शासकीय कार्यालयों के समय पर खुलने की पोल उस समय खुल गई जब एसडीएम डीके सिंह अचानक नगरीय व ग्रामीण क्षेत्र में निरीक्षण करने पहुंचे। एसडीएम को जनपद कार्यालय व कृषि कार्यालय पर ताले लटके हुए मिले। वहीं ग्राम बसिया के आंगनबाड़ी केन्द्र के निरीक्षण में बच्चों की उपस्थिती कम मिलने पर नाराजगी व्यक्त करते हुए पोषण आहार, बच्चों को नेशनल डे वर्मिंग दिवस के अवसर पर पिलाई जा रही कृमि नाशक दवा के बारे में जानकारी ली। आंगनबाड़ी केन्द्र में कार्यकर्ता सहायिका सहित आधा दर्जन बच्चे ही मिलने पर उपस्थिती बढ़ाने के निर्देश दिए।
एसडीएम के निरीक्षण में जनपद कार्यालय पर ताला पाया |
मानपुर में ग्राम पटेल की बहू आंगनबाडी कार्यकर्ता होने से कभी नहीं आई मुंह दिखाने
महिला बाल विकास विभाग की सुपरवाईजर की मिलीभगत से चल रही है कागजी आंगनबाडियां
ग्राम मानपुर में आंगनबाड़ी केन्द्र का अता-पता नहीं था। ग्रामवासियों ने बताया कि आंगनबाड़ी केन्द्र आज तक नहीं लगा, कौन कार्यकर्ता है कौन सहायिका उन्हें नहीं पता, जबकि रिकार्ड के अनुसार ग्राम पटेल कमल सिंह लोधी की बहु आंगनबाड़ी कार्यकर्ता है। जिसने आज तक आंगनबाड़ी केन्द्र नहीं लगाया, केन्द्र केवल कागजों में चल रहा है।
कार्यकर्ता एवं सहायिका बराबर भुगतान ले रही है और समय समय पर केन्द्रो को मिलने वाली खाद्यान एवं सहायता राशि भी प्राप्त कर रही है। इसमें महिला एवं बाल विकास विभाग की क्षेत्रीय सुपरवाईजरकी भी मिली भगत है। जिसके कारण सुपरवाईजर को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है और कार्यकर्ता एवं सहायिका को बर्खास्त करने की कार्रवाई की गई है।
इससे प्रतीत होता है कि ग्रामीण क्षेत्रों में अधिकांश आंगनबाड़ी कागजो में चल रही है जिसमें विभाग के संबंधित अधिकारियों की भी सांठ-गांठ है। कई जगह तो बताया गया कि प्रत्येक आंगनबाड़ी केन्द्र से एक एक हजार रु पए इसी बात के लिए जाते है कि कागजों में केन्द्र चलते रहे और कार्यकर्ता सहायिका का भला होता रहे। ग्राम कोकलपुर में प्राथमिक एवं माध्यमिक शाला का निरीक्षण करने पर एसडीएम ने व्यवस्था संतोषजनक पाई वहां पदस्थ टीचर मौजूद थी बच्चों की पढ़ाई चल रही थी।
वहीं कोकलपुर आंगनबाड़ी केन्द्र जिसके मकान में लगता है वहां पर पंडित द्वारा अन्य जाति के बच्चों को नहीं आने देने की शिकायत मिलने पर तत्काल वहां से केन्द्र हटाकर स्कूल भवन के रिक्त पड़े एक अतिरिक्त कक्ष में आंगनबाड़ी केन्द्र लगाने की व्यवस्था कराई गई है, जहां पर शनिवार से आंगन वाड़ी केन्द्र शुरू हो जाएगा। सभी समाज के बच्चों को बिना भेदभाव के केन्द्र पर लाने के निर्देश दिए गए है। इसके अतिरिक्त आंगनबाड़ी कार्यकर्ता ने बताया कि नेशनल वर्मिंग डे का उसको कुछ पता नहीं स्वास्थ्य विभाग द्वारा कोई दवा उपलब्ध नहीं कराई गई और न ही उसने किसी बच्चे को कोई दवा पिलाई है। एसडीएम ने पाया कि नेशनल वर्मिंग डे का कार्य अंसतोष जनक रहा।