जमीयत उलमा, बलरामपुर के सरपरस्त मुफ्ती मोहम्मद इलियास ने अयोध्या में बुधवार को रहस्योदघाटन करते हुए सनसनीखेज बयान दे डाला। शनिधाम में मीडिया से रुबरु मुफ्ती इलियास ने कहा, ‘भगवान शंकर हमारे पहले पैगंबर हैं। शंकर और पार्वती हमारे मां-बाप हैं। भारत को हिंदू राष्ट्र घोषित करने का हम विरोध नहीं करते हैं। जैसे चाइनीज व जापानी हैं। वैसे ही हम हिंदुस्तानी हैं। हम भी सनातनधर्मीं हैं।’
जमीयत उलमा के मौलानाओं ने देश व समाज की बुराइयों व सामाजिक सौहार्द और एकता के लिए बलरामपुर में 27 फरवरी को आयोजित राष्ट्रीय कौमी एकता कॉन्फ्रेंस कांफ्रेंस के लिए संतों को आमंत्रित किया। इस दौरान उलमा ने आतंकवाद का पुतला फूंककर विरोध भी दर्ज कराया। मौलानाओं ने कहा कि सभी को शास्त्र और शरीयत के हिसाब से चलना चाहिए।
शनिधाम के स्वामी हरदयाल शास्त्री व श्रीराम जन्मभूमि के प्रधान अर्चक आचार्य सत्येंद्र दास ने भी अपने विचार रखे। जमीयत उलेमा के मौलाना अहमद अली, मुफ्ती इब्राहिम, मुफ्ती इलियास, मौलाना अजीमुल्लाह, मौलाना असजद, मलिक अबू सईद, इसहाक, हाफिज रहमतुल्लाह, हाफिज मोहम्मद इरफान, मौलाना इनायतुल्लाह, मौलाना जमयतुल्लाह ने कहा कि फिरकापरस्ती मुल्क, धर्म व इंसानियत के लिए नुकसानदेह है। दुनिया का कोई मजहब हिंसा की इजाजत नहीं देता।
जमीयत उलमा के मुफ्ती के बयान पर उलमा की राय
जमीयत उलमा के मुफ्ती मोहम्मद इलियास के बयान पर शहर के उलमा ने कहा है कि भगवान शंकर को मुसलमानों का पहला पैगंबर बताना उनका अपना विचार है। हर धर्म अपनी धार्मिक आस्था के आधार से समाज से जुड़ा है। हिंदू धर्म के मानने वालों व मुस्लिम धर्म के मानने वालों का अलग-अलग इतिहास है और इसे किसी से जोड़ा नहीं जा सकता।
मौलाना डॉ. कल्बे सादिक |
मौलाना खालिद रशीद फिरंगी महली |