शाहजहांपुर।
स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी कुर्सी पर बैठे-बैठे छोटे मेहनतकश कर्मचारियों की कमाई में से कमीशन खाने से भी गुरेज नहीं करते। आशाएं बेचारी दिनरात मेहनत करती हैं और जब उनका पैसा आता है तो उसे देने के लिए अधिकारी कमीशन मांगते हैं। आजकल आशाओं का विभिन्न मदों का पैसा पीएचसी व सीएचसी प्रभारियों के एकाउंट में आया हुआ है। इसे देने के लिए उनसे कमीशन मांग जा रहा है। जिसके विरोध में आशाएं आज कलेक्ट्रेट में एकत्र हुईं और सीएमओ व प्रभारियों के खिलाफ जमकर नारेबाजी की।
आशा वेलफेयर एसोसिएशन सोसाइटी की जिलाध्यक्ष कमलजीत कौर के नेतृत्व में सोमवार को तमाम आशा बहुएं कलेक्ट्रेट पर एकत्र हुईं और सीएमओ व सीएचसी पीएचसी प्रभारियों के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। जिलाध्यक्ष कमलजीत कौर ने मुख्यमंत्री को संबोधित ज्ञापन सिटी मजिस्ट्रेट को दिया। उन्होने बताया कि आशाओं का विभिन्न मदों का नौ माह का पैसा पीएचसी व सीएचसी प्रभारियों के खातों में आया हुआ है। प्रत्येक आशा के लिए नौ माह का नौ-नौ हजार रुपया आया है। इस पैसे के भुगतान के लिए पीएचसी व सीएचसी प्रभारी एक-एक हजार रुपया कमीशन मांग रहे हैं। इस संबंध में आशाओं ने सीएमओ को अवगत कराया तो उन्होने कहा कि प्रभारियों को पैसा देने के आदेश कर दिए गए हैं, लेकिन अस्पतालों के प्रभारी कहते हैं कि सीएमओ ने उनसे ऐसा कुछ नहीं कहा। आशाओं ने कहा कि सीएमओ व अस्पतालों के प्रभारी मिलकर आशाओं को गुमराह कर कमीशन खाना चाहते हैं। ज्ञापन में आशाओं ने 10 से 15 हजार वेतन की भी मांग की।
आशा वेलफेयर एसोसिएशन सोसाइटी की जिलाध्यक्ष कमलजीत कौर के नेतृत्व में सोमवार को तमाम आशा बहुएं कलेक्ट्रेट पर एकत्र हुईं और सीएमओ व सीएचसी पीएचसी प्रभारियों के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। जिलाध्यक्ष कमलजीत कौर ने मुख्यमंत्री को संबोधित ज्ञापन सिटी मजिस्ट्रेट को दिया। उन्होने बताया कि आशाओं का विभिन्न मदों का नौ माह का पैसा पीएचसी व सीएचसी प्रभारियों के खातों में आया हुआ है। प्रत्येक आशा के लिए नौ माह का नौ-नौ हजार रुपया आया है। इस पैसे के भुगतान के लिए पीएचसी व सीएचसी प्रभारी एक-एक हजार रुपया कमीशन मांग रहे हैं। इस संबंध में आशाओं ने सीएमओ को अवगत कराया तो उन्होने कहा कि प्रभारियों को पैसा देने के आदेश कर दिए गए हैं, लेकिन अस्पतालों के प्रभारी कहते हैं कि सीएमओ ने उनसे ऐसा कुछ नहीं कहा। आशाओं ने कहा कि सीएमओ व अस्पतालों के प्रभारी मिलकर आशाओं को गुमराह कर कमीशन खाना चाहते हैं। ज्ञापन में आशाओं ने 10 से 15 हजार वेतन की भी मांग की।