रेलिक रिपोर्टर, शाहजहांपुर.
विभिन्न धर्माचार्यों की शोभायात्रा के साथ मुमुक्षु महोत्सव का शुभारंभ हो गया। स्वामी शुकदेवानन्द जी महाराज के निर्वाण की अर्धशताब्दी के समारोह के प्रारम्भ के अवसर पर उपस्थित जन समुदाय को शंकराचार्यों और धर्माचार्यों का आर्शीवाद प्राप्त हुआ।
स्वामी शुकदेवानन्द जी महाराज के निर्वाण का अर्द्धशताब्दी समारोह
विश्वनाथ मंदिर से प्रारम्भ हुयी शोभायात्रा से पूर्व योगी आदित्यनाथ ने टाउन हाल स्थित शहीदों की प्रतिमाओं पर माल्यार्पण किया। शोभायात्रा का नगर के विभिन्न स्थानों पर फूल मालाओं से स्वागत किया गया। स्वागत करने वाालों में संजय अग्रवाल, अमितेष अमित, डा रानी त्रिपाठी, श्रीमती सरोज गुप्ता, राममोहन, विजय तुली, अभिषेक खण्डेलवाल, वेदप्रकाष गुप्ता, राजेष गुप्ता, दयाशंकर शर्मा, बाबूराम गुप्ता, अजय गुप्ता, राजीव अग्रवाल, अजय शर्मा, जगतबन्धु रघुवंषी, बृजेष सक्सेना और डा. संजय बरनवाल शामिल रहे। महाविद्यालय परिसर में पहुंचकर धर्माचार्यों ने स्वामी शुकदेवानन्द जी महाराज की मूर्ति का पूजन किया।
इस मौके पर गोरक्षपीठाधीश्वर एवं सांसद योगी आदित्य नाथ ने कहा कि भारत में सन्यास की परम्परा कर्म में विश्वास रखती है। कर्म से विरत रहने के लिये कोई सन्यास नहीं कहता। यदि किसी समाज को अपनी संस्कृति और परम्परा से काट दिया जाये तो वह विनष्ट हो जाता है। हिन्दू धर्म के साथ यही कुत्सित प्रयास किया जा रहा है। हिन्दु धर्मावलम्बियों को धर्मनिरपेक्षता के नाम पर धर्म से अलग करने का षडयन्त्र चल रहा है। उन्होंने सेकुलरिज्म को देश का कचरा बताया, उन्होंने कहा कि हिन्दू मानस ही वह है दुनिया को बताता है कि श्रद्धा के साथ परम्परायें कैसे चलती हैं। ईरान में जब पारसी समुदाय को नष्ट किया जा रहा था तो उसे भारत ने ही शरण देकर जीवनदान प्रदान किया। भारत की सनातन हिन्दू परम्परा अत्यन्त उदार रही है, विभिन्न पन्थों, विचारों और मतों को उसने खुद में समाहित किया है।
धर्माचार्यों की शोभायात्रा के साथ मुमुक्षु महोत्सव का शुभारंभ
फ़रवरी 25, 2015
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