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परवान चढ़ते भगोरिया पर्व को सताने लगी वर्षा की चिंता

निशा राठौर, झाबुआ.

परवान चढ़ते भगोरिया पर्व पर इस वर्ष बिन पानी बरसात की चिंता सताने लगी है, भगोरिया में सम्मिलित होने वाले आदिवासी व गैर आदिवासी समाज वर्षा न हो इसके लिए भगवान से प्रार्थना व मन्नते कर रहे है। आदिवासी बाहुल्य झाबुआ-आलीराजपुर जिले में शुक्रवार से प्रारंभ हुआ भगोरिया पर्व धीरे-धीरे परवान चढने लगा था कि अचानक मौसम में आये बदलाव के चलते शनिवार-रविवार की रात से अंचल में ठंडी हवाए चलने लगी और रात्री 2.30 बजे कही रिमझिम तो कही झमाझम बारिश हुई। 

परवान चढ़ते भगोरिया पर्व को सताने लगी वर्षा की चिंता
बारिश ने किया झाबुआ इलाके में भगोरिये का रंग फीका

व्यापारियों को उम्मीद के मुताबिक धंधा नहीं होने का डर


भगोरिया के जरिए कांग्रेस ने की पांव पसारने की कोशिश


रविवार सुबह भी आकाश में काले घने बादल छाये रहे, लेकिन कुछ समय के बाद आसमान साफ हो गया। मौसम खुलते ही झाबुआ के भगोरिया में शामिल होने वाले विभिन्न स्थानों के व्यापारी झाबुआ पहुंचे और व्यापार शुरू किया। भगोरिया में आसपास के ग्रामीण अंचलों से बडी संख्या में आदिवासी महिला, पुरूष अपने परिवार के साथ शामिल हुए और पर्व का आनंद उठा रहे थे। भगोरिये का रंग जमने ही लगा था कि दोपहर 2.20 बजे मौसम ने अचानक करवट बदली और आकाश में काले बादल छा गये व देखते ही देखते अचानक तेज बारिश शुरू हो गई, जिसके बाद (उत्कृष्ट विद्यालय खेल मैदान) भगोरिया हाट में भगदड मच गई और हर कोई बारिश से बचने के लिए जगह तलाशने लगा। आंधे घंटे तक बारिश के कारण मैदान पर अफरा तफरी का माहौल रहा। वही बारिश के कारण कई व्यापारियों को भी भारी नुकसान उठाना पडा। बारिश का क्रम कभी रिमझिम तो कभी झमाझम देर शाम तक बना रहा। 

परवान चढ़ते भगोरिया पर्व को सताने लगी वर्षा की चिंता
झाबुआ-आलीराजपुर अंचल के हर भगोरिया हाट में दिन ब दिन भीड बढ़ती जाएगी। भगोरिया के दिन जैसे-जैसे घटते जा रहे है वैसे-वैसे अंचल में लगने वाले भगोरिया हाट की रौनक बढ़ने की उम्मीद थी, लेकिन इन परवान चढ़ते भगोरिये की रौनक पर रविवार दोपहर अंचल में चली तेज आंधी और हुई बारिश से आदिवासियों में विशेषकर युवा-युवतियों में निराशा छा गई। वही शाम ढलते ही फिर से पूरा आकाश बादलों से ढक गया जिसके कारण अंचल के भगोरिया हाटों में व्यापार करने वाले व्यापारियों और पर्व का आनंद उठाने वाले लोगों को वर्षा की चिंता सताने लगी है। वर्षा की दस्तक से जिले में गुरूवार तक विभिन्न स्थानों पर आयोजित होेने वाले भगोरिया पर्व का आंनद लोग नही उठा सकेगे ऐसी आशंका व्यक्त की जा रही है और वर्षा की चिंता को लेकर आदिवासी समाज व व्यापारियों द्वारा गुरूवार तक वर्षा न हो इसके लिए प्रार्थना व मन्नत ले रहे है। 

परवान चढ़ते भगोरिया पर्व को सताने लगी वर्षा की चिंता
भगोरिये में हावी रही कांग्रेस की मोर्चाबंदी
रविवार को जिला मुख्यालय के भगोरिया हाट में कांगे्रस ने अपने परंपरागत ढोल-मादल के साथ गैर निकाली। इसमें पूर्व सांसद कांतिलाल भूरिया, जिपं अध्यक्ष कलावती भूरिया, जिला कांग्रेस अध्यक्ष निर्मल मेहता, ब्लाक कांगे्रस अध्यक्ष मानसिंह मेडा, नामदेव आचार्य, हर्ष भट्ट आदि कांगे्रस पदाधिकारी एवं कार्यकर्ता शामिल हुए। इन्होंने आदिवासी एवं गैरआदिवासियों को भगौरिया पर्व की शुभकामनाएं दी। इसके पूर्व जिला कांगे्रस कमेटी कार्यालय पर विकासखंड के विभिन्न स्थानों से आये नवनिर्वाचित पंच, सरपंच एवं तडवियों का साफा बांधकर सम्मान किया। कार्यालय परिसर में विभिन्न स्थानों से आये ढोल पर ग्रामीण एवं कांगे्रस नेता, कार्यकर्ता जमकर थिरके। समारोह पश्चात कांग्रेस कार्यालय से गैर निकाली गई जो प्रमुख मार्गो से होते हुए बस स्टेंड पहुंची, जहां विभिन्न क्षेत्रों से आये ग्रामीणों ने अलग-अलग टोलियां बनाकर ढोल व मांदल की थाप पर काफी देर तक जमकर नाचे। 

परवान चढ़ते भगोरिया पर्व को सताने लगी वर्षा की चिंता
पहली बार भगोरिया से नदारद रहे भाजपाई
भगोरिया में एक और जहां कांगे्रस पूरी तरह से भगोरिया की मस्ती में मस्त दिखाई दी वही भाजपा जो की हर वर्ष परंपरागत रूप से गैर का आयोजन करती थी, उसके नेता व पदाधिकारी पूरे भगोरिया में नदारद रहे जो कि भगोरिया में लोगों के लिए चर्चा का विषय बना रहा। कई लोगों ने यह कहने से भी परहेज नही किया कि भाजपा चुनाव से पहले रैलिया व गैर निकाला करती थी लेकिन जिले में सत्ता की वापसी के बाद उसके नेता आदिवासियों के पर्व से दुरियां बनाने लगे है। हालाकि भाजपा के कुछ कार्यकर्ता केवल अपनी उपस्थिती दर्ज करावाने हेतु बस स्टेंड के फव्वारा चौक पर सदस्यता अभियान में लोगों को जोडते नजर आये। 

परवान चढ़ते भगोरिया पर्व को सताने लगी वर्षा की चिंताठेकेदार ने की व्यापारियों के साथ लूट
भगौरिया पर्व स्थानीय उत्कृष्ट विद्यालय के खेल मैदान में आयोजित किया गया। जहां पर विभिन्न स्थानों से आये व्यापारियों ने अपनी-अपनी दुकाने लगाई। यहा नपां के बाजार वसूली के ठेकेदार के गुर्गे ने एक नपां कर्मी को साथ लेकर मैदान में बैठे व्यापारियों से लड झगडकर जबरन नगरपालिका परिषद झाबुआ के नाम की पर्ची काटकर 200-200 रूपये वसूले। इसका कई व्यापारियों द्वारा जमकर विरोध भी किया पर ठेकेदार के गुर्गे के सामने उनकी एक न चली। इस संबंध में कुछ व्यापारियों ने वहा मौजूद कुछ खबरनवीशों को बताया जिस पर ठेकेदार के व्यक्ति से बातचीत की तो वह वह वर्गफीट से दुकान अनुसार राशि लेने की बात करने लगा। 

जबकि नियम अनुसार नपां के ठेकेदार को विद्यालय मैदान पर भगोरिया पर लगने वाली दुकानों से वसूली करने का अधिकार नही है। इस संबंध में जब मीडियाकर्मियों ने नपा अध्यक्ष धनसिंह बारिया से सेल फोन पर चर्चा की तो उन्होने बताया कि खेल मैदान पर ठेकेदार वसूली नही कर सकता है और यदि वह ऐसा करता है तो यह गैरकानूनी है। क्योकि जमीन उत्कृष्ट विद्यालय की है और वहा हमारा कोई हस्तक्षेप नही है। मामले को बढता देख ठेकेदार का व्यक्ति व नपाकर्मी मैदान से चले गये। व्यापारी पंकज जैन ने बताया कि भगोरिया में प्रतिवर्ष दुकान लगाते है लेकिन 10-20 रूपये से अधिक की राशि आज दिन तक नही ली गई। यदि इस प्रकार की लूटपटी पर अंकुश नही लगाया गया तो व्यापारी पर्व में दुकाने नही लगाएंगे।

रायपुरिया में नही सुनाई दी ढ़ोल मांदल

जिलें में जारी भगौरिया की मस्ती को रविवार को ग्रामीण क्षेत्रों के लोगों की अरूचि और दोपहर बाद बरसे बादलों में नजर लगा दी। नतीजे में रायपुरिया के भगौरिया हाट की रौनक किसी आम हाट बाजार की तुलना में भी बहुत फीकी रही। आमतौर पर रायपुरिया का साप्ताहिक हाट वैसे भी काफी प्रसिद्ध रहता है और त्यौहारों पर्वों पर भरने वाला हाट बाजार तो बहुत ही खास, लेकिन आदिवासी अंचलों में शादी-ब्याह और सुदूर अंचलों के क्षेत्रों में पलायन ने एक बार फिर इस पारंपरिक त्यौहार की रौनक छीन ली। भगौरिया पर्व के अवसर पर ग्राम पंचायत द्वारा झाबुआ चौराहे पर आम नागरिकों के लिए शर्बत की व्यवस्था भी रखी थी।

बारिश से कम ग्राहकी से व्यापारी निराश
रतलाम, बदनावर, राजगढ और अन्य दूरस्थ क्षेत्रों के व्यापारी रायपुरिया हाट में अपना व्यापार व्यवसाय करने आते है। भगौरिया पर्व पर तो कई व्यापारी विशेष रूप से अपनी दुकानें लगाये बैठे थे की कम ग्राहकी और फिर पानी ने व्यापार का पूरा मजा ही बिगाड़ दिया।

परवान चढ़ते भगोरिया पर्व को सताने लगी वर्षा की चिंतादोपहर बाद बरसे बदरा, चली ठंडी हवाएं
बीतें दिनों से मौसम में अचानक पारे के उछाल से गर्मी जैसा माहौल बन गया था की रविवार को सुबह से ही क्षेत्र में हवाएं चलने का दौर शुरू हो चुका था और मौसम में काफी नरमी आ गयी थी कि दोपहर बाद अचानक बादल घिर आये और साढ़े चार बजे तक तो आधे घंटे तक जोरदार बारिश हुई। मावठे के इस पानी ने कपकपी पैदा कर दी है।

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