 से अधिक वाहनों को आग के हवाले
किया है और 150 से ज्यादा गाड़ियां क्षतिग्रस्त कर दी गई हैं। शनिवार को
प्रदर्शनकारियों ने स्थानीय इंदिरा गांधी उद्यान में ईटानगर अंतरराष्ट्रीय
फिल्म महोत्सव के मंच को नुकसान पहुंचाया। बाद में आयोजकों ने फिल्म
महोत्सव रद्द कर दिया।
सिविल सचिवालय में घुसने की कोशिश की थी
गौरतलब है कि प्रदर्शनकारियों ने शुक्रवार को ईटानगर स्थित सिविल
सचिवालय में घुसने की कोशिश की थी। आरोप है कि इसी दौरान पुलिस ने
प्रदर्शनकारियों को रोकने के लिए गोली चला दी जिससे कई क्षेत्रों में हिंसा
शुरू हो गई थी। भीड़ पर काबू पाने के लिए पुलिस ने 21 लोगों को हिरासत में
ले लिया।