रेलिक रिपोर्टर, भोपाल.
सरकारी काम काज के दौरान कर्मचारियों और अधिकारियों पर होने वाले हमलों और दबावों से निजात पाने के लिए जरुरी है कि, मध्यप्रदेश शासकीय सेवक संरक्षण अधिनियम परित किया जाए। ऐसे मामलों को गैरजमानतीय घोषित करके सुनवाई के लिए फास्ट ट्रैक कोर्ट का गठन किया जाए। इसके लिए 18 फरवरी को प्रदेशव्यापी टोटल शट डाउन में स्कूल और अस्पताल छोड़कर पूरी तरह सरकारी काम-काज बंद रहेगा। इसके लिए सिविल सेवा महासंघ का गठन किया गया है, जो साझा हितों की लड़ाई लडेगा।
अधिकारियों और कर्मचारियों ने 18 फरवरी की हड़ताल के लिए कमर कसी
यह कहना है राज्य प्रशासनिक सेवा संघ के प्रांताध्यक्ष जीपी माली और महासचिव दीपक सक्सेना का, जोकि शनिवार को मीडिया से मुखातिब थे। उन्होंने कहा कि बीते दस साल में करीब 14 हजार मामले मारपीट, हमला और धमकाने के हैं, लेकिन किसी भी मामले को अंजाम तक नहीं पहुंचाया जा सका। ऐसे में स्वाभिमान कां संदेश देने के लिए बंद रखा जाएगा। इस मौके पर बुद्धेश वैद्य, इच्छित गढ़पाले, संजीव केशवपांडे, मालती मिश्रा, सुजान रावत, राजेश गुप्ता, कुसुम चारी राज्य प्रशासनिक सेवा संघ, सुरेन्द्र सिंह सोलंकी, नगर निगम नगर पालिका कर्मचारी संघ, सत्येन्द्र सिंह धाकरे, मुख्य नगरपालिका अधिकारी संघ, शरदचंद्र सराठे, बिजली कर्मचारी महासंघ (बीएमएस), वीके परिहार, जाहिद खान, अजीत तिवारी, विद्युत मण्डल अभियंता संघ, राजेन्द्र शर्मा, विकास मुुख्य कार्यपालन अधिकारी संघ, भुवन गुप्ता, वरुण तिवारी, आरएल बागरी, मोतीलाल अहिरवार, राजस्व अधिकारी संघ, सुधीर नायक, मंत्रालयीन कर्मचारी संघ, जीडी सोनी, शासकीय कर्मचारी संघ, आरजी बकोरिया, संजय तिवारी, प्रान्तीय राजस्व कर्मचारी संघ, आनंद सोनी, बजरंग शरण आचार्य, प्रांतीय राजस्व कर्मचारी संघ, जितेंद्र सिंह, राजकुमार चंदेल, राज्य कर्मचारी संघ, एसके मेहरा, राजस्व नर्मदापुरम कर्मचारी संघ, कोदर सिंह मौर्य, पटवारी संघ, राधेश्याम बघेल, राकेश शर्मा भू-अभिलेख अधिकारी संघ, सीवी सेन, मप्र स्थापना कर्मचारी, भूपेश गुप्ता, सीईओ यूनियन, मुकुट सक्सेना, जागरूक पटवारी संघ, राजीव निगम, एलएन कैलाशिया, आरएस कुशवाह, फिरोज अली, राजस्व निरीक्षक संघ, विनोद माफर, बिजली कर्मचारी संघ आदि थे।
कर्मचारी प्रोटेक्शन एक्ट के लिए होगी आर-पार की लड़ाई
फ़रवरी 14, 2015
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