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भजन संध्या में हुई वृंदावनधाम की अनुभूति

रेलिक रिपोर्टर, झाबुआ.

स्थानीय उत्कृष्ठ उमावि मेदान शुक्रवार रात वृंदावनधाम बन गया। हजारों की संख्या में श्रीकृष्ण भक्तों का जमावडा देर रात विश्व प्रसिद्ध भजन गायक विनोद अग्रवाल एवं बलदेवजी के कंठ में बिराजित सरस्वती साक्षात स्वरूप में दिखाई दी और महिला एवं पुरूषों ने एक शाम मूरली वाले के नाम भजन संध्या में जमकर भजनों की संगीतमय प्रस्तुति पर झुमकर एवं नृत्य कर माहोल को फागमय एवं बृजधाम का आभास कराया। समाज की महिला मंडल ने आगंतुक श्रोताओं का तिलक लगाकर स्वागत किया। 

भजनों की प्रस्तुति देते अग्रवाल
अंचल के प्रसिद्ध संतगण दयारामदासजी महाराज के अलावा करीब एक दर्जन संतों ने भी भजन संध्या में शिरकत की। विधि-विधान से भगवान श्रीकृष्ण की पूजा दिलीप आचार्य एवं मनीष बैरागी ने विनोदजी से संपन्न कराया। जिले की परंपरानुसार सुदामा मंडल की ओैर से विनोदजी एवं बलदेवजी का नीरज राठौर, अजय रामाववत, राजेन्द्र शर्मा, कमलेश जायसवाल, जीवन पडियार, राजेन्द्र सोनी आदि ने 51-51 किलों के हार से दोनों भजन गायकों का आत्मीय स्वागत कर साफ ा बांधकर, झुलडी पहिनाकर तथा स्मृति चिन्ह भेंट किया। विनोदजी के आगमन के पूर्व उनके साथ आये बलदेवजी ने स्थानीय गोवर्धननाथजी हवेली में दर्शन के समय फ ाग गीत से प्रभावित होकर चोरी कर जोरी नही, यहां होरी में कौन कोरी रही, श्याम सुंदर गोपी को रंग से सराबोर भजन बह जायेगी कजरे की धार ना मोपे रंग डारों.. सुनाकर श्रोताओं को तालिया बजाने को बाध्य कर दिया। भजन सम्राट विनोदजी ने शिवरात्री पर्व के आगमन के अवसर पर भगवान शिवजी का भजन ’’ चन्द्रशेखराय नमों ओम, गंगाधराय नमों ओम, शिव शिव शिवाय नमों ओम, हर हर हराय नमों ओम.. सुनाकर सभी श्रोता झुमने लगे। शिवजी के इस भजन को सुनकर साक्षात ओढरधानी शिवजी के साकार स्वरूप की सभी के दिलों में कल्पनायें साकार हो गई। उनका भजन कब मिलेगे मीत सावंरिया शरद ऋ तु में साद सजन की नित्य ही बढती जाती, शीतल हवा के संग..। भजन गोपाल मुरलिया वाले नंदलाल मुरलिया वाले...। चंदा सा मुखडा दिखाई जा ए मोर मुकुट घुंघराली लटवाले.. पर महिलाओं एवं श्रद्धालुओं ने जमकर नृत्य किया। विनोदजी का भजन जरा कान खोल के बात सुनले रे पीया, मैं तो वृंदावन जाउंगी पर पूरा माहौल कृष्णमय हो गया। भजन मैं तो तुम संग होली खेलूंगी वाह वाह से रसीया को काफ ी पसंद किया। कृष्ण भक्ति से सराबोर भजन फुलों से सज रहे श्री बृंदावन बिहारी, इनके साथ सज रही वृषभानु दुलारी ने पूरे माहौल को वृंदावन बना दिया। उनके अंतिम भजन राधे राधे राधे गोविंद राधे गोविंद राधे, गोपाल राधे तथा श्री राधे राधे राधे राधे श्री राधे पर स्वयं विनोदजी एवं उनकी टीम एवं पांडाल में उपस्थित सभी महिला-पुरूषों ने नृत्य कर वातावरण को आनंदमय बना दिया। सुदामा मंडल ने कार्यक्रम को सफ ल बनाने तथा प्रत्यक्ष एवं परोक्ष रूप से सहयोग देने वाले सभी आगंतुकों को आभार माना।

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