रेलिक रिपोर्टर, भोपाल.
भारत संचार निगम लिमिटेड (बीएसएनएल) को निजीकरण से बचाने के लिए कर्मचारियों और अधिकारियों ने अब अवाम का भी साथ मांगा है। इसके लिए आगामी 25 फरवरी तक हस्ताक्षर अभियान चलेगा, जिसके जरिए एक करोड़ हस्ताक्षर करवाए जाएंगे।
बीएसएनएल अधिकारियों एवं कर्मचारियों की बैठक में हस्ताक्षर अभियान की बनाई रणनीति
देशभर से एक करोड़ हस्ताक्षर करवाने के बाद 25 फरवरी को संसद सत्र, दिल्ली में करेंगे पेश
इस बारे में शुक्रवार को बीएसएनएल को बचाने और निजीकरण की साजिश को नाकाम करने के लिए हुई बैठक में बीएसएनएलईयू के सर्किल सेके्रटरी हरीसिंह ठाकुर, जिलाध्यक्ष राशिद अली, एनएफटीई के सर्किल सेक्रेटरी हबीब खान, एआईबीएसएनएलईए के परवेज खान, एसएनईए के दत्ता मजूमदार, बीएसएनएल इंप्लाइज यूनियन के जिला सचिव सलामत अली, सहसचिव महेश रायकवार, अख्तर हुसैन, गयासउद्दीन, महेंद्र कुमार शुक्ला, आरडी धुर्वे, बदरुद्दीन, जगदीश वर्मा, शहाबउद्दीन, ओम श्रीवास्तव, एमके उइके, एचएस परिहार, महिमा यादव, सदरुन्निशा, विष्णु शंकर सेन, एसके श्रीवास्तव आदि थे। इस मौके पर तय किया गया कि, बीएसएनएल कर्मचारियों और अधिकारियों की टोलियां बनाकर जनता के बीच जाएंगे, ताकि हस्ताक्षर अभियान में शामिल किया जा सके।
बेनकाब करेंगे सरकार की घिनौनी साजिश को
जिला कार्यालय में हुई बैठक के बाद मीडिया से मुखातिब बीएसएनएलईयू के जिला सचिव सलामत अली और सहसचिव महेश रायकवार ने बताया कि, साजिश के तहत बीएसएनएल को खत्म किया जा रहा है, ताकि निजी कंपनियों को सौंपा जा सके। बीएसएनएल को टुकड़ों तोड़ा जा रहा है। इसके साथ ही नए उपकरणों की खरीद में जानबूझकर देरी की जा रही है। नई बनने वाली कॉलोनियों में केबिल नहीं ड़ाली जा रही है और खराबी आने पर महीनों तक सुधार नहीं करवाया जाता। इससे उपभोक्ता परेशान होकर बीएसएनएल के बजाय किसी निजी कंपनी की सेवाएं लेने को विवश हो रहे हैं। इसके विरोध में अब बीएसएनएल कर्मचारियों के साथ ही अवाम भी एकजुट होगी और एक करोड़ के हस्ताक्षर अभियान में सहभागिता करेगी, ताकि बीएसएनएल को बचाया जा सके। इन हस्ताक्षरों को 25 फरवरी से शुरु होने वाले संसद सत्र के दौरान दिल्ली में पेश किया जाएगा।
बीएसएनएल को निजी कंपनियों के हवाले करने की साजिश
फ़रवरी 06, 2015
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