अहमदाबाद
गुजरात के सूरत जिले में एक शख्स ने एटीएम के साथ छेड़छाड़ कर एक सरकारी बैंक से करीब डेढ़ लाख रुपये की धोखाधड़ी की। इस धोखाधड़ी के बाद यूनियन बैंक
ऑफ इंडिया के अधिकारियों की तहरीर पर पुलिस ने इस धोखाधड़ी के मामले की
जांच की, जिसके आधार पर सूरत की चांदखेड़ा पुलिस ने आरोपी हरीश पटेल को
गिरफ्तार किया।
चांदखेड़ा पुलिस के अनुसार, यूनियन बैंक ऑफ इंडिया के मैनेजर अनूप सिंह ने
मंगलवार को पुलिस के पास शिकायत दर्ज कराई थी कि उनके बैंक के एटीएम में
कैश ट्रांजेक्शंस को लेकर कुछ गड़बड़ी सामने आई है। अधिकारियों के मुताबिक,
बैंक के एटीएम से निकले पैसे और बैंक के पास मौजूद रेकॉर्ड में अंतर मिलने
के बाद शिकायत दर्ज कराई गई थी। इसके अलावा बैंक ने इस संबंध में खुद भी
एक जांच शुरू की थी। बैंक की जांच में एक हरीश पटेल नाम के एक कस्टमर के
ट्रांज़ैक्शन संदिग्ध होने की बात सामने आई।
11 बार बैंक से की ट्रांज़ैक्शन फेल होने की शिकायत
अधिकारियों के अनुसार, सूरत के रहने वाले हरीश पटेल जुलाई 2018 के
नवंबर 2018 के बीच 11 बार बैंक के पास यह शिकायत की थी कि उनके एटीएम
ट्रांज़ैक्शन फेल होने के कारण बार-बार खाते से पैसे नहीं निकले। इन
शिकायतों के बाद बैंक ने जांच कर खाते के फेल ट्रांज़ैक्शन की राशि को उनके
अकाउंट में वापस क्रेडिट कर दिया। जांच अधिकारी के अनुसार, इस बीच कई बार
बैंक के एटीएम में कैश बैलेंस में गड़बड़ी की बात सामने आई, जिसके बाद बैंक
अधिकारियों ने सीसीटीवी फुटेज की पड़ताल में हरीश के काले कारनामे को
पकड़ा।
उंगली के सहारे जाम की कैश ट्रे
सीसीटीवी से पता चला कि हरीश हर ट्रांज़ैक्शन के पहले एटीएम की कैश
ट्रे में अपनी उंगली लगा देता था, जिसके कारण ट्रे जाम हो जाती थी और मशीन
इस ट्रांज़ैक्शन को फेल रेकॉर्ड कर देती थी। वहीं कैश इस ट्रे में फंसा रह
जाता था, जिसे हरीश अपनी उंगली से निकाल लेता था। इन पैसों को लेने के बाद
हरीश बैंक में यह शिकायत करता था कि उसका ट्रांज़ैक्शन फेल हो गया है और
इसी आधार पर बैंक सारे रेकॉर्ड चेक करते हुए निकासी के अमाउंट को खाते में
सेटल कर देता था।
हरीश से पुलिस कर रही है पूछताछ
चांदखेड़ा थाने के उप निरीक्षक वीआर देसाई के मुताबिक, बैंक की शिकायत
के बाद अब हरीश को हिरासत में लेकर पूछताछ की जा रही है। उन्होंने यह भी
कहा कि पूर्व में कुछ अन्य लोगों द्वारा भी ऐसी ही धोखाधड़ी की बात सामने आ
चुकी है ऐसे में पुलिस यह पता लगाने में जुटी है कि क्या हरीश ने किसी
अन्य बैंक के साथ भी ऐसी जालसाजी की है या नहीं?