परमवीर चक्र विजेता शहीद नायक जदुनाथ सिंह जी के शहीद दिवस पर जिला सैनिक कल्याण एवं पुर्नवास विभाग की ओर से परिसर में 68वां शहीद दिवस मनाया गया। जिसमें मुख्य अतिथि उ0प्र0 के राज्यमंत्री पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग राममूर्ति सिंह वर्मा जी रहे। राज्यमंत्री वर्मा, जिलाधिकारी शुभ्रा सक्सेना स्टेशन हेड क्र्वाटर शाहजहांपुर के लेफ्टिनेट कर्नल एस बख्शी, 2 आईसी कर्नल उन्नीकृष्णन, राजपूत रेजीमेंट के सेना के अधिकारी अपर जिलाधिकारी वित्त एवं राजस्व पी0के0 श्रीवास्तव, कर्नल के0के0 चैधरी एवं जिला सैनिक एवं पुर्नवास अधिकारी कर्नल शिरोमणि मिश्रा सहित भूतपूर्व सैनिकों अधिकारियों गणमान्य नागरिकों एवं सेना की टुकड़ी द्वारा रीत एवं उनकी मूर्ति पर माल्यार्पण कर भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की गयी। सेना की टुकड़ी द्वारा शहीद नायक जदुनाथ सिंह को सलामी दी गयी। राज्यमंत्री श्री वर्मा ने शहीद को सलामी दी।
परमवीर चक्र विजेता शहीद नायक जदुनाथ सिंह जी ने अकेले 500 शत्रुओं का किया था संहार
राज्यमंत्री श्री वर्मा ने कहा कि यह बड़े गर्व की बात है कि शहीद नायक जदुनाथ सिंह हमारी धरती के लाल है जिन्होंने अपनी पराक्रम और साहस से 500 सैनिकों के छक्के छुड़ा दिये। आज उनकी इस शहीदी दिवस पर हम उन्हें भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित करते है। और देश की रक्षा करने वाले सभी जवानों को सलाम करते है। उन्होंने कहा कि हमारे जिले की धरती ऐसी है कि यहां देश की रक्षा करने वाले वीरो की कमी नही है। देश पर मर मिटने वाले इस जिले में पग-पग पर पाये जाते है। उनकी कुर्बानी हम सब को गौरव प्रदान करती है। उन्होंने कहा कि जदुनाथ जी के गांव में तत्कालीन जिलाधिकारी के सहयोग से उनकी मूर्ति लगाई गयी है उनके गांव के विकास के लिए कार्य किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि सरकार भूतपूर्व सैनिकों एवं शहीद हुए सैनिकों के परिवारों के लिए काफी सहयोग कर रही है हम उनके लिए अधिक से अधिक करेंगे। उन्होने कहा कि हम सभी को ऐसे वीर सपूतों के साहस पराक्रम से प्रेरणा लेनी चाहिए। हम सभी मिलकर राष्ट्र को एकता के सूत्र में बांधे रखेगें।
उक्त अवसर पर जिलाधिकारी शुभ्रा सक्सेना ने कहा कि मै अपने को गौरवान्वित समझती हूं कि मै शहीदों की इस धरती पर आयी और परमवीर चक्र विजेता शहीद जदुनाथ जी के शहीद दिवस पर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की। यह जिला शहीदों की नगरी के रूप में जाना जाता है यहां के कण-कण में राष्ट्र प्रेम छलकता है। उन्हांेने कहा कि देश का विकास तभी होता है जब लोग मिलजुल कर रहे और शान्तिपूर्ण ढंग से राष्ट्र निर्माण में अपने अपने दायित्वों के हिसाब से निर्वहन करते हुये देश को एकता के सूत्र में पिरोये रखे।
जिला सैनिक कल्याण एवं पुर्नवास अधिकारी कर्नल शिरोमणि मिश्रा ने सभी का स्वागत करते हुये शहीद नायक जदुनाथ सिंह की वीरगाथा के विषय में बताया। उन्होंने बताय कि 6 फरवरी 1948 को नायक जदुनाथ सिंह की कमान के अधीन तंगधार की न0 2 पिकेट के सबसे आगे वाले क्षेत्र की चैकी जहां से नौसेरा दिखाई देता है लगभग 500 शत्रु आक्रमणकारियों ने जदुनाथ सिंह की चैकी पर तीन हमले किये पहले आक्रमण के दौरान जदुनाथ सिंह केवल 9 सैनिकों की छोटी टुकड़ी के साथ डटे रहे। अपनी छोटी सी टुकड़ी के साथ उन्हांेने स्वय ब्रेन गन संभाली और गोलाबारी कर शत्रु को पराजित किया। शत्रुसेना अपने मृतक व घायल सैनिकों को छोड़कर पीछे हटी। तीसरे आक्रमण में बाहर निकलकर मोर्चा संभाला और गोलीबारी कर शत्रु को पीछे ढकेल दिया। उनके सीने व सिर में गोली लगी किन्तु शत्रु को आगे बढ़ने नही दिया उनके शरीर में 8 घांव थे और वह रणभूमि में शहीद हो गये अत्यंत्र सौर्य आत्म बलिदान के कारण नायक जदुनाथ सिंह को मरणोपरांत देश का उच्चतम सौर्य पदक परमवीर चक्र महा महामहीम राष्ट्रपति द्वारा प्रदान किया गया।
इस अवसर पर कर्नल एकेडमी के बच्चों द्वारा बन्दे मातरम एवं देशभक्ति पर गीत गाया गया। उक्त कार्यक्रम में माननीय राज्यमंत्री श्री वर्मा द्वारा 5 भूतपूर्व सैनिकों की विधवाआंे को 3-3 हजार रूपये के आर्थिक सहायता के चेक बांटे गये।कार्यक्रम का संचालन इन्दू अजनबी ने किया।
परमवीर चक्र विजेता शहीद नायक जदुनाथ सिंह जी ने अकेले 500 शत्रुओं का किया था संहार
राज्यमंत्री श्री वर्मा ने कहा कि यह बड़े गर्व की बात है कि शहीद नायक जदुनाथ सिंह हमारी धरती के लाल है जिन्होंने अपनी पराक्रम और साहस से 500 सैनिकों के छक्के छुड़ा दिये। आज उनकी इस शहीदी दिवस पर हम उन्हें भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित करते है। और देश की रक्षा करने वाले सभी जवानों को सलाम करते है। उन्होंने कहा कि हमारे जिले की धरती ऐसी है कि यहां देश की रक्षा करने वाले वीरो की कमी नही है। देश पर मर मिटने वाले इस जिले में पग-पग पर पाये जाते है। उनकी कुर्बानी हम सब को गौरव प्रदान करती है। उन्होंने कहा कि जदुनाथ जी के गांव में तत्कालीन जिलाधिकारी के सहयोग से उनकी मूर्ति लगाई गयी है उनके गांव के विकास के लिए कार्य किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि सरकार भूतपूर्व सैनिकों एवं शहीद हुए सैनिकों के परिवारों के लिए काफी सहयोग कर रही है हम उनके लिए अधिक से अधिक करेंगे। उन्होने कहा कि हम सभी को ऐसे वीर सपूतों के साहस पराक्रम से प्रेरणा लेनी चाहिए। हम सभी मिलकर राष्ट्र को एकता के सूत्र में बांधे रखेगें।
उक्त अवसर पर जिलाधिकारी शुभ्रा सक्सेना ने कहा कि मै अपने को गौरवान्वित समझती हूं कि मै शहीदों की इस धरती पर आयी और परमवीर चक्र विजेता शहीद जदुनाथ जी के शहीद दिवस पर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की। यह जिला शहीदों की नगरी के रूप में जाना जाता है यहां के कण-कण में राष्ट्र प्रेम छलकता है। उन्हांेने कहा कि देश का विकास तभी होता है जब लोग मिलजुल कर रहे और शान्तिपूर्ण ढंग से राष्ट्र निर्माण में अपने अपने दायित्वों के हिसाब से निर्वहन करते हुये देश को एकता के सूत्र में पिरोये रखे।
जिला सैनिक कल्याण एवं पुर्नवास अधिकारी कर्नल शिरोमणि मिश्रा ने सभी का स्वागत करते हुये शहीद नायक जदुनाथ सिंह की वीरगाथा के विषय में बताया। उन्होंने बताय कि 6 फरवरी 1948 को नायक जदुनाथ सिंह की कमान के अधीन तंगधार की न0 2 पिकेट के सबसे आगे वाले क्षेत्र की चैकी जहां से नौसेरा दिखाई देता है लगभग 500 शत्रु आक्रमणकारियों ने जदुनाथ सिंह की चैकी पर तीन हमले किये पहले आक्रमण के दौरान जदुनाथ सिंह केवल 9 सैनिकों की छोटी टुकड़ी के साथ डटे रहे। अपनी छोटी सी टुकड़ी के साथ उन्हांेने स्वय ब्रेन गन संभाली और गोलाबारी कर शत्रु को पराजित किया। शत्रुसेना अपने मृतक व घायल सैनिकों को छोड़कर पीछे हटी। तीसरे आक्रमण में बाहर निकलकर मोर्चा संभाला और गोलीबारी कर शत्रु को पीछे ढकेल दिया। उनके सीने व सिर में गोली लगी किन्तु शत्रु को आगे बढ़ने नही दिया उनके शरीर में 8 घांव थे और वह रणभूमि में शहीद हो गये अत्यंत्र सौर्य आत्म बलिदान के कारण नायक जदुनाथ सिंह को मरणोपरांत देश का उच्चतम सौर्य पदक परमवीर चक्र महा महामहीम राष्ट्रपति द्वारा प्रदान किया गया।
इस अवसर पर कर्नल एकेडमी के बच्चों द्वारा बन्दे मातरम एवं देशभक्ति पर गीत गाया गया। उक्त कार्यक्रम में माननीय राज्यमंत्री श्री वर्मा द्वारा 5 भूतपूर्व सैनिकों की विधवाआंे को 3-3 हजार रूपये के आर्थिक सहायता के चेक बांटे गये।कार्यक्रम का संचालन इन्दू अजनबी ने किया।